Press, Share | Jun 23, 2018
23 June 2018
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह द्वारा परेड (जम्मू) में आयोजित विशाल जन-सभा में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु
यदि कांग्रेस में ज़रा भी गैरत बांकी है तो कांग्रेस अध्यक्ष को अपने दोनों नेताओं गुलाम नबी आजाद और सैफुद्दीन सोज पर देश के खिलाफ शर्मनाक बयान देने के लिए कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और राहुल गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए
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हमारे लिए सरकार नहीं, जम्मू-कश्मीर का विकास और इसकी सलामती ही एकमात्र प्रमुख उद्देश्य है। भारतीय जनता पार्टी कभी भी कश्मीर को भारत से अलग नहीं होने देगी क्योंकि जम्मू-कश्मीर हिन्दुस्तान का अटूट हिस्सा है, जिसे डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने अपने खून से सींचा है
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हम चाहते थे कि जम्मू कश्मीर के तीनों अंगों जम्मू, कश्मीर और लद्दाख का समान और संतुलित विकास हो, यदि जम्मू और लद्दाख का विकास न हो पाए तो ऐसी सरकार भारतीय जनता पार्टी न जम्मू-कश्मीर में न चाहती है और न चलने देगी
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मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूँ कि आपने नेता गुलाम नबी आजाद के बयान का आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा समर्थन कर रहा है, यह कांग्रेस और लश्कर-ए-तैय्यबा के बीच किस प्रकार की फ्रीक्वेंसी मैचिंग है?
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गुलाम नबी आजाद के शर्मनाक बयान के दूसरे ही दिन कांग्रेस के एक और बड़े नेता सैफुद्दीन सोज का शर्मनाक बयान आ जाता है कि वे मुशर्रफ से सहमत हैं और कश्मीर को आजाद कर देना चाहिए
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जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ हमारी सरकार के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की तीन मुख्य बातें थीं। पहला - राज्य के तीनों क्षेत्रों जम्मू, कश्मीर और लद्दाख का संतुलित और समेकित विकास होगा, दूसरा - राज्य सरकार राज्य में शांति बनाए रखने और अलगाववाद और आतंकवाद को समाप्त करने के प्रयास करेगी और तीसरा - जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा
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हमने तीन सालों तक राह देखी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए 80 हजार करोड़ रुपये का विशेष पैकेज दिया, वे एक दर्जन से ज्यादा बार खुद राज्य के दौरे पर आये, 14वें वित्त आयोग में राज्य को लगभग तीन लाख करोड़ रुपये दिए गए लेकिन पीडीपी के रवैये के कारण संतुलित विकास का स्वप्न अधूरा रहा
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विकास के मोर्चे पर मोदी सकरार ने कई काम किये लेकिन जम्मू-कश्मीर की पीडीपी सरकार द्वारा जम्मू और लद्दाख क्षेत्र के साथ भेदभाव जारी रहा, कई योजनायें लागू ही नहीं हो पाई और जम्मू एवं लद्दाख विकास में पिछड़ते चला गया
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राज्य में शांति बहाल नहीं हो पाई, सेना के जवान औरंगजेब की ईद के दिन हत्या कर दी गई, एक प्रसिद्ध संपादक की निर्मम हत्या कर दी गई, बच्चों के हाथ में पत्थर आ गए, सेना और सुरक्षाकर्मियों पर पत्थरबाजी होने लगी, कई दवाब समूह खड़े हो गए और ऐसी स्थिति में सरकार में बने रहने का कोई मतलब नहीं था
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नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी ने कांग्रेस की सहायता से जम्मू-कश्मीर में बारी-बारी से शासन किया और राज्य के खजाने को लूटने का काम किया
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आजादी के बाद सबसे ज्यादा आतंकवादी किसी चार साल में यदि मारे गए हैं तो यह मोदी सरकार में जम्मू-कश्मीर में मारे गए हैं
