03 October 2020
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने ‘अटल टनल’ के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया और इसे इंजीनियरिंग का एक चमत्कार बताया “आज का दिन पूरे देश के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि आज भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी का स्वप्न मोदी सरकार ने पूरा किया है” “दुनिया की सबसे लंबी हाइवे सुरंग ‘अटल टनल’ से लेह और मनाली के बीच की यात्रा का समय 4-5 घंटे कम हो जाएगा। यह एक ऑल वेदर टनल है जिससे लाहौल-स्पीति अब पूरे साल देश के बाकी हिस्सों से जुड़ा रहेगा” “अटल टनल पूरे क्षेत्र के लिए एक बहुत बड़ा वरदान साबित होगी, जिससे अब लोंगो की बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं, व्यापार अवसरों तथा आवश्यक वस्तुओं तक सुगम पहुँच होगी” “अटल टनल से देश की रक्षा क्षमताओं को बल मिलेगा और पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलने से रोज़गार के अवसर भी उत्पन्न होंगे”
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने ‘अटल टनल’ के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया और इसे इंजीनियरिंग का एक चमत्कार बताया। अपने ट्वीट में श्री शाह ने कहा कि “आज का दिन पूरे देश के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि आज भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी का स्वप्न मोदी सरकार ने पूरा किया है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को इस अभूतपूर्व परियोजना पर निरंतर काम कर इसे पूर्ण करने पर बधाई”।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि “दुनिया की सबसे लंबी हाइवे सुरंग ‘अटल टनल’ से लेह और मनाली के बीच की यात्रा का समय 4-5 घंटे कम हो जाएगा। यह एक ऑल वेदर टनल है जिससे लाहौल-स्पीति अब पूरे साल देश के बाकी हिस्सों से जुड़ा रहेगा। पहले यह हिस्सा कई महीनों तक देश के अन्य क्षेत्रों से कटा रहता था”।
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श्री अमित शाह ने यह भी कहा कि “अटल टनल पूरे क्षेत्र के लिए एक बहुत बड़ा वरदान साबित होगी, जिससे अब लोंगो की बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं, व्यापार अवसरों तथा आवश्यक वस्तुओं तक सुगम पहुँच होगी। अटल टनल से देश की रक्षा क्षमताओं को बल मिलेगा और पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलने से रोज़गार के अवसर भी उत्पन्न होंगे”।
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अटल टनल 9.02 किलोमीटर लंबी है। यह टनल हिमालय की पीर पंजाल श्रृंखला में औसत समुद्र तल (एमएसएल) से 3000 मीटर (10,000 फीट) की ऊंचाई पर अति-आधुनिक विनिर्देशों के साथ बनाई गई है। अटल टनल को अधिकतम 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के साथ प्रतिदिन 3000 कारों और 1500 ट्रकों के यातायात घनत्व के लिए डिजाइन किया गया है। यह टनल सेमी ट्रांसवर्स वेंटिलेशन सिस्टम, एससीएडीएनियंत्रित अग्निशमन, रोशनी और निगरानी प्रणाली सहित अति-आधुनिक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल प्रणाली से युक्त है।
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रोहतांग दर्रे के नीचे एक रणनीतिक टनल का निर्माण करने का ऐतिहासिक निर्णय 3 जून, 2000 को लिया गया था जब स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। टनल के दक्षिण पोर्टल की पहुंच रोड़ की आधारशिला 26 मई, 2002 रखी गई थी।
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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल की 24 दिसम्बर 2019 को हुई बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा दिए गए योगदान को सम्मान प्रदान करने के लिए रोहतांग टनल का नाम अटल टनल रखने का निर्णय लिया गया था।
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A historic day for the entire country as the vision of Bharat Ratna Atal Bihari Vajpayee ji comes true!
Gratitude to PM @narendramodi ji on the inauguration of an engineering marvel the ‘Atal Tunnel’. Congratulations to BRO for working relentlessly on this unprecedented project. pic.twitter.com/h4hIdEM52K
— Amit Shah (@AmitShah) October 3, 2020
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As the longest highway tunnel in the world, 'Atal Tunnel' will reduce the travel time between Leh and Manali by 4-5 hours. Being an all-weather tunnel, it will also connect Lahaul-Spiti with the rest of the country throughout the year which used to be cut off for months earlier. pic.twitter.com/gpgRHRo3iy
— Amit Shah (@AmitShah) October 3, 2020
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Atal Tunnel will prove to be a major boon for the entire region. People will now have access to better healthcare facilities, business opportunities & essential items. It will also strengthen our defence preparedness & generate employment by giving impetus to the tourism sector. pic.twitter.com/9cP8751fz8
— Amit Shah (@AmitShah) October 3, 2020
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