Press, Share | Feb 26, 2015
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने रेल बजट के लिए केन्द्र सरकार को बधाई दी
राजग सरकार का पहला पूर्ण रेल बजट ‘‘यात्री बजट’’
रेल बजट सबका साथ सबका विकास की नीति का परिचायक
भारतीय रेल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर
राजग सरकार गरीबों के लिए समर्पित
मेक इन इंडिया का हिस्सा बनेगा रेल
सुविधा के साथ सुरक्षा का भी पूरा ख्याल
रेलवे की क्षमता बढाना और आत्मनिर्भर बनाना प्रमुख लक्ष्य
यात्री किराए में कोई वृद्धि नहीं
यात्री सुविधाओं के लिए 67 प्रतिशत की वृद्धि
200 स्टेशनों को आर्दश स्टेशन बनाने का लक्ष्य
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार का पहला पूर्ण रेल बजट भविष्योन्मुखी, विकासोन्मुखी और ‘यात्री बजट’ है। राजग सरकार ने रेल बजट 2015-16 में यात्रियों को बेहतर सुविधाएं व सुरक्षित यात्रा मुहैया कराने को कई अभिनव उपायों की घोषणा की है। राजग सरकार की ‘सबका साथ, सबका विकास’ की नीति को चरितार्थ करते हुए रेल बजट की प्रमुख विशेषता यह है कि यात्री किराए में कोई वृद्धि नहीं होगी। इतना बेहतरीन रेल बजट पेश करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु को बहुत-बहुत बधाई और अभिनंदन।
रेल मंत्री ने यात्रियों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए रेल बजट में दर्जनों ऐसे उपाए किए हैं जिससे यात्रियों का सफर सुहाना होगा। रेल बजट में यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए यात्री सुविधाओं के धन आवंटन में 67 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। यात्रियों की शिकायतों के लिए 24 घंटे काम करने वाली हेल्पलाइन नंबर 138 शुरू करने की घोषणा की गई है। इसके साथ ही रेल शिकायतों का समाधान करने के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन विकसित किया जाएगा। यह 1 मार्च, 2015 से उत्तर रेलवे में पायलट परियोजना के रूप में शुरू किया जाएगा। साथ हीसुरक्षा संबंधी शिकायतों के लिए टॉल फ्री नंबर 182 भी शुरु किया जाएगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि राजग सरकार गरीबों के लिए समर्पित है। इसलिए रेल बजट में ऐसे कई उपाय किए गए हैं जिससे गरीब यात्रियों को सहूलियत होगी। उदाहरण के लिए अनारक्षित टिकट खरीदने वालों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए 'ऑपरेशन 5 मिनट' शुरू होगा ताकि अनारक्षित टिकिट खरीदने में पांच मिनट से ज्याद समय नहीं लगे। प्रारंभिक तथा गंतव्य स्टेशनों पर गाड़ियों के आगमन / प्रस्थान की जानकारी देने के लिए एसएमएस अलर्ट की सुविधा होगी जो गाड़ी के आने से 15 से 30 मिनट पहले भेजा जाएगा। इसके साथ सभी प्रमुख स्टेशनों पर वाई फाई सुविधा मिलेगी। सामान्य श्रेणी के डिब्बों में भी मोबाइल चार्जिंग की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। ट्रेन आने या रवाना होने से पहले एसएमएस अलर्ट की सुविधा होगी। इसके अलावा फोन पर अनारक्षित टिकिट भी खरीदा जा सकेगा। युवाओं को रोजगार दिलाने के मकसद से रेलवे कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण केंद्र भी मुहैया कराएगा।
राजग सरकार ने रेल बजट में मध्यम वर्ग की सुविधाओं को भी ध्यान में रखा गया है।टिकट बुकिंग के लिए भी समयसीमा को 60 दिन से बढ़ाकर 120 दिन कर दिया है। इससे टिकिट बुकिंग में दलालों पर नकेल कसने में मदद मिलेगी। ट्रेन में वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा के लिए लोअर वर्थ में उनका कोटा बढ़ाया जाएगा साथ ही टीटीई को यह निर्देश दिया जाएगा कि वे वरिष्ठ नागरिकों और गर्भवती महिलाओं को लोअर वर्थ दिलाने में मदद करें। यात्रियों को बेहतरीन खाना उपलब्ध कराने के लिए रेलवे ई-केटरिंग के तहत सर्वोत्त्म खाद्य चेन की शुरुआत करेगा।
यात्रियों की सुविधा के लिए चल टिकट परीक्षकों (टीटीई) को हैंड हैल्ड टर्मिनल उपलब्ध कराए जाएंगे। इनका उपयोग यात्रियों का सत्यापन और चार्टों को लाउनलोड करने के लिए किया जा सकेगा। इससे रेलवे को टिकटिंग और चार्ट तैयार करने में कागज का इस्तेमाल न करने तथा रिफंड के दावों को अंतिम रूप देने में भी तेजी लाने में सहायता मिलेगी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित होकर रेलवे में साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया गया है। 'स्वच्छ रेल, स्वच्छ भारत' मिशन के तहत स्टेशनों और गाड़ियों की सफाई के लिए एक नया विभाग स्थापित किया जाएगा जिसमें प्रोफेशनल एजेंसियों की सेवाएं लेना और अपने कर्मचारियों को साफ सफाई की नवीनतम पद्धति का प्रशिक्षण प्रदान करना शामिल होगा। स्टेशनों और गाड़ियों में शौचालय सुविधाओं की हालत में सुधार किया जाएगा। पिछले वर्ष के 120 स्टेशनों की तुलना में 650 अतिरिक्त स्टेशनों पर नए शौचालय बनाए जाएंगे। इसके अलावा इस वर्ष 17 हजार और जैव शौचालयों लगाए जाएंगे। इसके अलावा ट्रेनों में बेड लिनेन की संरचना, गुणवत्ता और साफ सफाई भी सुधारी जाएगी।
