13 Feb 2021
केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने लोकसभा में जम्मू -कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2021 पर चर्चा का जवाब दिया जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का इस विधेयक से कोई संबंध नहीं जम्मू कश्मीर के लोगों से फिर वादा करते हैं कि राज्य का विकास जो रूक गया था उसके पटरी पर आने के बाद उपयुक्त समय पर जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जायेगा जम्मू कश्मीर और लद्दाख को राजनीति का हिस्सा मत बनाइए, राजनीति करने के लिए बहुत सारी चीज़ें हैं लेकिन यह देश का संवेदनशील हिस्सा है उनको कई बार घाव लगे हैं, उनके मन में शंकाएं पड़ी हैं जिन पर मरहम लगाना इस सदन का काम है जम्मू और कश्मीर हमारे दिल में है नरेंद्र मोदी सरकार परिपत्रों,क़ानूनों और योजनाओं से नहीं चलती बल्कि भावना से चलती है और हम मानते हैं जम्मू कश्मीर हमारा है,आप हमारे हो,पूरा देश आपका है और पूरा देश आपके साथ खड़ा है डॉ. अंबेडकर ने कहा था कि राजा, रानी के पेट से पैदा नहीं होंगे, दलित, गरीब और पिछड़ों के वोट से पैदा होंगे, जिसे अब साकार किया गया है जब से मोदी जी प्रधानमंत्री बने हैं तब से जम्मू-कश्मीर उच्चतम प्राथमिकता वाला क्षेत्र रहा है, उसे कुछ शब्दों में बयान करना संभव नहीं है प्रधानमंत्री विकास पैकेज पीएम द्वारा घोषित एक मेगा विकास और पुनर्निर्माण पैकेज है, इसमें जम्मू कश्मीर के लिए 58,627 करोड़ रुपये के परिव्यय की 54 परियोजनाएं शामिल हैं, इनमें से 28 परियोजनाओं को पूरा करने का काम लगभग समाप्त होने जा रहा है जम्मू कश्मीर (संशोधन) विधेयक कोर्ट में है और सर्वोच्च अदालत ने 5 जजों की बेंच बनाई है, आवश्यकता पड़ने पर सरकार अपना पक्ष रखेगी कश्मीर के युवा को भी देश के ऑल इंडिया कैडर में आने का अधिकार है, धर्म के आधार पर सरकारी अधिकारियों की संख्या को बांटना उचित नहीं है जिला पंचायत चुनाव में 51.7% वोटिंग हुई और कहीं पर भी गोली नहीं चलानी पड़ी, चुनाव में घपला और अशांति नहीं हुई और भयरहित होकर लोगों ने मतदान किया मोदी सरकार वोट बैंक की राजनीति से नहीं चलती बल्कि देश हित में फैसले करती है विगत 17 महीनों में पंचायतों को सुदृढ़ किया गया, 21 विषयों को पंचायतों के हवाले किया गया और पंद्रह सौ करोड़ रुपए उनके खाते में डाल कर उन्हें मजबूत किया गया हम जम्मू कश्मीर को आपकी तरह मंथर गति से नहीं द्रुत गति से चलाना चाहते हैं जम्मू कश्मीर में शत प्रतिशत लोगों के घर में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य हासिल, 2022 तक सभी घरों में पहुँचेगा पीने का पानी, चार ज़िलों में काम पहले ही पूरा सेहत योजना के तहत जम्मू कश्मीर के सभी लोगों को पाँच लाख रुपये तक निशुल्क स्वास्थ्य सुरक्षा लगभग 50,000 करोड का पैकेज प्रधानमंत्री जी द्वारा आने वाले दिनों में लद्दाख को मिलने वाला है
केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज लोकसभा में जम्मू -कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2021 पर चर्चा का जवाब दिया। श्री अमित शाह ने कहा कि कई सांसदों का मानना है कि इस विधेयक को लाने का मतलब है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का इस विधेयक से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि वे जम्मू कश्मीर के लोगों से फिर वादा करते हैं कि राज्य का विकास जो रूक गया था उसके पटरी पर आने के बाद उपयुक्त समय पर जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जायेगा। उन्होने कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख को राजनीति