SALIENT POINTS OF BJP NATIONAL PRESIDENT, SHRI AMIT SHAH ADDRESSING FIRST BANKIM CHANDRA CHATTOPADHYAY MEMORIAL ORATION IN KOLKATA

Press, Share | Jun 27, 2018

27 June 2018

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह द्वारा कोलकाता में प्रथम बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय मेमोरियल व्याख्यान में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु

‘वंदे मातरम्' करोड़ों भारतवासियों के लिए अदम्य प्रेरणा और ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद' का अक्षय स्रोत है और इसका अमरत्व सदियों तक भारत माता की उपासना के लिए करोड़ों राष्ट्रभक्तों को प्रेरित करता रहेगा
*********
‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद' हमारी पहचान भी है और एकता एवं अखंडता का सूत्र भी, जिसके आधार पर प्रधानमंत्री श्री नेरन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ‘वंदे मातरम्' की प्रेरणा से‘सबका साथ, सबका सिद्धांत' के बल पर राष्ट्र निर्माण की नई कहानी गढ़ रही है
*********
महर्षि अरविन्द ने कहा था कि आधुनिक भारत के निर्माताओं में बंकिम चन्द्र चटर्जी को उनकी साहित्य संबंधी रचनात्मक कार्यों के लिए ही याद नहीं किया जाएगा बल्कि उनको राष्ट्र निर्माण के अग्रदूत के रूप में भी पहचाना जाएगा, आज मैं उनके उद्धरण को सच होता हुआ देख रहा हूँ
*********
‘वंदे मातरम्' ने समग्र भारतवर्ष को एक सूत्र में पिरोया और देश को एक साथ चलना सिखाया। यह केवल देश प्रेम का गीत भर नहीं है, बल्कि हमें एक सूत्र में पिरोने की प्रेरणा भी है
*********
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘न्यू इंडिया' का विजन भी बंकिम बाबू की साहित्यिक रचनाओं में छलकता है
*********
कांग्रेस ने ‘वंदे मातरम्' के पूरे गीत को स्वीकार नहीं करके और इसे खंडित कर देश के साथ विश्वासघात किया है
*********
बंकिम बाबू के विचारों को आज कोई नहीं रोक सकता। बंकिम बाबू के विचार ही देश के आगे बढ़ने का रास्ता और देश इसी रास्ते पर आगे बढ़ सकता है
*********
यह ‘वंदे मातरम्' का ही राग था, जिसके बल पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सिंघनाद किया था कि ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुझे आजादी दूंगा, इसी की तान पर वीर भगत सिंह को संघर्ष की शक्ति मिली और इसी के गान से वीर खुदीराम बोस और अशफाकुल्ला खां जैसे कई महान सपूत ने देश के लिए हँसते-हँसते फांसी के फंदे पर झूल गए
*********
अपने चिंतन में बंकिम बाबू ने आत्मरक्षा, स्वजन रक्षा और देश रक्षा के तीन बिन्दुओं पर डरे बगैर जोर दिया था, आज हम यदि इन तीन बातों को जनमानस तक पहुंचाने में सफल होते हैं तो इससे बड़ी देश सेवा कोई और नहीं हो सकती
*********
हम सब बंकिम बाबू के साहित्य से और ‘वंदे मातरम्' से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें और अपनी सास्कृतिक राष्ट्रवाद और जिओ कल्चरल राष्ट्र की पहचान बनाए रखें, यही हमारी आशा है
*********

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने आज कोलकाता के जी डी बिरला ऑडिटोरियम में प्रथम बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय मेमोरियल व्याख्यान को संबोधित किया और नागरिकों से बंकिम बाबू के जीवन और उनके साहित्य से प्रेरणा लेकर देश के नवनिर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की अपील की। यह कार्यक्रम श्री श्यामा प्रसाद रिसर्च संस्थान द्वारा आयोजित किया गया था। इससे पहले उन्होंने हावड़ा में सोशल मीडिया कन्वेंशन को संबोधित किया। ज्ञात हो कि श्री शाह पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय सांगठनिक प्रवास पर हैं जहां वे कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे।

