03 April 2021
केंद्रीय गृह मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह द्वारा तिरुनेलवेली, तमिलनाडु में आयोजित विशाल जनसभा में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु
तमिलनाडु विधान सभा का यह चुनाव कई मायनों में प्रदेश के भविष्य के निर्माण का चुनाव है। ये चुनाव तय करेगा कि तमिलनाडु, वंशवाद और परिवारवाद के रास्ते पर चलेगा या सच्चे मक्कल थिलागम महान एमजीआर के दिखाए रास्ते पर चलेगा।
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राहुल गाँधी के नेतृत्व वाली यूपीए में कांग्रेस ‘4G' तो डीएमके ‘3G' है। जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गाँधी और राजीव गाँधी के बाद अब राहुल गाँधी के रूप में ‘गाँधी परिवार’ की चौथी पीढ़ी कांग्रेस का नेतृत्व कर रही है तो डीएमके में करुणानिधि और स्टालिन के बाद अब तीसरे जनरेशन के उदयनिधि को तमिलनाडु का मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी हो रही है।
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स्टालिन ने अपने बेटे उदयनिधि को मुख्यमंत्री बनाने के चक्कर में पूरे तमिलनाडु का भविष्य दांव पर लगा दिया है।
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मारन परिवार, करुणानिधि परिवार और गाँधी परिवार, तीनों वंशवादी और परिवारवादी पार्टियां हैं जबकि भाजपा-एआईएडीएमके नीचे से लेकर ऊपर तक गरीबों को आगे बढ़ाते हुए देश का प्रधानमंत्री और प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने वाली पार्टी है।
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आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को तमिलनाडु के किसानों, बेरोजगार युवाओं और मछुआरों की चिंता है जबकि स्टालिन को अपने बेटे उदयनिधि को मुख्यमंत्री बनाने की चिंता है। एनडीए के लिए तमिलनाडु का जन कल्याण सर्वस्व है जबकि यूपीए के लिए उदय कल्याण ही सर्वस्व है।
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उदयनिधि की बात करते ही स्टालिन और डीएमके के नेताओं का गुस्सा बढ़ जाता है और गुस्से में वे किसी के भी बारे में कुछ भी बोल जाते हैं, यहाँ तक कि हमारे स्वर्गवासी नेता और प्रतिष्ठित व्यक्तित्व अरुण जेटली जी और सुषमा स्वराज जी के लिए भी अभद्र टिप्पणियां करते हैं।
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जो दुनिया में ही नहीं हैं, उन पर पर टिप्पणी करना तमिलनाडु की संस्कृति नहीं है स्टालिन जी। लगता है कि स्टालिन और डीएमके के नेता महान तमिल संस्कृति को भूल गए हैं। डीएमके नेताओं ने पहले भी महान तमिल सपूत कामराज जी के लिए भी अभद्र टिप्पणियां की हैं।
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डीएमके के एक नेता ने हाल ही में सारी सारी मर्यादाएं तोड़ कर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री ई. पलनिसामी जी की स्वर्गीय माताजी के लिए भी अपशब्दों का प्रयोग किया है। डीएमके के नेताओं को शर्म आनी चाहिए। उनके बयानों से पूरे तमिलनाडु की माताएं, बहनें और बेटियां शर्मसार हैं।
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माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री पलनिसामी जी किसानों के दुःख-दर्द को समझते हैं, इसलिए तमिलनाडु की एआईएडीएमके सरकार ने दो-दो बार पूरे प्रदेश के किसानों का कर्ज माफ़ किया है जबकि प्रधानमंत्री जी देश के हर किसान को सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता दे रहे हैं।
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मोदी सरकार ने देवेंद्र कुला वेल्लालर की जातियों को सम्मानित किया और इसके लिए जब माननीय प्रधानमंत्री जी संसद में विधेयक लेकर आये, तब डीएमके के सभी सांसदों ने इसके विरोध में संसद का बहिष्कार किया क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि इन जातियों को सम्मान मिले।
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ये मोदी सरकार है जिसने आर्थिक रूप से पिछड़े सभी लोगों के लिए 10% आरक्षण का प्रावधान किया। साथ ही, यहाँ तमिलनाडु सरकार ने वन्नियार समुदाय के लिए भी शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10.5% इंटरनल आरक्षण का प्रावधान किया।
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को तमिल भाषा से विशेष लगाव है। वे दुनिया में कहीं भी जाते हैं, तमिल भाषा की सूक्तियों को अपने उद्बोधन में पिरोते हैं और तमिल भाषा को सम्मान देते हैं।
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ये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी हैं जिन्होंने जल्लीकट्टू के लिए नोटिफिकेशन निकाला। यदि डीएमके-कांग्रेस गठबंधन सत्ता में आया तो पता नहीं कब जल्लीकट्टू बंद हो जाए क्योंकि राजकुमार राहुल गाँधी ने 2016 में कांग्रेस के घोषणापत्र में जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी।
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2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2,600 से ज्यादा तमिल मछुआरे भाइयों और उनके 400 से अधिक बोटों को श्रीलंका की आर्मी से छुड़ाया है। वे जब श्रीलंका गए तो जाफना क्षेत्र में उन्होंने तमिल भाइयों के क्षतिग्रस्त घरों और तमिल मंदिरों का पुनर्निर्माण भी कराया।
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तमिलनाडु का सर्वांगीण विकास भाजपा, एआईएडीएमके और पीएमके गठबंधन की एनडीए सरकार ही कर सकती है, कांग्रेस-डीएमके की भ्रष्टाचारी सरकार नहीं।
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केंद्रीय गृह मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह ने आज शनिवार को तिरुनेलवेली, तमिलनाडु में आयोजित विशाल रैली को संबोधित किया और तमिलनाडु की जनता से भ्रष्टाचार और समाज को बांटने वाली राजनीति करने वाली कांग्रेस-डीएमके के गठबंधन को परास्त करते हुए राज्य के विकास और तमिल की महान संस्कृति एवं तमिल भाषा के संरक्षण व संवर्धन के प्रति समर्पित एआईएडीएमके, भाजपा और पीएमके के एनडीए गठबंधन की सरकार को बनाने की अपील की।
श्री शाह ने कहा कि तमिलनाडु विधान सभा का यह चुनाव कई मायनों में प्रदेश के भविष्य के निर्माण का चुनाव है। ये चुनाव तय करेगा कि तमिलनाडु, वंशवाद और परिवारवाद के रास्ते पर चलेगा या सच्चे मक्कल थिलागम महान एमजीआर के दिखाए रास्ते पर चलेगा। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में एक ओर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए है तो वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी के नेतृत्व में यूपीए। श्री नरेन्द्र मोदी जी एक चाय बेचने वाले के बेटे से लेकर देश के प्रधानमंत्री पद तक का सफ़र करते हुए, गरीबों के मसीहा के रूप में देश का नेतृत्व कर रहे हैं जबकि श्री ई. पलनिसामी जी ने किसान पुत्र के रूप में एक सामान्य कार्यकर्ता की तरह काम करते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद तक का सफ़र तय किया है।
डीएमके-कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि राहुल गाँधी के नेतृत्व वाली यूपीए में कांग्रेस ‘4G' तो डीएमके ‘3G' है। पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गाँधी और राजीव गाँधी के बाद अब राहुल गाँधी के रूप में ‘गाँधी परिवार’ की चौथी पीढ़ी कांग्रेस का नेतृत्व कर रही है तो डीएमके में करुणानिधि और स्टालिन के बाद अब उदयनिधि को तमिलनाडु का मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी हो रही है। स्टालिन ने अपने बेटे उदयनिधि को मुख्यमंत्री बनाने के चक्कर में पूरे तमिलनाडु का भविष्य दांव पर लगा दिया है। मारन परिवार, करुणानिधि परिवार और गाँधी परिवार, तीनों वंशवादी और परिवारवादी पार्टियां हैं जबकि भाजपा-एआईएडीएमके नीचे से लेकर ऊपर तक गरीबों को आगे बढ़ाते हुए देश का प्रधानमंत्री और प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने वाली पार्टी है।
श्री शाह ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को तमिलनाडु के किसानों, बेरोजगार युवाओं और मछुआरों की चिंता है जबकि स्टालिन को अपने बेटे उदयनिधि को मुख्यमंत्री बनाने की चिंता है। यह तमिलनाडु की जनता को तय करना है कि जो तमिलनाडु की जनता की चिंता करते हैं, उनके साथ जाना है या फिर उसके साथ, जो केवल अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए काम कर रहा है। मैं जब भी उदयनिधि की बात करता हूँ तो स्टालिन और डीएमके पार्टी का गुस्सा बढ़ जाता है और गुस्से में आपा खोकर डीएमके के नेता किसी के भी बारे में कुछ भी बोल जाते हैं, यहाँ तक कि हमारे स्वर्गवासी नेता और प्रतिष्ठित व्यक्तित्व अरुण जेटली जी और सुषमा स्वराज जी के लिए भी अभद्र टिप्पणियां करते हैं। जो दुनिया में ही नहीं हैं, उन पर पर टिप्पणी करना तमिलनाडु की संस्कृति नहीं है स्टालिन जी। लगता है कि स्टालिन और डीएमके के नेता महान तमिल संस्कृति को भूल गए हैं। डीएमके नेताओं ने पहले भी महान तमिल सपूत कामराज जी के लिए भी अभद्र टिप्पणियां की हैं। डीएमके के एक नेता ने हाल ही में सारी सारी मर्यादाएं तोड़ कर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री ई. पलनिसामी जी की स्वर्गीय माताजी के लिए भी अपशब्दों का प्रयोग किया है। डीएमके के नेताओं को शर्म आनी चाहिए। उनके बयानों से पूरे तमिलनाडु की माताएं, बहनें और बेटियां शर्मसार हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री पलनिसामी जी किसानों के दुःख-दर्द को समझते हैं, इसलिए तमिलनाडु की एआईएडीएमके सरकार ने दो-दो बार पूरे प्रदेश के किसानों का कर्ज माफ़ किया है जबकि माननीय प्रधानमंत्री जी देश के हर किसान को सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता दे रहे हैं। तमिलनाडु सरकार ने श्री पलनिसामी और श्री पनीरसेल्वम के नेतृत्व में महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप के लोन और गोल्ड लोन को भी माफ़ किया है।
श्री शाह ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी, भारतीय जनता पार्टी और सेल्वी जयललिता जी की पार्टी एआईएडीएमके दलितों के कल्याण के लिए भी समर्पित हैं। भारतीय जनता पार्टी ने देश के राष्ट्रपति के पद पर एक दलित के बेटे को बिठाने का काम किया तो तमिलनाडु में प्रदेश अध्यक्ष भी एक दलित के बेटे को ही बनाया। मोदी सरकार ने देवेंद्र कुला वेल्लालर की जातियों को सम्मानित किया और इसके लिए जब माननीय प्रधानमंत्री जी संसद में विधेयक लेकर आये, तब डीएमके के सभी सांसदों ने इसके विरोध में संसद का बहिष्कार किया क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि इन जातियों को सम्मान मिले। ये मोदी सरकार है जिसने आर्थिक रूप से पिछड़े सभी लोगों के लिए 10% आरक्षण का प्रावधान किया। साथ ही, यहाँ तमिलनाडु सरकार ने वन्नियार समुदाय के लिए भी शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10.5% इंटरनल आरक्षण का प्रावधान किया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री ई. पलनिसामी जी के लिए तमिलनाडु का जन कल्याण सर्वस्व है जबकि स्टालिन के लिए उदय कल्याण ही सर्वस्व है। विगत 10 वर्षों से प्रदेश में कानून-व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है, छोटे व्यापारियों को हफ्ता नहीं देना पड़ता।
श्री शाह ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को तमिल भाषा से विशेष प्यार है। वे दुनिया में कहीं भी जाते हैं, तमिल भाषा की सूक्तियों को अपने उद्बोधन में पिरोते हैं और तमिल भाषा को सम्मान देते हैं। ये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी हैं जिन्होंने जल्लीकट्टू के लिए नोटिफिकेशन निकाला। यदि डीएमके-कांग्रेस गठबंधन सत्ता में आया तो पता नहीं कब जल्लीकट्टू बंद हो जाए क्योंकि राजकुमार राहुल गाँधी ने 2016 में कांग्रेस के घोषणापत्र में जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2,600 से ज्यादा तमिल मछुआरे भाइयों और उनके 400 से अधिक बोटों को श्रीलंका की आर्मी से छुड़ाया है। अब हमारे तमिल मछुआरे भाइयों पर गोलीबारी करने की किसी की हिम्मत नहीं होती। श्री नरेन्द्र मोदी जी जब श्रीलंका गए तो जाफना क्षेत्र में उन्होंने तमिल भाइयों के क्षतिग्रस्त घरों और तमिल मंदिरों का पुनर्निर्माण भी कराया।
श्री शाह ने कहा कि तमिलनाडु की एआईएडीएमके सरकार ने केंद्र सरकार से सहयोग लेते हुए कोरोना के खिलाफ शानदार मैनेजमेंट किया है। मैं इसके लिए मुख्यमंत्री श्री ई. पलनिसामी जी और उप-मुख्यमंत्री श्री ओ. पन्नीरसेलवम जी को बधाई देता हूँ। एआईएडीएमके सरकार ने तमिलनाडु में सभी घरों के लिए 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त की है और कक्षा ग्यारहवी और बारहवीं की छात्राओं को निःशुल्क लैपटॉप दिया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस बार के बजट में केंद्र की मोदी सरकार ने तमिलनाडु में केवल नेशनल हाइवे के निर्माण के लिए एक लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। साथ ही, चेन्नई मेट्रो के फेज-II के लिए लगभग 63,000 करोड़ रुपये अलग से दिए गए हैं। तमिलनाडु में डिफेन्स कॉरिडोर बनाने का काम भी मोदी सरकार ने किया है। मदुरै में एक एम्स की स्थापना की गई है जिससे तमिलनाडु के लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। सागरमाला परियोजना के तहत लगभग सवा दो लाख करोड़ रुपये की लागत से तमिलनाडु में 107 योजनाओं पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु का सर्वांगीण विकास भाजपा, एआईएडीएमके और पीएमके गठबंधन की एनडीए सरकार ही कर सकती है, कांग्रेस-डीएमके की भ्रष्टाचारी सरकार नहीं।