का हिस्सा मत बनाइए। राजनीति करने के लिए बहुत सारी चीज़ें हैं लेकिन यह देश का संवेदनशील हिस्सा है। उनको कई बार घाव लगे हैं, उनके मन में शंकाएं पड़ी हैं जिन पर मरहम लगाना इस सदन का काम है। श्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर हमारे दिल में है। नरेंद्र मोदी सरकार परिपत्रों, क़ानूनों और योजनाओं से नहीं चलती बल्कि भावना से चलती है और हम मानते हैं जम्मू कश्मीर हमारा है,आप हमारे हो, पूरा देश आपका है और पूरा देश आपके साथ खड़ा है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर संशोधन विधेयक कोर्ट में है और सर्वोच्च अदालत ने 5 जजों की बेंच बनाई है, आवश्यकता पड़ने पर सरकार अपना पक्ष रखेगी किंतु इसके कारण सरकार वहां का विकास रोक दे यह उचित नहीं है। उन्होने कहा कि अरुणाचल, गोवा और मिजोरम भी राज्य हैं और जहां विशेष प्रकार की भौगोलिक और प्रशासनिक परिस्थिति होती है वहां राज्य के विकास के लिए अधिकारी भेजने पडते हैं। श्री शाह ने एक सदस्य द्वारा उठाए गए सवाल पर कहा कि धर्म के आधार पर सरकारी अधिकारियों की संख्या को बांटना उचित नहीं है। उन्होने कहा कि देश भर के अन्य राज्यों में भी आइएएस और आइपीएस अधिकारी हैं उनसे इन राज्यों के लोकल अधिकारियों का अधिकार नहीं जाता तो जम्मू कश्मीर में कैसे जाएगा। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में कोई बाहर का अफसर नहीं है सभी देश के अधिकारी हैं। कश्मीर के युवा को भी देश के ऑल इंडिया कैडर में आने का अधिकार है।
श्री अमित शाह ने कहा कि श्री नरेंद्र मोदी की सरकार में देश के फैसले देश की संसद करती है और कोई बाहरी किसी प्रकार का दबाव नहीं बना सकता है। अफवाहों को रोकने के लिए समय की आवश्यकता थी इसलिए 2G से 4G किया गया। उन्होंने कहा कि सुख, शांति और सलामती से रहना हर नागरिक का सबसे बड़ा अधिकार है। श्री अमित शाह ने कहा कि 370 और 35ए टेंम्परेरी एग्रीमेंट (temporary agreement) था लेकिन इसे सालों तक चलाया गया। । मोदी सरकार वोट बैंक की राजनीति से नहीं चलती बल्कि देश हित में फैसले करती है। श्री शाह ने कहा कि देश की जनता से 1950 से वादा था कि देश में दो विधान,दो निशान और दो संविधान नहीं रहेंगे और मोदी सरकार ने उसको पूरा किया है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि धारा 370 हटाने के बाद मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर में सबसे पहला काम पंचायती राज की पुर्नस्थापना की है। डॉक्टर अंबेडकर ने कहा था कि राजा रानी के पेट से पैदा नहीं होंगे, दलित, गरीब और पिछड़ों के वोट से पैदा होंगे जिसे अब साकार किया गया है। श्री शाह ने सदन को बताया कि जिला पंचायत के चुनाव में 51.7% वोटिंग हुई और कहीं पर भी गोली नहीं चलानी पड़ी, चुनाव में घपला और अशांति नहीं हुई और भयरहित होकर लोगों ने मतदान किया। श्री शाह ने कहा कि जिन्होंने धारा 370 हटाने का विरोध किया उनका साथ कश्मीर की जनता ने भी छोड़ दिया। श्री शाह ने कहा कि वे सफल चुनावों के लिए वहां की जनता, सुरक्षाबलों और चुनाव आयोग को बहुत बधाई देना चाहते हैं कि मोदी जी ने जो करने की इच्छा रखी थी उसको सब ने मिलकर पूरा किया है।
