07 June 2020
केंद्रीय गृह मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह द्वारा ‘बिहार जन-संवाद' अभियान के तहत वर्चुअल रैली के माध्यम से बिहार की जनता को दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु
संगठन ही भारतीय जनता पार्टी की शक्ति है. मैं भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं को कहना चाहता हूं कि मोदी जी का आह्वान है - जब तक कोरोनावायरस लड़ाई चल रही है, तब तक सेवा ही हमारा संगठन है. इसी मंत्र के साथ हम हम हर कोरोना पीड़ित की सेवा में लगें, लोगों में जागरूकता बढायें और जन-जन को इस लड़ाई में जोड़ें.
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पहले जब कभी भी राष्ट्रीय आपदाएं आती थीं तो केवल सरकारें ही इसकी खिलाफ लड़ती थीं. कोरोना ऐसी पहली महामारी है जिसके खिलाफ सरकार तो लड़ ही रही है लेकिन इसके साथ ही देश की 130 करोड़ जनता भी एकजुट होकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में एक राष्ट्र, एक जन के रूप में इस लड़ाई को लड़ रही है.
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हम सब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आत्मविश्वास से जगमगाता आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में संकल्पबद्ध हों और कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होकर इस पर विजय प्राप्त करें, यही हमारा आपसे निवेदन है.
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हमने बिहार में लालटेन युग से एलईडी युग, लूट एंड ऑर्डर से लॉ एंड ऑर्डर तक, लाठी राज से कानून राज तक, जंगलराज से कानून राज तक, बाहुबल से विकास बल तक और घोटाले से डीबीटी तक की यात्रा की है. हम बिहार में विकास को पटरी ने उतरने नहीं दे सकते.
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आने वाले दिनों में बिहार में चुनाव होने हैं. मुझे भरोसा है कि श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में दो-तिहाई बहुमत के साथ एनडीए की सरकार बनेगी लेकिन अभी समय राजनीति करने का नहीं है.
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आज जब मैं बिहार की जनता से वर्चुअल रैली के माध्यम से संवाद कर रहा हूँ तो कुछ लोग थाली बजा रहे हैं. मुझे इस बात की खुशी है कि देर से ही सही लेकिन विपक्ष ने मोदी जी की अपील को माना और कोरोना के खिलाफ थाली बजा कर वे भी इस लड़ाई से जुड़े.
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कुछ लोगों ने आज के बिहार जन-संवाद कार्यक्रम को बिहार की चुनाव सभा कहकर भी संबोधित किया है, मैं ऐसे सभी वक्रद्रष्टा लोगों से कहना चाहता हूँ कि इस इस वर्चुअल रैली का बिहार के चुनाव से कोई संबंध नहीं है.
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यह न तो चुनावी रैली है और न ही किसी एक राजनीतिक दल के गुणगान की रैली है. यह वर्चुअल रैली कोरोना के खिलाफ जंग में भारत को एकजुट रखने के लिए आयोजित की गई है, यह आत्मविश्वास से भरपूर जगमगाते आत्मनिर्भर भारत को बनाने की रैली है.
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यदि पूर्वाग्रह से ग्रसित कुछ लोग इसे राजनीति से जोड़ कर देखना चाहते हैं तो मैं उनसे पूछना चाहता हूँ कि आपको जनता से जुड़ने को किसने रोका है, आप दिल्ली में मौज करने के बजाय जनता से वर्चुअली ही जुड़ जाते!
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मैं पार्टी कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूँ कि नकारात्मकता फैलाने वाले लोग चाहे कुछ भी कहें, हमें अपने रास्ते से विचलित नहीं होना है. हमें अपने रास्ते पर सेवा और समर्पण भाव से चलते जाना है और अपना संघर्ष जारी रखना है.
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 70 सालों से लटकी हुए समस्याओं का समाधान करने का बीड़ा उठाया जो देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा से जुड़े हुए थे चाहे वह धारा 370 का उनूलन हो, ट्रिपल तलाक का खात्मा हो, नागरिकता संशोधन कानून को लागू करना हो या श्रीराम मंदिर का विषय हो.
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कांग्रेस की यूपीए सरकार ने 10 वर्षों में केवल एक बार लगभग साढ़े तीन करोड़ किसानों के लगभग 60 हजार करोड़ रुपये का ऋण माफ़ किया जबकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने लगभग साढ़े 9 करोड़ किसानों को किसान सम्मान निधि योजना के तहत 72 हजार करोड़ रुपये दिए हैं जो हर वर्ष वितरित किये जायेंगे.
आज कोरोना के संक्रमण काल में भी कुछ लोग थाली बजाकर तो कुछ लोग घर में बैठे-बैठे इंटरव्यू कर के सरकार में नुक्स निकालते हैं, सरकार पर आरोप मढ़ते हैं और लोगों को गुमराह करते हैं तो मैं उनसे पूछना चाहता हूँ कि वे बताये, उन्होंने आज तक क्या किया?
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पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय लाल बहादुर शास्त्री जी के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ही हैं जिनकी एक अपील पर पूरा देश एकजुट हो जाता है चाहे वह जनता कर्फ्यू का पालन हो, दीया जलाना हो या सेना द्वारा स्वास्थ्यकर्मियों पर पुष्पवर्षा हो.
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कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई को लेकर कई सर्वे हुए. किसी सर्वे में 84% तो किसी में 94% लोगों ने प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व की सराहना की है. भले ही सर्वे के आंकड़े अलग-अलग हों लेकिन यह बात निर्विवाद है कि देश की जनता कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ चट्टान की तरह साथ खड़ी है.
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मैं विशेष रूप से प्रवासी मजदूरों से अपील करना चाहता हूँ कि कुछ लोगों के प्रपंच में गुमराह न हों. पूरा देश आपका सम्मान करता हैं. मैं इस मंच से आज कहना चाहता हूँ कि देश का कोई भी हिस्सा हो, हर हिस्से के विकास की नींव में बिहार के लोगों के पसीने की महक है.
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित रखने के लिए कई कार्य किये. उन्हें सुरक्षित घर भेजने का अभियान चलाया गया, राज्यों को प्रवासी मजदूरों के भोजन के लिए 11,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गए और उन्हें आर्थिक सहायता दी गई.
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी गरीबों के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये का पैकेज लेकर आये जबकि आत्मनिर्भर भारत के लिए उन्होंने देश की जीडीपी के लगभग 10% के बराबर 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का एलान किया.
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बिहार की जनता को कुल मिलाकर अब तक 11,744 करोड़ रुपये पहुंचाने का काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है. गत कैबिनेट बैठक में मोदी सरकार ने देश में ‘एक देश, एक राशन कार्ड' योजना लागू करने का निर्णय लिया है जिसका सबसे अधिक फायदा प्रवासी मजदूरों को ही होगा.
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बिहार और उत्तर प्रदेश की सरकार ने प्रवासी मजदूरों के कल्याण के लिए जितने कदम उठाये हैं, उतना कांग्रेस की किसी भी राज्य सरकारों ने नहीं किया है.
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बिहार ने भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में 8,538 करोड़ रुपये की मदद सीधे आम जनता को दी है. मैं भाजपा कार्यकर्ता के नाते और देश के गृह मंत्री के नाते भी बिहार सरकार को इसके लिए साधुवाद देता हूँ.
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2015 में बिहार के विकास के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया था जिसका विपक्ष ने मजाक भी उड़ाया था लेकिन मैं आज पाई-पाई का हिसाब लेकर आया हूँ. इसका विकास कार्य भी जमीन पर स्पष्ट दिखा रहा है. यही बताता है कि मोदी जी को कहते हैं, कर के दिखाते हैं.
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लालू यादव की सरकार में बिहार की विकास दर 3.1% थी जबकि नीतीश जी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने इसे 11.3% तक पहुंचाया. लालू सरकार बिहार के बजट का आकार 23,800 करोड़ रुपये छोड़ कर गई थी जबकि एनडीए सरकार ने इसे 2,11,761 करोड़ तक पहुंचाया है.
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प्रति व्यक्ति आय जहां पहले 0.12% थी, वहीं इसे हमने 4.8% तक पहुंचाया है. कृषि विकास दर 2.3% से 8.5% तक पहुंची है. बिजली की उपलब्धता 22% लोगों से बढ़ कर शत प्रतिशत लोगों तक पहुँची है. पक्की सड़कों का जाल भी 34% की तुलना में 96% तक बढ़ा है.
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लालू सरकार में पूंजीगत व्यय 3340 करोड़ रुपये तक सीमित था, आज यह 21058 करोड़ रुपये तक पहुंचा है. राजकोषीय घाटे को हम 6.2% से घटा कर 2.7% तक लाने में कामयाब हुए हैं. लालू सरकार में औद्योगिक विकास दर जहां निगेटिव थी, उसे हमने 17% तक आगे ले जाने में सफलता पाई है.
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए ने भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण, परिवारवाद और जातिवाद को ख़त्म कर विकासवाद की राजनीति का रोडमैप दिया है.
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केंद्रीय गृह मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने आज ‘बिहार जन-संवाद’ अभियान के तहत वर्चुअल रैली के माध्यम से बिहार के जनता को संबोधित किया और बिहार को लोकतंत्र की जननी बताते हुए राज्य की जनता से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने की अपील की.
श्री शाह ने सर्वप्रथम कोविड-19 महामारी से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि वे कोरोना के कारण अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए आत्माओं को चिर शांति प्रदान करें. उन्होंने इस बीमारी से और बीमारी के खिलाफ जंग लड़ रहे लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ये सभी जल्द ही कोरोना पर विजय प्राप्त कर आत्मनिर्भर भारत को प्रतिस्थापित करने के लिए उद्यत होंगे. उन्होंने कोरोना वॉरियर्स को नमन करते हुए कहा कि मैं उन सभी कोरोना वॉरियर्स को सलाम करता हूँ जो अपनी जान जोखिम में डाल कर सेवा का व्रत लिए हुए हैं. मैं उनके त्याग, समर्पण और बलिदान को नमन करता हूँ.
गृह मंत्री ने बिहार की जनता को कोटि-कोटि साधुवाद देते हुए कहा कि यह बिहार की जनता है जिसने 2014 में भी श्री नरेन्द्र मोदी जी में विश्वास व्यक्त किया था और 2019 में भी और अधिक जनादेश के साथ पूर्ण बहुमत की मोदी सरकार के गठन में अपनी भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि बिहार की भूमि ने ही दुनिया को लोकतंत्र की शिक्षा दी. बिहार की पावन धरा भगवान् बुद्ध और भगवान् महावीर की भूमि है, चंद्रगुप्त और चाणक्य की भूमि है. जब कभी भी देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ खिलवाड़ हुआ तो बिहार की जनता ने ही इसके खिलाफ बिगुल बजाया. आजादी की लड़ाई में बिहार का योगदान अद्वितीय था. देश के नवनिर्माण में बाबू जगजीवन राम, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, बाबू जयप्रकाश नारायण, डॉ राम मनोहर लोहिया और जॉर्ज फर्नांडीज साहब के योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता. जब इंदिरा गाँधी ने देश की जनता पर आपातकाल थोप कर लोकतंत्र का गला घोंटने का दुस्साहस किया तो बिहार की जनता ने ही बाबू जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में आंदोलन किया और देश में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना हुई. उन्होंने कहा कि बिहार की भूमि ने हमेशा ही भ्रष्टाचार, परिवारवाद व वंशवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और सामाजिक न्याय का झंडा बुलंद किया है.
पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आज जब मैं बिहार की जनता से वर्चुअल रैली के माध्यम से संवाद कर रहा हूँ तो कुछ लोगों ने थाली बजाकर इसका स्वागत किया है. मुझे इस बात की खुशी है कि देर से ही सही लेकिन विपक्ष ने मोदी जी की अपील को माना और कोरोना के खिलाफ थाली बजा कर वे भी इस लड़ाई से जुड़े. कुछ लोगों ने आज के बिहार जन-संवाद कार्यक्रम को बिहार की चुनाव सभा कहकर भी संबोधित किया है, मैं ऐसे सभी वक्रद्रष्टा लोगों से कहना चाहता हूँ कि इस इस वर्चुअल रैली का बिहार के चुनाव से कोई संबंध नहीं है. यह भारतीय जनता पार्टी है जो लोकतंत्र में विश्वास रखती है, जन-संवाद और जन-संपर्क में विश्वास रखती है. आज जब पूरा देश एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ लड़ रहा है तो क्या भारतीय जनता पार्टी जन-संवाद और जन-संपर्क के अपने संस्कार को यूं ही छोड़ दे? हम जनसंपर्क के अपने संस्कार को बचाए रखना चाहते हैं और देश की जनता को बताना चाहते हैं कि इस लड़ाई में वे अकेले नहीं हैं, भारतीय जनता पार्टी हर कदम पर उनके साथ है. मैं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी को बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूँ कि उन्होंने 75 वर्चुअल रैलियों के माध्यम से मंडल-स्तर तक देश भर की जनता से संपर्क करने का जरिया प्रदान किया है. यह न तो चुनावी रैली है और न ही किसी एक राजनीतिक दल के गुणगान की रैली है. यह वर्चुअल रैली कोरोना के खिलाफ जंग में भारत को एकजुट रखने के लिए आयोजित की गई है, यह कोरोना के खिलाफ लड़ाई को आत्मबल देने की रैली है, यह आत्मविश्वास से भरपूर जगमगाते आत्मनिर्भर भारत को बनाने हेतु प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान के साथ देश की जनता को जोड़ने की रैली है. यदि पूर्वाग्रह से ग्रसित कुछ लोग इसे राजनीति से जोड़ कर देखना चाहते हैं तो मैं उनसे पूछना चाहता हूँ कि आपको जनता से जुड़ने को किसने रोका है, आप दिल्ली में बैठ कर मौज करने के बजाय जनता से वर्चुअल रैली के माध्यम से ही जुड़ जाते! मैं पार्टी कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूँ कि नकारात्मकता फैलाने वाले लोग चाहे कुछ भी कहें, हमें अपने रास्ते से विचलित नहीं होना है. हमें अपने रास्ते पर सेवा और समर्पण भाव से चलते जाना है और अपना संघर्ष जारी रखना है.
श्री शाह ने कहा कि मैं इस मंच से बिहार के लाखों कार्यकर्ताओं और राज्य की जनता को मन से प्रणाम करना चाहता हूँ क्योंकि उन्होंने सदैव ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और भारतीय जनता पार्टी को अपना प्यार, समर्थन और आशीर्वाद दिया है. उन्होंने 2014 के चुनाव में श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा दिए गए वक्तव्य को उद्धृत करते हुए कहा कि श्री मोदी ने कहा था कि देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास पश्चिमी क्षेत्र के विकास की तुलना में काफी पीछे है और जब तक भारत के इस हिस्से का विकास नहीं होता, तब तक भारत के पूर्ण विकास की कल्पना नहीं की जा सकती. आजादी के समय देश की जीडीपी में उत्तर और पूर्वी भारत का योगदान अहम् होता था लेकिन आजादी के बाद इस तरह से सरकारें चली कि देश के हिस्से की लगातार अनदेखी होती रही जिसका परिणाम यह हुआ कि भारत लगातार पिछड़ते चला गया. मोदी सरकार ने विगत 6 वर्षों में करोड़ों गरीबों के जीवन में प्रकाश लाने का प्रयास किया है, इसका सबसे अधिक लाभ देश की पूर्व और पूर्वोत्तर के राज्यों को हुआ है, बिहार के लोगों को हुआ है. प्रधानमंत्री जी ने 2014 में सरकार बनते ही स्पष्ट कर दिया था कि उनकी सरकार गरीबों, दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के लिए समर्पित हो कर काम करेगी और विगत 6 वर्षों में हमारी सरकार ने इसे अक्षरशः चरितार्थ कर दिखाया है. कांग्रेस की चार-चार पीढ़ियों ने ‘गरीबी हटाओ' का नारा दिया लेकिन वे अपना भला तो करते रहे लेकिन गरीबी नहीं हटी जबकि मोदी सरकार ने 6 वर्षों में गरीब कल्याण की सैकड़ों योजनाओं को क्रियान्वयित कर गरीबी हटाने का मूलमंत्र देश को दिया है.
गृह मंत्री ने कहा कि आज देश के लगभग 50 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत के तहत सालाना पांच लाख रुपये तक स्वास्थ्य खर्च मुफ्त में मिल रहा है. अब तक लगभग एक करोड़ लोग आयुष्मान भारत से लाभान्वित हुए हैं. उज्ज्वला योजना के तहत देश के आठ करोड़ से अधिक लोगों को फायदा पहुंचा है. ढाई साल में ढाई करोड़ से अधिक घरों में ‘सौभाग्य योजना' के तहत बिजली पहुंचाने काम किया गया. दस करोड़ से अधिक घरों में शौचालयों का निर्माण को महिलाओं को आत्मसम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया गया. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हमारा लक्ष्य है कि 2022 में जब देश आजादी की 75वीं सालगिरह मना रहा होगा तब देश में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होगा जिसके पास अपना घर न हो. हमने ढाई करोड़ गरीबों को घर देने का कार्य पूरा कर लिया है.
श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की सीमाएं सुरक्षित हुई हैं और दुनिया में भारत के मान-सम्मान में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. आतंकवाद को हमने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करके दिखा दिया कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए कटिबद्ध है.
गृह मंत्री ने कहा कि जब देश की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी जी को 2014 से भी ज्यादा जनादेश के साथ चुना तो सरकार ने एक-एक करके 70-70 सालों से लटकी हुए समस्याओं का समाधान करने का बीड़ा उठाया. कई मसले ऐसे थे जो सीधे देश की एकता, अखंडता और देश की सुरक्षा के साथ जुड़े हुए थे. प्रधानमंत्री जी ने 05 अगस्त 2019 को धारा 370 और 35A को समाप्त कर जम्मू-कश्मीर को हमेशा-हमेशा के लिए भारत का अभिन्न अंग बना दिया. आज देश का बच्चा-बच्चा इस बात पर गर्व कर रहा है. इसी तरह मोदी सरकार ने ट्रिपल तलाक को सदा के लिए तलाक देकर मुस्लिम महिलाओं को इसके अभिशाप से मुक्ति दिलाई. भगवान् राम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण का मसला डेढ़ सौ सालों से अदालतों में लंबित था क्योंकि सरकारों की मंशा ही नहीं थी कि यह मसला कभी हल हो. जब केंद्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार आई तो सरकार ने इस पर सटीक एवं सही पक्ष रखा और सर्वोच्च अदालत ने भी सर्वसम्मति से रामलला के पक्ष में निर्णय आया. प्रधानमंत्री जी ने इसके लिए एक ट्रस्ट का निर्माण कर श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया. देश के विभाजन से लेकर वर्षों तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से कई लोग अपना सम्मान, धर्म और परिवार बचाने के लिए शरणार्थी के रूप में भारत आये. हमने उनसे वादा किया था कि उन्हें हिंदुस्तान की नागरिकता मिलेगी, बराबर का सम्मान मिलेगा लेकिन उनके साथ वहां तो अन्याय हुआ ही, भारत में भी अन्याय हुआ, इसलिए हम उनके अधिकारों की रक्षा के लिए सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट लेकर आये और उन्हें सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया.
श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार लगातार गरीब कल्याण के रास्ते पर चल रही है. 2019 में सरकार गठन के बाद प्रधानमंत्री जी ने जल शक्ति मंत्रालय का गठन कर जल जीवन मिशन शुरू किया जिसके तहत देश के 25 करोड़ लोगों के घरों में पाइप से शुद्ध पीने का पानी पहुंचाने का संकल्प लेकर हम कार्य कर रहे हैं. किसानों के कल्याण की दिशा में मोदी सरकार के कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गाँधी को निशाने पर लिया और कहा कि राहुल गाँधी चुनाव में जोर-जोर से बोलते थे कि किसानों का कर्ज माफ़ किया जाय. शायद राहुल गाँधी को उनके सलाहकारों ने कहा होगा कि जोर-जोर से बोलने में वोट मिलता है लेकिन उन्हें यह पता नहीं था कि देश की जनता अब उनके झूठों के बहकावे में नहीं आने वाली. श्री शाह ने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार ने 10 वर्षों में केवल एक बार लगभग साढ़े तीन करोड़ किसानों के लगभग 60 हजार करोड़ रुपये का ऋण माफ़ किया जबकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी देश के लगभग साढ़े 9 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 72 हजार करोड़ रुपये सीधे उनके बैंक एकाउंट में दे रहे हैं जो हर वर्ष वितरित किये जायेंगे. इसके साथ ही प्रधानमंत्री जी ने किसानों, मजदूरों, छोटे दुकानदारों के लिए पेंशन योजना शुरू की है और छोटे उद्यमियों के लिए व्यापारी बोर्ड का गठन किया गया है.
पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि वर्षों से चीफ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ के पद की मांग हो रही थी. प्रधानमंत्री जी ने सेना के तीनों अंगों को विश्वास में लेते हुए सीडीएस का गठन किया. वन रैंक, वन पेंशन का वादा भी मोदी सरकार ने ही पूरा किया. उन्होंने कहा कि देश में 400 नए एकलव्य मॉडल स्कूल भी बनाए गए. RCEP की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इसकी चर्चा शुरू की थी लेकिन यदि यह करार हो गया होता तो देश के किसान, छोटे व्यापारी और लघु उद्योगों को इसका खासा खामियाजा उठाना पड़ता. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने विश्व पटल पर यह स्पष्ट किया कि भारत अपने लोगों के हितों के खिलाफ कभी भी जा नहीं सकता और हमने RCEP से अपने आप को अलग रखा.
विपक्ष पर हमला करते हुए श्री शाह ने कहा कि आज कोरोना के संक्रमण काल में भी कुछ लोग थाली बजाकर तो कुछ लोग घर में बैठे-बैठे इंटरव्यू कर के सरकार में नुक्स निकालते हैं, सरकार पर आरोप मढ़ते हैं और लोगों को गुमराह करते हैं तो मैं उनसे पूछना चाहता हूँ कि वे बताये, उन्होंने आज तक क्या किया? प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पूरे भारत को जोड़कर कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए देश को तैयार किया है. पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय लाल बहादुर शास्त्री जी के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ही हैं जिनकी एक अपील पर पूरा देश एकजुट हो जाता है. जनता कर्फ्यू को भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा कि किस तरह प्रधानमंत्री जी की एक अपील पर बिना किसी पुलिस बल का उपयोग किये समग्र राष्ट्र ने अपने घरों में रहकर अपने नेता का सम्मान किया चाहे कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में थाली और घंटी बजाना हो, दीया जलाना हो या सेना के जवानों द्वारा आकाश मार्ग से स्वास्थ्य कर्मियों पर पुष्प वर्षा हो. कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक प्रोपगेंडा कहा लेकिन मैं उन वक्रद्रष्टाओं को कहना चाहता हूँ कि यह राजनीतिक प्रोपगेंडा नहीं, देश को एक बनाने की मुहिम है. पहले जब कभी भी राष्ट्रीय आपदाएं आती थीं तो केवल सरकारें ही इसकी खिलाफ लड़ती थीं. कोरोना ऐसी पहली महामारी है जिसके खिलाफ सरकार तो लड़ ही रही है लेकिन इसके साथ ही देश की 130 करोड़ जनता भी एकजुट होकर एक राष्ट्र, एक जन के रूप में इस लड़ाई को लड़ रही है. इसी का परिणाम है कि 130 करोड़ की आबादी वाले इतने विशाल देश में हम अपने को सुरक्षित महसूस कर पा रहे हैं. कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई को लेकर कई सर्वे हुए. किसी सर्वे में 84% तो किसी में 94% लोगों ने प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व की सराहना की है. भले ही सर्वे के आंकड़े अलग-अलग हों लेकिन यह बात निर्विवाद है कि देश की जनता कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ चट्टान की तरह साथ खड़ी है.
गृह मंत्री ने कहा कि कुछ लोगों ने बिहार की जनता को गुमराह करने के लिए बहुत सारे प्रपंच रचे हैं. मैं इतना ही कहना चाहता हूँ कि बिहार की जनता अपने-आप को इन सब बातों से अलग रखें. मैं विशेष रूप से प्रवासी मजदूरों से अपील करना चाहता हूँ कि वे गुमराह न हों. पूरा देश आपका सम्मान करता हैं. मैं इस मंच से आज कहना चाहता हूँ कि देश का कोई भी हिस्सा हो, हर हिस्से के विकास की नींव में बिहार के लोगों के पसीने की महक है. बिहार के व्यक्ति का पसीना देश के विकास की नींव में है. जो लोग प्रवासी मजदूरों को अपमानित करते हैं, उन्हें मालूम नहीं है कि बिहार के प्रवासी मजदूरों का जज्बा क्या है? प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित रखने के लिए कितने कार्य किये. महामारी के आते ही प्रधानमंत्री जी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्री से बात कर निर्देश दिए कि प्रवासी मजदूरों को सम्मान के साथ रखा जाए, उनके ठहरने और भोजन का प्रबंध किया जाय. भारत सरकार के खजाने से प्रधानमंत्री ने तुरंत ही राज्यों को प्रवासी मजदूरों के भोजन के लिए 11,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये. जब एक मई से व्यवस्था चाक-चौबंद होने लगी, जिले में स्वास्थ्य सेवायें सुव्यवस्थित हो गई, अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलिंडर पहुँच गए, क्वारंटाइन सेंटर बन गए, तब प्रवासी मजदूरों के लिए ‘श्रमिक स्पेशल ट्रेन' चलाने की शुरुआत की गई. आज मुझे यह कहते हुए हर्ष हो रहा है कि अब तक लगभग सवा करोड़ लोगों को सुरक्षित रूप से उनके घर पहुंचाने का काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है. यह सही है कि कुछ तकलीफें हुई हैं, कई दृश्य मन को विह्वल करने वाले हुए, कुछ लोगों पैदल चलने पर भी मजबूर हुए लेकिन सरकार ने उनके लिए बसें चलवाई. रेलवे ने प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए हजारों श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जिसका 85% खर्च रेलवे ने जबकि 15% राज्य सरकारों ने वहां किया. राज्य सरकारों ने क्वारंटाइन सेंटरों में प्रवासी मजदूरों को रखने की व्यवस्था की और जब वे अपने घर गए तो उन्हें 1000 रुपये नकद और बिहार में 1180 रुपये का सामान देने का काम बिहार सरकार किया. साथ ही, उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया. यदि विपक्ष को इसमें भी राजनीति करनी है तो करें लेकिन वे इतना बताएं कि आपने क्या किया? बिहार के एक नेता आज अनर्गल बयान दे रहे हैं, मैं उनसे पूछना चाहता हूँ कि आप बिहार की जनता को इतना बता दें कि आप दिल्ली में थे या बिहार में? हमें प्रवासी मजदूरों को उनके घर सुरक्षित पहुँचाने का प्रयास किया है और सवा करोड़ लोगों को देश के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचाने का यह काम कोई छोटा-मोटा काम नहीं है.