श्री शाह ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ देश की आजादी के लिए हमारी एकता और अखंडता का राग बना जो हमारी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का मुख्य आधार था और ‘वंदे मातरम्' आज भी देश में एक नई चेतना के संचार का अक्षय स्रोत है। उन्होंने महर्षि अरविन्द के उद्धरणों को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि महर्षि अरविन्द ने बंकिम बाबू के लिए कहा था कि “आधुनिक भारत के निर्माताओं में बंकिम चन्द्र चटर्जी को उनकी साहित्य संबंधी रचनात्मक कार्यों के लिए ही याद नहीं किया जाएगा बल्कि उनको राष्ट्र निर्माण के अग्रदूत के रूप में भी पहचाना जाएगा। शुरुआती दौर में उनका मूल्यांकन एक कवि के रूप में होगा लेकिन बाद में बंकिम चन्द्र को एक महान राष्ट्र निर्माता और राष्ट्रभक्त के रूप में भी जाना जाएगा।” श्री शाह ने कहा कि मैं महर्षि अरविन्द की बातों को आज सच होता हुआ देख रहा हूँ।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि ‘वंदे मातरम्' करोड़ भारतवासियों के लिए अदम्य प्रेरणा का अक्षय स्रोत है और इसका अमरत्व सदियों तक भारत माता की उपासना के लिए करोड़ों राष्ट्रभक्तों को प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘न्यू इंडिया' का विजन भी बंकिम बाबू की साहित्यिक रचनाओं में छलकता है और सरकारी नौकरी में रहते हुए भी अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ उनका अप्रतिम संघर्ष भी उनकी रचनाओं में परिलक्षित होता है। उन्होंने कहा कि ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद' हमारी पहचान भी है और एकता एवं अखंडता का सूत्र भी, जिसके आधार पर प्रधानमंत्री श्री नेरन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ‘वंदे मातरम्' की प्रेरणा से‘सबका साथ, सबका सिद्धांत' के बल पर राष्ट्र निर्माण की नई कहानी गढ़ रही है।

श्री शाह ने कहा कि बंकिम बाबू के विचारों को आज कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि बंकिम बाबू के विचार ही देश के आगे बढ़ने का रास्ता और देश इसी रास्ते पर आगे बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के अग्रिम सेनानियों ने इसी ‘वंदे मातरम्' की अक्षय ऊर्जा से देश के लिए अपने प्रात सहर्ष न्यौछावर कर दिए। उन्होंने कहा कि यह ‘वंदे मातरम्' का ही राग था, जिसके बल पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सिंघनाद किया था कि ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुझे आजादी दूंगा, इसी की तान पर वीर भगत सिंह को संघर्ष की शक्ति मिली और इसी के गान से वीर खुदीराम बोस और अशफाकुल्ला खां जैसे कई महान सपूत ने देश के लिए हँसते-हँसते फांसी के फंदे पर झूल गए। उन्होंने कहा कि उस वक्त आजादी के लिए अपना बलिदान देने की जरूरत थी, आज देश के लिए जीने की जरूरत है और इसकी प्रेरणा भी ‘वंदे मातरम्' से ही मिलती है। उन्होंने कहा कि ‘वंदे मातरम्' ने समग्र भारतवर्ष को एक सूत्र में पिरोया और देश को एक साथ चलना सिखाया। उन्होंने कहा कि यह केवल देश प्रेम का गीत भर नहीं है, बल्कि हमें एक सूत्र में पिरोने की प्रेरणा भी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ‘वंदे मातरम्' के पूरे गीत को स्वीकार नहीं करके और इसे खंडित कर देश के साथ विश्वासघात किया है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि हम आजादी की लड़ाई में अपना योगदान नहीं दे पाए क्योंकि तब हमारा जन्म भी नहीं हुआ था लेकिन हमें भारत माता की पवित्र मिट्टी में जन्म लेने का सौभाग्य मिला है, हमें देश के नवनिर्माण के लिए अपने जीवन का क्षण-क्षण और शरीर का कण-कण समर्पित करने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने चिंतन में बंकिम बाबू ने आत्मरक्षा, स्वजन रक्षा और देश रक्षा के तीन बिन्दुओं पर डरे बगैर जोर दिया था, आज हम यदि इन तीन बातों को जनमानस तक पहुंचाने में सफल होते हैं तो इससे बड़ी देश सेवा कोई और नहीं हो सकती।

बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय मेमोरियल व्याख्यान के कंसेप्ट को आयोजित करने के लिए श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च इंस्टीच्यूट का हृदय से अभिनंदन करते हुए उन्होंने कहा कि यह संस्थान सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और राष्ट्रवाद पर देश भर में चेतना जगाने का काम करती है, मैं इसके लिए श्री अनिर्बान गांगुली एवं उनकी पूरी टीम को साधुवाद देता हूँ। उन्होंने कहा कि हमें इसका विश्वास है कि संस्थान ‘वंदे मातरम्' के सारे निहित अर्थों को सरल भाषा में जन सामान्य तक पहुंचाने में सफल सिद्ध होगी और उन्हें राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने कहा कि हम सब बंकिम बाबू के साहित्य से और ‘वंदे मातरम्' से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें और अपनी सास्कृतिक राष्ट्रवाद और जिओ कल्चरल राष्ट्र की पहचान बनाए रखें, यही हमारी आशा है।

TTToggle Large Font Size

Share this post:

or Copy link: