PRESS: BJP NATIONAL PRESIDENT, SHRI AMIT SHAH ON INDIAN ECONOMY

Press, Share | Feb 27, 2015

भारतीय जनता पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष श्री अमित शाह की ओर से जारी वक्‍तव्‍य
प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में राजग सरकार और वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली के प्रयासों से सुदृढ़ हुई अर्थव्‍यवस्‍था, उच्‍च विकास दर के युग में प्रवेश

आर्थिक समीक्षा का अनुमान वित्‍त वर्ष 2015-16 में विकास दर 8.1-8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान

आने वाले वर्षों में 8-10 प्रतिशत रहेगी विकास दर, दहाई अंक (डबल डिजिट) में विकास दर संभव

74193 रुपये हुई प्रति व्‍यक्ति आय

थोकमूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर जीरो प्रतिशत पर आई

राजग सरकार का ध्‍येय ‘‘हर आंख से आंसू पोंछना’’ है। इसके लिए जैम नं. (जन धन योजना, आधार और मोबाइल ) के त्रिसूत्रीय समाधान का सहारा लिया जाएगा

सब्सिडी को तर्कसंगत बनाकर और लाभार्थियों तक पहुंचाएगी सरकार

खाद्यान्न उत्पादन 2014-15 में 25.70 करोड़ टन रहने का अनुमान, पिछले पांच साल के औसत के मुकाबले 85 लाख टन अधिक होगा खाद्यान्‍न उत्‍पादन

कृषि और संबद्ध क्षेत्र जीडीपी में 18 फीसदी योगदान

कृषि उत्पाद के लिए राष्ट्रीय साझा बाजार तैयार होंगे

गांवों में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवाओं की पहुंच से मेक इन इंडिया मिशन को मिलेगा बल

युवाओं को रोजगार मुहैया कराने को 'मेक इन इंडिया' और 'स्किल इंडिया' पर जोर

औद्योगिक विकास दर में भी तेजी आई है

एक भारत, श्रेष्‍ठ भारत बनाने की दिशा में राजग सरकार ने उठाए कई कदम

राजकोषीय संतुलन के लिए प्रतिबद्धता, राजस्व बढाने के प्रयास पर जोर

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भी हुई बढ़ोतरी

चालू खाते का घाटा 2015-16 के दौरान घटकर करीब 1 प्रतिशत पर आ जाएगा

राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में 4.1 प्रतिशत रखने का लक्ष्य कायम

वित्‍त वर्ष 2015-16 में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3 प्रतिशत तक सीमित करने का लक्ष्य

बड़े सुधारों की तैयारी, जीएसटी और प्रत्यक्ष लाभ हस्‍तांतरण (डीबीटी) निभाएगें अहम भूमिका

संघवाद को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग की स्‍थापना

चौदहवें वित्त आयोग द्वारा केंद्रीय करों में राज्‍यों की हिस्‍सेदारी 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने संबंधी सिफारिश को सरकार ने स्‍वीकार किया

निर्यात बढ़ा और विदेशी पूंजी के आगम में भी मजबूती

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में राजग सरकार और वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली द्वारा अब तक किए गए प्रयासों से अर्थव्‍यवस्‍था की स्थिति सुदृढ़ हुई और विकास दर में तेजी आई है। संसद में शुक्रवार को पेश की गई आर्थिक समीक्षा 2014-15 इस बात की पुष्टि करती है। आर्थिक समीक्षा में बताया गया है कि कि वित्‍त वर्ष 2015-16 में विकास दर 8.1 से 8.5 प्रतिशत होने की उम्‍मीद है। चालू वित्‍त वर्ष में देश की प्रति व्‍यक्ति आय 74193 रुपये हो गई है। इसका मतलब है कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था आर्थिक मंदी, लगातार महंगाई, बढ़ते राजकोषीय घाटे, घटती घरेलू मांग और बाह्य खाता असंतुलनों और रुपए की घटती कीमतों के दौर को पीछे छोड़कर तेजी से उच्‍च विकास दर की ओर अग्रसर हो रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था का भविष्‍य विश्‍व की प्रमुख अर्थव्‍यवस्‍थाओं के बीच उज्‍ज्‍वल है और माना जा रहा है कि देश जल्‍द ही हमारी अर्थव्‍यवस्‍था की वृद्धि दर दहाई के अंक में पहुंच जाएगी।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में राजग सरकार की नीति- सबका साथ, सबका विकास है। इसलिए जब देश उच्‍च विकास दर के साथ आगे बढ़ेगा तो उससे वंचितों और गरीब लोगों की हर आंख से आंसू पोंछने का मौलिक उद्देश्‍य प्राप्‍त होगा। यह युवा, मध्‍यम वर्ग और आकांक्षा रखने वाले भारत को अपनी पूरी क्षमता का अहसास कराने का अवसर भी प्रदान करेगा।