रेल बजट में यात्रियों की सुविधाओं के साथ-साथ उनकी सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखा गया है। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए चुनिंदा रूट पर ट्रेन प्रोटेक्शन वार्निंग सिस्टम एंड ट्रेन कॉलाइजन अवोइडेंस सिस्टम लगाया जाएगा। 3438 मानवरहित क्रॉसिंग के लिए 6581 करोड़ रुपये का प्रावधान। महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे निर्भय फंड का इस्तेमाल करेगा। इसके अलावा महिलाओं की सुरक्षा के लिए ट्रेन के डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे भी लगेंगे।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के बुलेट ट्रेन के डायमंड क्वाड्रीलेटरल के सपने को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए रेल बजट में हाईस्पीड ट्रेन के लिए अगले पांच साल के लिए भारी भरकम 65,000 करोड़ रुपये का आवंटन किए गए हैं। साथ ही मुंबई और अहमदाबाद के बीच उच्च रफ्तार की रेल गाड़ियां चलाने के लिए व्यावहारिकता अध्ययन रिपोर्ट इस वर्ष के मध्य तक तैयार हो जाएगी।
भारतीय रेल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है। यही वजह है कि सरकार ने रेल बजट में इसके लिए वित्तीय संसाधनों की कोई कमी नहीं छोड़ी है। उदाहरण के लिए रेलवे का योजनागत आवंटन 52 प्रतिशत वृद्धि के साथ बढ़ाकर 1,00,011 करोड़ रुपये किया गया है। वित्त मंत्रालय रेलवे को 40,000 करोड़ रुपये बजटीय सहायता मुहैया कराएगा। इस तरह अगले पांच साल में रेलवे भारतीय अर्थव्यवस्था का वाहक बनेगा। रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण रोकने के लिए रेलवे अपनी भूमि के मानचित्रों को डिजिटाइज करेगी। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए गांधी संर्किट को बढ़ावा देने का कार्य करेगी। नई खेली और विपणन तकनीक के बारे में किसानों की सहायता के लिए आईआरसीटीसी एक विशेष यात्रा योजना –किसान यात्रा पर कार्य करेगी।ऊपरी सड़क पुल (आरओबी) और निचले सड़क पुल (आरयूबी) के निर्माण कार्य की अत्यंत आवश्यकता को सुसाध्य बनाने को देखते हुए, ऑनलाइन ड्राइंग प्रस्तुत करने और 60 दिन के भीतर इनके अनुमोदन के लिए उपयोगकर्ता अनुकूल एक वेब आधारत एप्लीकेशन शुरू किया गया है।
रेलवे में उत्कृट मानव विकास के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अवधारणा को साकार करते हुए रेल बजट में वर्ष 2015-16 में पूर्ण विश्वविद्यालय स्थापित करने की घोषणा भी की कई है।
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने भारतीय रेलवे के कायाकल्प हेतु अगले पांच वर्षों के लिए चार लक्ष्य निर्धारित किए हैं। पहला लक्ष्य, ग्राहको के अनुभव में स्थायी और मापनयोग्य सुधार लाने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा ऐसे कदम जाएंगे जिनसे स्वच्छता, सहूलियत, सुगमता, सेवा गुणवत्ता और गाड़ियों की गति से संबंधित ग्राहकों की समस्याएं व्यवस्थित ढंग से दूर हो जाएंगी। दूसरा लक्ष्य रेलवे को यात्रा का सुरक्षित साधन बनाना, तीसरा लक्ष्य भारतीय रेलों की क्षमता में पर्याप्त विस्तार करना और इसकी अवसंरचना को आधुनिक बनाना। नागरिकों के लिए रेल यात्रा के महत्व को देखते हुए, भारतीय रेलवे यात्री वहन क्षमता 21 मिलियन यात्री प्रति दिन से बढ़ाकर 30 मिलियन तक करेगा। रेलपथ की लंबाई भी 20 प्रतिशत तक बढ़ाकर 1,14,000 कि.मी. से 1,38,000 कि.मी. तक की जाएगी। चौथा लक्ष्य वित्तीय दृष्टि से आत्मनिर्भर बनने के लिए भारतीय रेलवे परिचालन से अत्याधिक अधिशेष का सृजन करेगा, जो केवल क्षमता विस्तार के वित्तपोषण हेतु आवश्यक ऋण की अदायगी के लिए ही नहीं होगा, बल्कि उससे क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों को सतत आधार पर बदलने हेतु निवेश के लिए भी पर्याप्त होगा। रेलवे बिजनेस रि-इंजीनियरी के लिए ‘कायाकल्प’ नाम से इनोवेशन काउंसिल स्थापित करेगा। साथ ही आईआईटी (बीएचयू), वाराणसी में रेलवे प्रौद्योगिकी के लिए ‘मालवीय पीठ’ स्थापित करने की घोषणा भी की गई है। रेल मंत्री ने वर्ष 2015-16 के लिए 88.5% के परिचालन अनुपात का प्रस्ताव रखा है। जबकि 2014-15 में परिचालन अनुपात का लक्ष्य 91.8% तथा 2013-14 में 93.6% रखा गया था। इस तरह यह बजट न केवल पछले 9 वर्ष का बल्कि छठे वेतन आयोग के लागू होने के बाद का भी सर्वोत्तम परिचालन अनुपात वाला बजट होगा।