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हम सबको देश के जवानों और सुरक्षा बलों पर पूर्ण भरोसा है कि वे देश की सीमा की ओर आँख उठाकर देखने वालों को कड़ा सबक सिखाने के लिए कटिबद्ध हैं और देश के दुश्मनों को उसकी हर नापाक हरकत का माकूल जवाब दिया जाएगा
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दुश्मन चाहे कितना भी जम्मू-कश्मीर में विकास की राह में रोड़े अटकाने का प्रयास करे लेकिन हम उनके नापाक मंसूबों और षड्यंतों को कभी भी कामयाब नहीं होने देंगे
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने एक ऐसे जम्मू-कश्मीर का स्वप्न देखा है जहाँ राज्य के युवा देश के अन्य राज्यों के युवाओं की तरह ही देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें और अपना भविष्य लिख सकें। उन्होंने कहा कि हमें जम्मू-कश्मीर में इस प्रकार के माहौल की जरूरत है और यही माहौल जम्मू-कश्मीर को देश से जोड़ कर रखेगा
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने आज ब्राह्मण सभा, परेड (जम्मू) में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। इससे पहले उन्होंने गेस्ट हाउस, केनाल रोड, जम्मू में डिजिटल मीडिया एवं सोशल मीडिया वालंटियर्स के साथ एक बैठक की और पार्टी विस्तारकों के साथ विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की। ज्ञात हो कि श्री शाह आज स्वर्गीय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के ऐतिहासिक‘बलिदान दिवस' के दिन जम्मू-कश्मीर के एक दिवसीय सांगठनिक प्रवास पर हैं।
श्री शाह ने कहा कि देश के किसी भी राज्य में किसी दल की सरकार गिरने पर उस दल के कार्यकर्ता अफ़सोस व्यक्त करते हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसके कार्यकर्ता सरकार गिरने पर ‘भारत माता की जय' के नारे लगाकर उसका स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे लिए सरकार नहीं, जम्मू-कश्मीर का विकास और इसकी सलामती ही एकमात्र प्रमुख उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सरकार गिरने के बाद एक ओर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ‘भारत माता की जय’ के नारे लगा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के नेता अपने मूल रंग में वापिस आते हुए दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद द्वारा सेना के मनोबल को तोड़ने वाले दिया गया बयान इतना निंदनीय है कि मैं तो इसे रिपीट भी नहीं कर सकता। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से कड़ा सवाल करते हुए कहा कि मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूँ कि आपने नेता गुलाम नबी आजाद के बयान का आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा समर्थन कर रहा है, यह कांग्रेस और लश्कर-ए-तैय्यबा के बीच किस प्रकार की फ्रीक्वेंसी मैचिंग है, आप इसे जनता को बताइये, आखिर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा और गुलाम नबी के विचार एक जैसे कैसे हैं?
कांग्रेस पर कारारा प्रहार जारी रखते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि गुलाम नबी आजाद के शर्मनाक बयान के दूसरे ही दिन कांग्रेस के एक और बड़े नेता सैफुद्दीन सोज का बयान आ गया कि वे मुशर्रफ से सहमत हैं और कश्मीर को आजाद कर देना चाहिए। उन्होंने सोज को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी कभी भी कश्मीर को भारत से अलग नहीं होने देगी क्योंकि जम्मू-कश्मीर हिन्दुस्तान का अटूट हिस्सा है, जिसे डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने अपने खून से सींचा है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को कठघड़े में खड़े करते हुए कहा कि यदि कांग्रेस में ज़रा भी गैरत बांकी है तो कांग्रेस अध्यक्ष को अपने दोनों नेताओं पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी देश में माफी नहीं मांगेंगे क्योंकि यही उनका और उनकी पार्टी का विचार है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहे जितना भी षडयंत्र कर ले, कोई भी जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग नहीं कर सकता, यह भारतीय जनता पार्टी का प्रण है।