दरअसल राजग सरकार ने अपने 9 महीने में ही देश की अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूत करने, किसानों को सुविधाएं देने, युवाओं को रोजगार मुहैया कराने, महिलाओं को सुरक्षा देने, बच्चियों की शिक्षा और लालन-पालन, शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और स्‍वच्‍छता के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके साथ ही सरकार ने मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रम भी शुरु किए हैं जिससे देश का औद्योगिक विकास होगा।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में राजग सरकार ने देश में घरेलू और विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए लंबित आर्थिक सुधारों को लागू करने का प्रयास भी किया है। इसके अलावा कई और सुधारों को सरकार लागू करने की प्रक्रिया में है। इससे भारत आज दुनियाभर के निवेशकों के लिए पहली पसंद बनता जा रहा है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में राजग सरकार द्वारा तेजी से उठाए निर्णायक कदमों से, विशेष रूप से खाद्य मुद्रास्फीति में, व्यापक कमी आई है। थोकमूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति नवंबर 2014 और जनवरी 2015 में 0 प्रतिशत के मनौवैज्ञानिक स्तर को भी छू गयी थी। सरकार ने खाद्यानो में उपलब्धता सुधारने और वितरण प्रणाली को व्यवस्थित करने के लिए अनेक कदम उठाए। सभी राज्यों में गरीबी रेखा और गरीबी रेखा से ऊपर (बीपीएल और एपीएल) रहने वाले परिवारों के लिए 50 लाख टन अतिरिक्त चावल का आवंटन, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लंबित कार्यान्वयन और 2014-15 में घरेलू बाजार के लिए खुले बाजार में बिक्री करने के अधीन 10 मिलियन टन गेंहू का आवंटन। कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) अधिनियम से फलों और सब्जियों को गैर-सूचीबद्ध करके उनकी मुक्त ढुलाई करने की अनुमति देने के लिए राज्यों को सलाह दी। प्याज और आलू को आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अधीन लाना जिससे जमाखोरी रोकने के लिए स्टॉक सीमा लागू करने के लिए राज्य सरकारों को अनुमति प्रदान करना तथा स्टॉक सीमा का उल्लंघन को गैर-जमानती बनाया। 26 जून 2014 से आलू का न्यूनतम निर्यात मूल्य 450 अमरीकी डॉलर तथा प्याज का 300 अमरीकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन लागू किया।

आर्थिक समीक्षा में इस बात को भी रेखांकित किया गया है कि राजग सरकार ने किसानों के लिए पिछले और चालू सीज़न के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्यों में बढ़ोत्तरी। आर्थिक सर्वेक्षण में राष्ट्रीय साझा कृषि बाजार की जरूरत पर जोर दिया गया। वर्तमान में एपीएमसी जो विविध शुल्क वसूल करती है उनमें पारदर्शिता नहीं है। विक्रेता और किसानों के बीच लेनदेन में कमीशन एजेंट, भारी कमीशन शुल्क वसूलते हैं। वैट और मंदी टैक्स हर राज्य में अलग-अलग हैं जो मूल्यों को बढ़ाने में प्रभाव डालते हैं। एपीएमसी एक्‍ट में सुधार से किसानों को लाभ होगा।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी स्‍वयं जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण के प्रति सजग हैं। यही वजह है कि राजग सरकार ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कई कदम उठाए हैं जिनमें नदियों का संरक्षण, शहरी वायु की गुणवत्ता में बेहतरी, वनीकरण में वृद्धि, नवीकरणीय उर्जा के स्रोतों में वृद्धि, लोक यातायात के साधनों में वृद्धि, तथा शहरी तथा ग्रामीण अवसंरचना का विकास शामिल है। इस बारे में हालिया महत्वपूर्ण पहल स्वच्छ भारत अभियान, स्वच्छ गंगा योजना, राष्ट्रीय सौर उर्जा मिशन को पांच गुना बढ़ाकर 20000 मेगावाट से 100000 मेगावाट करना शामिल है। इस बात को भी आर्थिक समीक्षा में रेखांकित किया गया है।

इस तरह आर्थिक समीक्षा 2014-15 राजग सरकार द्वारा अब तक उठाए गए कदमों के परिणाम स्‍वरूप अर्थव्‍यवस्‍था की स्थिति में आए सुधार का प्रमाण है। आर्थिक समीक्षा दर्शाती है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में राजग सरकार सबका साथ, सबका विकास की राह पर चलकर एक भारत, श्रेष्‍ठ भारत का सपना शीघ्र साकार होगा।

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