Press, Share | Aug 20, 2019
20 August 2019
केन्द्रीय गृहमंत्री की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति ने ओडिशा, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के लिए 4432.10 करोड़ रुपये की अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता को मंजूरी दी
वर्ष 2018-19 के दौरान सूखे (रबी), 2019 के दौरान हिमस्खलन,ओलावृष्टि, भूस्खलनों और चक्रवाती तूफान ‘फानी’ से प्रभावित तीन राज्यों को अतिरिक्त केंद्रीय सहायता प्रदान करने पर विचार करने के लिए 19 अगस्त, 2019 को नई दिल्ली में केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति की बैठक हुई।
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उच्च स्तरीय समिति ने तीन राज्यों -ओडिशा, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के लिए राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से 4432.10 करोड़ रुपये की राशि-चक्रवाती तूफान से प्रभावित ओडिशा के लिए 3338.22 करोड़ रुपये, सूखे से प्रभावित कर्नाटक के लिए 1029.39 करोड़ रुपये और हिमस्खलन एवं ओलावृष्टि के लिए हिमाचल प्रदेश को64.49 करोड़ रुपये की अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता को मंजूरी दी।
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इसबैठक में केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्यमंत्रीश्रीमती निर्मला सीतारमण, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राजमंत्रीश्री नरेंद्र सिंह तोमर तथा गृह, वित्त, कृषि मंत्रालयोंऔर नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारीउपस्थित थे।
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यह अतिरिक्त सहायता,केंद्र द्वारा राज्यों को राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) में प्रदान की गई निधियोंके अतिरिक्त होगी, जोपहले ही राज्यों को उपलब्ध करायी जा चुकी है।वर्ष 2018-19 के दौरान, केंद्र ने सभी राज्यों को 9,658 करोड़ रुपये की राशिजारी की थी और 2019-20 के दौरान, अब तक केंद्र ने एसडीआरएफ से 24 राज्यों को 6,104 करोड़ रुपये की राशि जारी की है।
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ओडिशा के मामले में, चक्रवाती तूफान'फानी'की शुरुआत में एसडीआरएफ की ओर से अग्रिम रूप से 340.87 करोड़ रुपये की रकम 29 अप्रैल 2019 को जारी की गई थी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 06.05.2019 को ओडिशा का दौरा किया और उनके द्वारा की गई घोषणा के अनुसार 1000 करोड़ रुपये की तत्काल सहायता अग्रिम रूप से जारी कर दी गई। इसके अलावा, चक्रवात में मरने वालों के निकट संबंधियों को 2 लाख रुपये औरगंभीर रूप से घायल होने वालों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि प्रधानमंत्री राहत कोष से उपलब्ध कराई गई।
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चक्रवात ‘फानी’के दौरान, केंद्र सरकार ने राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफके 71 दलों, सेना की19 टुकडि़यों,09 इंजीनियरिंग टास्क फोर्स (ईटीएफ), 27 विमानों/हेलीकॉप्टरों और सशस्त्र बलों के 16 पोतोंको तैनात किया था। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए बड़े पैमाने पर चलाए गए अभियान के दौरान, 15.5 लाख सेअधिक लोगों को सुरक्षितस्थानों पर पहुंचाया गया। प्रभावित क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति और संचार सुविधाओंकी बहाली के लिए केंद्र सरकार ने स्टोर, जेनसेट, स्टील पोल और कुशल मानव शक्ति आदि उपलब्ध कराने सहित हरसंभव सहायता प्रदान की थी। इस चक्रवात से अन्य राज्यों के भी प्रभावित होने की आशंका थी, इसलिएआंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की सरकारों के लिए एसडीआरएफ की ओर सेअग्रिम तौर पर 688 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी।
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उच्च स्तरीय समिति ने किसी भी गंभीर आपदा के मद्देनजर राज्य से ज्ञापनप्राप्त होने के बाद एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल (आईएमसीटी)को वहां भेजने की मौजूदा पद्धति की भी समीक्षा की। केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा लिए गए एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत,अब से किसी भी गंभीर प्राकृतिक आपदा के परिणाम स्वरूप तत्काल आईएमसीटीको गठित किया जाएगा, जो राज्य में प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगा, ताकि नुकसान और राज्य प्रशासन द्वारा किए गए राहत कार्योंका सीधे तौर पर जायजा लिया जा सके। राज्य द्वाराज्ञापन सौंपने के बाद आईएमसीटीफिर से वहां का दौरा करेगा, ताकि अतिरिक्त धनराशि के आवंटन के लिए अंतिम सिफारिशें करने हेतुनुकसान और राहत कार्यों काविस्तृत आकलन किया जा सके। वर्तमान में आईएमसीटीराज्य से ज्ञापन प्राप्त होने के बाद केवल एक बार प्रभावित राज्य का दौरा करता है।
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इस निर्णय के अनुरूप, गृह मंत्रालय हाल ही में बाढ़ से प्रभावित होने वाले असम, मेघालय, त्रिपुरा, बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल के लिए तत्काल आईएमसीटीका गठन कर उन्हें प्रभावित राज्यों में भेजेगा।
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उच्च स्तरीय समिति ने देश के विभिन्न हिस्सों में आईबाढ़ की स्थिति और एनडीआरएफ और रक्षा बलों की तैनाती सहित केंद्रीय एजेंसियों द्वारा प्रदान की जा रही लॉजिस्टिक सहायताकी भी समीक्षा की। वर्तमान मानसून के दौरान, बाढ़, भूस्खलन आदि से प्रभावित राज्यों में साझाबचाव अभियान में, एनडीआरएफ, सेना, वायु सेना, नौसेना और तटरक्षक बल ने 1,53,000 से अधिक लोगों को बचाया और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। केंद्रीय गृह मंत्री देश में बाढ़ की स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं।
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श्री शाह ने दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण संबंधित राज्यों में उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए और बाढ़ प्रभावित राज्यों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को हर संभव उपाय करना जारी रखने का निर्देश दिया।
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