श्री शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को अपनी स्थापना के बाद सबसे ज्यादा सीटें जम्मू और लद्दाख क्षेत्र से आई थी और खंडित जनादेश होने के कारण हमने पीडीपी के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ सरकार बनाने के बाद सरकार का कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बना जिसकी तीन बातें प्रमुख थीं:
● पहला, राज्य के तीनों क्षेत्रों जम्मू, कश्मीर और लद्दाख का संतुलित और समेकित विकास होगा। जितना विकास कश्मीर क्षेत्र का होगा, उतना ही जम्मू और लद्दाख क्षेत्र का भी होगा
● दूसरा, राज्य में शांति बनाए रखने के लिए सरकार हर दम प्रयास करेगी। राज्य सरकार राज्य से अलगाववाद और आतंकवाद को समाप्त करने के प्रयास करेगी, और
● तीसरा, जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा
श्री शाह ने कहा कि हमने तीन सालों तक राह देखी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपये भेजे, 80 हजार करोड़ रुपये का विशेष पैकेज दिया गया, एक दर्जन से ज्यादा बार प्रधानमंत्री जी खुद राज्य के दौरे पर आये लेकिन पीडीपी के रवैये के कारण संतुलित विकास का स्वप्न अधूरा रहा। उन्होंने कहा कि विकास के मोर्चे पर मोदी सकरार ने कई काम किये लेकिन जम्मू-कश्मीर की पीडीपी सरकार द्वारा जम्मू और लद्दाख क्षेत्र के साथ भेदभाव जारी रहा, कई योजनायें लागू ही नहीं हो पाई और जम्मू एवं लद्दाख विकास में पिछड़ते चला गया। उन्होंने कहा कि राज्य में शांति बहाल नहीं हो पाई, ऐसा समय आ गया कि सेना के जवान औरंगजेब की ईद के दिन हत्या कर दी गई, एक प्रसिद्ध संपादक श्री शुजात बुखारी की निर्मम हत्या कर दी गई, बच्चों के हाथ में पत्थर आ गए, सेना और सुरक्षाकर्मियों पर पत्थरबाजी होने लगी, कई दवाब समूह खड़े हो गए और इन दवाब समूहों ने सरकार को काम नहीं करने दिया। ऐसी स्थिति में सरकार में बने रहने का कोई मतलब नहीं था।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए 80 हजार करोड़ रुपये के पैकेज जारी किये जिसमें से 61 हजार करोड़ रुपये जारी भी कर दिए गए। उन्होंने कहा कि 14वें वित्त आयोग में मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को लगभग तीन लाख करोड़ रुपये की राशि आवंटित की लेकिन पीडीपी सरकार द्वारा इसे नीचे तक नहीं पहुंचाया गया। राज्य में 63 प्रोजेक्ट दिए गए लेकिन जम्मू-लद्दाख में विकास का काम आगे नहीं बढ़ पाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने एशिया की सबसे लंबी चिनैनी-नाशरी सुरंग का काम ढाई साल में ही समाप्त कर इसे राष्ट्र को समर्पित कर दिया। जम्मू में एम्स बनाने की घोषणा की गई लेकिन पीडीपी सरकार ने जम्मू में जमीन का अधिग्रहण ही नहीं किया। उन्होंने कहा कि जान-बूझकर जम्मू में आईआईएम का सत्र देर से शुरू किया गया जिसके कारण बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया। जम्मू क्षेत्र में जो मेडिकल कॉलेज हमने दिए, उसकी औपचारिकता भी पीडीपी सरकार द्वारा पूरी नहीं की गई जिसके कारण इन कॉलेजों में सत्र शुरू ही नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि हमने जम्मू और कश्मीर दोनों क्षेत्रों में 2,100 करोड़ रुपये की लागत से रिंग रोड की योजना शुरू की लेकिन राज्य सरकार की सुस्ती के कारण जम्मू में योजना का काम मंथर गति से चल रहा है। उन्होंने कहा कि देशभक्ति में सबसे आगे रहने वाले कोली और गुर्जर बकरवाल समुदाय को हमने एसटी का दर्जा देने की मांग की लेकिन पीडीपी इसके लिए आगे नहीं आई। उन्होंने कहा कि हमने जम्मू को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया लेकिन पीडीपी सरकार ने पहले तो दो साल तक प्रोपोजल में भी देरी की, उसका डीपीआर भी बना कर नहीं भेजा, आखिर हम अब भी जवाब न मांगते तो कब मांगते?