श्री शाह ने कहा कि कुल 4483 सरपंच निर्वाचन क्षेत्रों में से, 3650 सरपंच निर्वाचित हुए और 35029 पंच निर्वाचन क्षेत्रों में से, 23660 पंच निर्वाचित हुए। 3395 पंचायतों का विधिवत गठन हुआ और 1088 प्रशासक नियुक्त किए गए। विगत महीनों में पंचायतों को सुदृढ़ किया गया है और 21 विषय पंचायतों को सौंपे गए हैं। साथ ही पंद्रह सौ करोड़ रुपए उनके खाते में डाल कर उन्हें मजबूत किया गया जिनमें आईसीडीएस, आंगनवाड़ी, मनरेगा की मॉनीटरिंग और खनन का अधिकार संबंधी विषय शामिल हैं। इससे वह आत्मनिर्भर होंगे, अपने गांव का विकास करेंगे और यह सब धारा 370 हटने के कारण संभव हो सका है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हाल के एक अन्य निर्णय में जम्मू और कश्मीर सरकार ने खनन अधिकार भी पंचायती राज संस्थाओं को सौंप दिए हैं। बीडीसी अध्यक्ष को डीएम के समकक्ष स्थान दिया गया है। सभी राज्य पदाधिकारियों को आवंटित पंचायतों के अंदर दो दिन, एक रात का प्रवास करना सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
श्री शाह ने कहा कि इन लोगों को वहां के अटके हुए विकास कार्यों को गति देने के लिए, पंचायतों का सशक्तिकरण करने का कार्य दिया गया है। लोगों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से 20,000 विकास परियोजनाओं की पहचान की गयी। पूरे जन अभियान और ब्लॉक दिवस के दौरान, पाँच लाख से अधिक प्रमाण पत्र मौके पर ही दिये गए हैं। इनमें अधिवास, जन्म और मृत्यु तथा दिव्यांग आदि प्रमाण पत्र शामिल हैं । लगभग 50,000 परिवारों को स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के तहत कवर किया गया है। रोजगार कार्यक्रम के तहत 10,000 युवाओं को कवर किया गया, लगभग 6,000 कार्य शुरू किए गए हैं, युवाओं के बीच 4,400 खेल किट वितरित किए गए। गाँव की ओर वापस चलें की तर्ज पर शहरी क्षेत्रों के विकास के लिए भी भागीदारी कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।
श्री अमित शाह ने कहा कि जब से मोदी जी प्रधानमंत्री बने हैं तब से जम्मू-कश्मीर उच्चतम प्राथमिकता वाला क्षेत्र रहा है, उसे कुछ शब्दों में बयान करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विकास पैकेज पीएम द्वारा घोषित एक मेगा विकास और पुनर्निर्माण पैकेज है, इसमें जम्मू कश्मीर के लिए 58,627 करोड़ रुपये के परिव्यय की 54 परियोजनाएं शामिल हैं। इनमें से 20 परियोजनाएँ, जिनमें 7 केंद्रीय क्षेत्र और 13 संघ राज्य क्षेत्र द्वारा कार्यान्वित परियोजनाएँ शामिल हैं काफी हद तक पूरी हो चुकी हैं। इस वित्त वर्ष के अंत तक 8 और परियोजनाओं के पूरा होने की संभावना है।
श्री शाह ने कहा कि आईआईटी जम्मू ने अपने परिसर में काम करना शुरू कर दिया है। दोनों एम्स का निर्माण शुरू हो गया है। 8.45 किलोमीटर की बनिहाल सुरंग को शीघ्र खोला जाएगा। चेनाब नदी पर 359 मीटर विश्व के सबसे ऊंचे पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है। विश्वस्तरीय, सुरक्षित, विश्वसनीय और टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन सुविधा प्रदान करने के लिए श्रीनगर और जम्मू शहरों के लिए एलिवेटेड लाइट रेल प्रणाली की योजना बनाई जा रही है। इस परियोजना के लिए 10,599 करोड़ रुपये का डीपीआर तैयार किया गया है। लाइट रेल ट्रांजिट सिस्टम में जम्मू और कश्मीर में दो कोरिडोर होंगे। इसका काम चार वर्ष में पूरा हो जाएगा। परियोजना के डीपीआर को अंतिम रूप दिया गया है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर राज्य में हाइड्रोपावर की बहुत बड़ी संभावना है। उन्होने कहा कि हम आपकी तरह जम्मू कश्मीर को मंथर गति से नहीं चलाना चाहते बल्कि वहां के विकास को द्रुत गति से चलाना चाहते हैं। जम्मू और कश्मीर के पास प्रचुर जल संसाधन हैं। 14867 मेगावाट की कुल ज्ञात विद्युत क्षमता में से, पिछले 70 वर्षों में केवल 3504 मेगावाट का दोहन किया जा सका है जबकि पिछले 2 वर्षों में ही लगभग 3000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं को फिर से शुरू किया गया है।
श्री अमित शाह ने कहा कि सौभाग्य योजना के तहत जम्मू कश्मीर में शत प्रतिशत लोगों के घर में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है और 3,57,405 लोगों को 70 साल से बिजली नहीं मिल रही थी उन्हें 17 महीने में बिजली दी गई है। इस वर्ष 36 किलोमीटर लंबी 33 केवी लाइन बिछाकर एलओसी पर स्थित केरन और मुन्दिआन गांवों को ग्रिड से जोड़ दिया गया। उन्होने कहा कि सितम्बर 2022 तक सभी 18.16 लाख ग्रामीण परिवार पाइप द्वारा 100% जलापूर्ति से कवर हो जाएँगे। चार जिलों में शत-प्रतिशत घरों में पानी पहुँचाने का काम पूरा कर चुके हैं, बाकी जिले भी 2022 तक कवर हो जाएँगे। श्री शाह ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ (पीएमजीएसवाई) के तहत जम्मू और कश्मीर में 2020-21 में 5300 कि.मी. सडकों का निर्माण होगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पिछले 17 महीनों में स्वास्थ्य संबंधी कई परियोजनाओं को पूर्ण कर लिया गया है और शेष पर काम किया जा रहा है। पीएमडीपी के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय से कुल 881 करोड़ रुपए की पूरी राशि भेजी जा चुकी है, जिसमें से 754 करोड़ रुपए की राशि अब तक व्यय की गई है। 75 परियोजनाएं पूरी हो गयी हैं, बाकी 39 के 2021-22 के दौरान पूरा होने की सम्भावना है। इनमें श्रीनगर में 500 बिस्तरों वाला नया अस्पताल, जम्मू में 200 बिस्तरों वाले नए मातृत्व अस्पताल, जम्मू में नए हड्डी और जोड़ अस्पताल, जीएमसी जम्मू में 100 बिस्तर के आकस्मिक चिकित्सा ब्लाक तथा जम्मू में बालक और बालिका छात्रावास का निर्माण जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं शामिल हैं।
श्री अमित शाह ने कहा कि देशभर में ग़रीबों के लिए ‘प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना’ के तहत पाँच लाख रूपये तक की स्वास्थ्य योजना लागू है। प्रधानमंत्री जी जम्मू कश्मीर के लिए सेहत योजना लेकर आए हैं। इसमें गरीब या अमीर हर व्यक्ति को पाँच लाख रुपये तक की आरोग्य सुविधा देने का काम किया गया है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि जम्मू कश्मीर ऐसे बहुत कम राज्यों में से एक है जिसके हर व्यक्ति को स्वास्थ्य योजना में कवर किया गया है। श्री शाह ने यह भी बताया कि जम्मू कश्मीर में एलजी के नेतृत्व में कोरोना से लड़ाई को सफलतापूर्वक लड़ा गया और टीकाकरण भी किया जा रहा है। 17 महीने में 7 नए मेडिकल कॉलेज की शुरुआत की जा चुकी है, जिनमें जम्मू-कश्मीर के 1100 बच्चे डॉक्टर बन कर स्वास्थ्य सेवा में आगे आएंगे।
श्री शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने अलग-अलग लगभग 115 योजनाएं देश के दलित, गरीब, पिछडे, आदिवासियों के लिए बनाई थी जो जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होती थी किंतु राष्ट्रपति शासन लगने के बाद इन योजनाओं को कार्यान्वित किया जा रहा है। घर घर बिजली देने, गैस सिलेंडर देने सहित स्वच्छ भारत मिशन के तहत जम्मू और कश्मीर 100% ओडीएफ हो गया है। वित्त वर्ष 2019-20 में छात्रों की छात्रवृत्ति कवरेज तीन गुना हो गई है। लगभग 8 लाख छात्रों को डीबीटी के माध्यम से प्री और पोस्ट छात्रवृत्तियाँ प्रदान की गई हैं। उन्होने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान दिसंबर 2021 तक विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत 9.5 लाख लोगों को छात्रवृत्ति की कवरेज मीन लाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री किसान योजना का लक्ष्य पूरा किया जा चुका है और डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर के माध्यम से किसानों को 6000 रुपये मिल रहे हैं।