श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी गरीबों के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये का पैकेज लेकर आये जबकि आत्मनिर्भर भारत के लिए उन्होंने देश की जीडीपी के लगभग 10% के बराबर 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का एलान किया. किसान सम्मान निधि के तहत बिहार के 59 लाख किसानों को 1180 करोड़ रुपये सीधे उनके बैंक खाते तक पहुंचाए गए. बिहार के महिला जन-धन खाता धारकों के एकाउंट में 3545 करोड़ रुपये नरेन्द्र मोदी सरकार ने भेजे हैं. सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत 364 करोड़ रुपये दिए गए. उज्ज्वला योजना के तहत लगभग साढ़े आठ लाख परिवारों को 6 करोड़ 30 लाख रुपये की लागत से मुफ्त गैस सिलिंडर दिए गए. बिहार के चार करोड़ लोगों को 5720 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी गई. मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूँ कि आप अपनी सरकार की कोई ऐसी योजना बताएं जिसके माध्यम से बिहार की जनता के बैंक एकाउंट में इतना पैसा पहुंचा हो. पीडीएस के माध्यम से देश के 80 करोड़ लोगों को मोदी सरकार ने खाद्यान्न पहुंचाया गया. इसके लिए बिहार को लगभग 6000 करोड़ रुपये की मदद पहुंचाई गई. इस तरह बिहार की जनता को कुल मिलाकर अब तक 11744 करोड़ रुपये पहुंचाने का काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है. गत कैबिनेट बैठक में मोदी सरकार ने देश में ‘एक देश, एक राशन कार्ड' योजना लागू करने का निर्णय लिया है जिसका सबसे अधिक फायदा प्रवासी मजदूरों को ही होगा. बिहार और उत्तर प्रदेश की सरकार ने प्रवासी मजदूरों के कल्याण के लिए जितने कदम उठाये हैं, उतना कांग्रेस की किसी भी राज्य सरकारों ने नहीं किया है. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पांच-पांच बार सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से संवाद किया है, उनसे सुझाव लिया और और सुव्यवस्थित नीति बना कर समय-समय पर इसमें परिवर्तन भी किये हैं ताकि योजनाओं का लाभ आम जनता तक सही तरीके से पहुंचे.
गृह मंत्री ने कहा कि मैं बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी को बधाई देना चाहता हूँ क्योंकि उनके नेतृत्व में बिहार सरकार ने भी कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी है. बिहार सरकार ने 21 लाख से अधिक लाभार्थियों के खाते में 210 करोड़ रुपये भेजे, राशन कार्ड धारकों के कहते में 1141 करोड़ रुपये भेजे, सुरक्षा पेंशनरों के खाते में 1070 करोड़ रुपये, राज्य के बाहर फंसे प्रवासियों के खाते में 203 करोड़ रुपये और कक्षा एक से आठ के छात्रों के खाते में 3261 करोड़ रुपये भेजे. क्षतिपूर्ति के तहत किसानों के खाते में 417 करोड़ रुपये और मध्याह्न भोजन की राशि में 378 करोड़ रुपये अधिक भेजे. प्रखंड स्तरीय क्वारंटाइन सेंटरों के संचालन केलिए बिहार सरकार ने 777 करोड़ रुपये और महामारी की जांच व सुविधाओं के लिए 703 करोड़ रुपये खर्च किये. पंचायत स्तर पर 160 करोड़ रुपये की लागत से मास्क, साबुन और सैनिटाइजर का वितरण किया गया. बिहार ने भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में 8538 करोड़ रुपये की मदद सीधे आम जनता को दी. मैं भाजपा कार्यकर्ता के नाते और देश के गृह मंत्री के नाते भी बिहार सरकार को इसके लिए साधुवाद देता हूँ.
श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने छः वर्षों में बिहार की भलाई के लिए कई कदम उठाये हैं. मोदी सरकार ने आत्मनिर्भर भारत के तहत 20 लाख करोड़ रुपये का जो पैकेज लॉन्च किया है, इसका बहुत अधिक लाभ बिहार को मिलने वाला है. माइक्रोफ़ूड इंटरप्राइजेज के लिए 10,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है, इसमें मखाना को भी रखा गया है, इसके लिए क्लस्टर डेवलप करने की योजनायें बनाई गई है. इसी प्रकार 20,000 करोड़ रुपये मत्स्य संपदा के लिए रखे गए हैं. मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है. एमएसएमई के लिए लिए तीन लाख करोड़ रुपये की बैंक गारंटी केंद्र सरकार ने दी है, इसका फायदा बिहार के लघु उद्योगों को होगा.