श्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में उद्योग जगत के लिए सबसे बड़ा अवरोधक था कि कोई यदि वहां उद्योग लगाना चाहता था तो उसे जमीन नहीं मिलती थी किंतु 370 हटाने के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत सरकार उद्योगों के लिए एक प्रोत्साहन पैकेज लाई है। जो लोग यहां यह कह रहे हैं कि वहां इंडस्ट्री नहीं आई वह लोग अफवाह फैला रहे हैं कि लोगों की जमीने चली जाएंगी। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वे जम्मू-कश्मीर के लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि उद्योग आने से वहां किसी की जमीन नहीं जाएगी। सरकार ने जम्मू और कश्मीर के औद्योगिक विकास के लिए एक नई केंद्रीय क्षेत्र योजना को मंजूरी दी है। इसमें 28,400 करोड़ रुपये का वर्ष 2037 तक व्यय किया जाएगा। इसका उद्देश्य 4.5 लाख से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाना है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जो उद्योग लगाए जाएँगे और उनकी जो वर्किंग कैपिटल होगी, उस पर भारत सरकार 500 करोड़ रुपये तक के ऋण 6 प्रतिशत की ब्याज दर पर उपलब्ध कराएगी। साथ ही जीएसटी के लिए भी पैकेज में बहुत बड़ा प्रावधान किया गया है। उद्योग में जो प्लांट और मशीनरी की वैल्यू होगी उसके 300 प्रतिशत तक जीएसटी रिफंड किया जाएगा। उन्होने कहा कि जम्मू कश्मीर आर्थिक आधार पर आत्मनिर्भर राज्य बने ऐसा प्रयास किया जा रहा है। श्री अमित शाह ने सदन को बताया कि इसके लिए ग्रामीण बीपीओ और आईटी टावर स्थापित किए जाएंगे। वर्तमान में जम्मू कश्मीर में एलजी के स्तर पर वैज्ञानिक तरीके से छोटे से छोटे व्यक्ति की शिकायतों की सुनवाई की जा सके ऐसा प्रयास भी किया जा रहा है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नए भूमि कानून आने के कारण उद्योग के लिए एक सकारात्मक माहौल पैदा हुआ है जिसका जम्मू कश्मीर की जनता ने भी स्वागत किया है। श्री शाह ने कहा कि हम मानव अधिकार को वोट बैंक की नहीं बल्कि मानव अधिकार की ही नजर से देखते हैं। श्री अमित शाह ने कहा कि विस्थापित कश्मीरी पंडितों, जिनके पास राहत कार्ड है, उन्हें 13000 रुपये गुजारा भत्ता दिया जाता है, निशुल्क राशन दिया जाता है और 3000 नौकरियां दे दी गई हैं बाकी की चयन प्रक्रिया जारी है।
श्री अमित शाह ने कहा कि लद्दाख को दो नए डिग्री कॉलेज दिए गए हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 5 नए टूरिस्ट सर्किट, सुदूर क्षेत्रों में सब्सिडाइज हेलीकॉप्टर की व्यवस्था शुरू करने और लगभग 7500 मेगावाट की क्षमता वाला देश का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का भी प्लान है, इससे ढेर सारे लोगों को रोजगार भी मिलेगा। कारगिल हवाई अड्डे की फिजिबिलिटी स्टडी के लिए प्रशासन और विमानपत्तन विभाग के साथ एग्रीमेंट किया जा चुका है। मिशन एग्रीमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर डेवलपमेंट के तहत सर्दियों में भी किसी कठिनाई का सामना न करना पड़े ऐसी व्यवस्था की गई है। ई-गवर्नेंस गांव तक पहुंचाने के लिए ढेर सारी सुविधाएं शुरू की गई हैं। प्रधानमंत्री जी द्वारा टेक्निकल यूनिवर्सिटी का भी अनुमोदन कर दिया गया है। 70 साल के बाद लद्दाख को भी दिल्ली में अपना भवन बनाने के लिए मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि रोड कनेक्टिविटी में सुधार के लिए 578 किलोमीटर की सड़कों के निर्माण के लिए मंजूरी दे दी गई है। श्री शाह ने कहा कि लगभग 50,000 करोड का पैकेज प्रधानमंत्री जी द्वारा आने वाले दिनों में लद्दाख को मिलने वाला है।