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2015 में बिहार के विकास के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया था जिसका विपक्ष ने मजाक भी उड़ाया था लेकिन मैं आज पाई-पाई का हिसाब लेकर आया हूँ. पैकेज के तहत बिहार में महामार्गों के निर्माण केलिए 54,000 करोड़ रुपये, ग्रामीण सड़क के निर्माण के लिए 14,000 करोड़ रुपये, रेलवे के विकास के लिए 9,000 करोड़ रुपये, हवाई अड्डों के सुधार के लिए 27,00 करोड़ रुपये, पर्यटन के लिए 600 करोड़ रुपये, कौशल विकास के लिए 1525 करोड़ रुपये, पेट्रोलियम और गैस के लिए 21000 करोड़ रुपये, बिजली के लिए 16000 करोड़ रुपये, शिक्षा के लिए 1000 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य के लिए 600 करोड़ रुपये और डिजिटल बिहार के लिए 450 करोड़ रुपये दिए गए. इसका विकास कार्य भी जमीन पर स्पष्ट दिखा रहा है. यही बताता है कि मोदी जी को कहते हैं, कर के दिखाते हैं. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' के सिद्धांत पर सवा लाख करोड़ के पैकेज को इम्प्लीमेंट करने का कार्य किया है. उन्होंने कहा कि लगभग 14,000 करोड़ रुपये की लागत से बरौनी रिफाइनरी की क्षमता बढ़ाई गई और बरौनी स्थित खाद कारखाने के पुनरुद्धार केलिए 7083 करोड़ रुपये दिए गए. प्रोपिलीन यूनिट की स्थापना के लिए 1200 करोड़ रुपये और बरौनी रिफाइनरी में BS-6 इंधन को कार्यान्वित करने के लिए और 1500 करोड़ रुपये दिए गए. 670 किमी लंबी जगदीशपुर-हल्दिया पाइपलाइन परियोजना 2300 करोड़ रुपये से शुरू की गई. पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर पाइपलाइन के विस्तार के लिए 1800 करोड़ रुपये आवंटित किये गई. गंगा, सोन और कोसी जैसी बड़ी नदियों पर पुल बनाया जा रहा है. 1161 करोड़ रुपये की लगत से मोकामा से सिमरिया तक 8 किमी लंबा पुल गंगा नदी पर बनाया जा रहा है. भारत नेपाल सीमा पर 1655 करोड़ की लागत से समांतर सड़क बने जा रही है. बोध गया में आईआईएम और दरभंगा में एम्स का निर्माण किया जा रहा है. पूसा कृषि विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया आज्ञा है. 1200 करोड़ रुपये की लागत से पटना एयरपोर्ट का विस्तार हो रहा है, दरभंगा में 100 करोड़ की लगत से नया एयरपोर्ट तैयार हो रहा है. दरभंगा, भागलपुर, मुजफ्फरपुर और गया मेडिकल कॉलेज को अपग्रेड किया जा रहा है. नमामि गंगे के तहत ₹5000 करोड़ के लागत से पटना के अंदर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की शुरुआत की गई है.
लालू यादव की सरकार और नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकारों की तुलना करते हुए श्री शाह ने कहा कि लालू यादव की सरकार में बिहार की विकास दर 3.1% थी जबकि नीतीश जी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने इसे 11.3% तक पहुंचाया. लालू सरकार बिहार के बजट का आकार 23,800 करोड़ रुपये छोड़ कर गई थी जबकि एनडीए सरकार ने इसे 211761 करोड़ तक पहुंचाया है. प्रति व्यक्ति आय जहां पहले 0.12% थी, वहीं इसे हमने 4.8% तक पहुंचाया है. कृषि विकास दर 2.3% से 8.5% तक पहुंची है. बिजली की उपलब्धता 22% लोगों से बढ़ कर शत प्रतिशत लोगों तक पहुँची है. पक्की सड़कों का जाल भी 34% की तुलना में 96% तक बढ़ा है. लालू सरकार में पूंजीगत व्यय 3340 करोड़ रुपये तक सीमित था, आज यह 21058 करोड़ रुपये तक पहुंचा है. राजकोषीय घाटे को हम 6.2% से घटा कर 2.7% तक लाने में कामयाब हुए हैं. लालू सरकार में औद्योगिक विकास दर जहां निगेटिव थी, उसे हमने 17% तक आगे ले जाने में सफलता पाई है.
गृह मंत्री ने कहा कि हमने बिहार में लालटेन युग से एलईडी युग, लूट एंड ऑर्डर से लॉ एंड ऑर्डर तक, लाठी राज से कानून राज तक, जंगलराज से कानून राज तक, बाहुबल से विकास बल तक और घोटाले से डीबीटी तक की यात्रा की है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए ने भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण, परिवारवाद और जातिवाद को ख़त्म कर विकासवाद की राजनीति का रोडमैप दिया है.
श्री शाह ने कहा कि भाजपा की शक्ति संगठन है. मैं भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं को कहना चाहता हूं कि मोदी जी का आह्वान है - जब तक कोरोनावायरस लड़ाई चल रही है, तब तक सेवा ही हमारा संगठन है. इसी मंत्र के साथ हम हम हर कोरोना पीड़ित की सेवा में लगें, लोगों में जागरूकता बढायें और जन-जन को इस लड़ाई में जोड़ें.
श्री शाह ने कहा कि आने वाले दिनों में बिहार में चुनाव होने हैं. मुझे भरोसा है कि श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में दो-तिहाई बहुमत के साथ एनडीए की सरकार बनेगी लेकिन अभी समय राजनीति करने का नहीं है. हम सब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आत्मविश्वास से जगमगाता आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में संकल्पबद्ध हों और कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होकर इस पर विजय प्राप्त करें, यही हमारा आपसे निवेदन है.