श्री शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 3,700 करोड़ रुपये ग्रामीण सड़कों के लिए दिए गए जिसमें 2,100 करोड़ रुपये जम्मू क्षेत्र के लिए दिए गए। उन्होंने कहा कि पसमीना और पम्पोर हाट के लिए करोड़ों रुपये दिए गए। उन्होंने कहा कि कटरा को हमने आइकॉन सिटी के रूप में डेवलप करने के प्रयास किये, साथ ही कटरा तक हमने ट्रेन चलिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से आये हुए शरणार्थियों के लिए मोदी सरकार ने 2000 करोड़ रुपये आवंटित किये लेकिन पीडीपी सरकार ने महज 500 करोड़ रुपये ही खर्च किये। उन्होंने राज्य के वर्तमान प्रशासन से अनुरोध करते हुए कहा कि पाकिस्तान के शरणार्थियों के एकाउंट में जल्द ही सहायता राशि पहुंचाने का प्रबंध किया जाये। उन्होंने कहा कि विस्थापित कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए भी हमने योजनायें बनाई लेकिन पीडीपी सरकार ने इसमें भी अड़ंगा लगाने का काम किया। उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी ने कांग्रेस की सहायता से जम्मू-कश्मीर में बारी-बारी से शासन किया और राज्य के खजाने को लूटने का काम किया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हम चाहते थे कि जम्मू कश्मीर के तीनों अंगों जम्मू, कश्मीर और लद्दाख का समान विकास हो, यदि जम्मू और लद्दाख का विकास न हो पाए तो ऐसी सरकार भारतीय जनता पार्टी न जम्मू-कश्मीर में न चाहती है और न चलने देगी। उन्होंने कहा कि सरकार चलेगी तो ऐसे जो जम्मू-कश्मीर के तीनों अंगों का समान विकास कर सके।
राज्य की सुरक्षा के मुद्दे पर बोलते हुए श्री शाह ने कहा कि आजादी के बाद सबसे ज्यादा आतंकवादी किसी चार साल में यदि मारे गए हैं तो यह मोदी सरकार में जम्मू-कश्मीर में मारे गए हैं। उन्होंने मीडिया से भी अपील करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी और केंद्र की मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो-टोलरेंस की नीति है और रहेगी लेकिन मीडिया को राज्य के संतुलित विकास और शांति पर फोकस करना चाहिए और राज्यपाल शासन को केवल सुरक्षाकर्मियों के ऑपरेशन से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें जम्मू-कश्मीर में विकास के एजेंडे को सेट करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम सबको देश के जवानों और सुरक्षा बलों पर पूर्ण भरोसा है कि वे देश की सीमा की ओर आँख उठाकर देखने वालों को कड़ा सबक सिखाने के लिए कटिबद्ध हैं और देश के दुश्मनों को उसकी हर नापाक हरकत का माकूल जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दुश्मन चाहे कितना भी जम्मू-कश्मीर में विकास की राह में रोड़े अटकाने का प्रयास करे लेकिन हम उनके नापाक मंसूबों और षड्यंतों को कभी भी कामयाब नहीं होने देंगे।
श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने एक ऐसे जम्मू-कश्मीर का स्वप्न देखा है जहाँ राज्य के युवा देश के अन्य राज्यों के युवाओं की तरह ही देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें और अपना भविष्य लिख सकें। उन्होंने कहा कि हमें जम्मू-कश्मीर में इस प्रकार के माहौल की जरूरत है और यही माहौल जम्मू-कश्मीर को देश से जोड़ कर रखेगा।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आज देश की एकता व अखंडता के सूत्रधार एवं महान मनीषी डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी का बलिदान दिवस है और यह न केवल भारतीय जनता पार्टी बल्कि राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत हर भारतवासी के लिए एक महान स्मृति दिवस है। उन्होंने कहा कि समग्र देश को मालूम है कि आज जम्मू-कश्मीर और पश्चिम बंगाल यदि भारत के साथ जुड़ा है तो इसका एकमात्र यश डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी को जाता है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाने में डॉ मुखर्जी के अतुल्य बलिदान को देश कभी भूल नहीं सकता। आज उन्हीं के कारण कश्मीर में परमिट की समस्या ख़त्म हुई और तिरंगा अपने पूरे शान के साथ जम्मू-कश्मीर में लहरा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा यह मानना है कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की जम्मू कश्मीर के जेल में मृत्यु नहीं हुई, बल्कि उनकी निर्मम हत्या की गई। उन्होंने कहा कि डॉ मुखर्जी का बलिदान भारतीय जनता पार्टी के हम कार्यकर्ताओं और देश के युवाओं के लिए अदम्य प्रेरणा का अक्षय स्रोत है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का जम्मू-कश्मीर के लिए दिल और खून का रिश्ता है क्योंकि हमारे संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने इसे अपने लहू से सींचा है। प्रजा परिषद् आंदोलन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पंडित प्रेमनाथ डोगरा की अगुआई में प्रजा परिषद् आंदोलन ने भी जम्मू-कश्मीर को भारत से जोड़ने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आज प्रजा परिषद् आन्दोलन के इतिहास को संकलित कर प्रकाशित किया गया है, यह इतिहास राज्य एवं देश के युवाओं के लिए काफी प्रेरणादायक है, इस आंदोलन को और आंदोलन के इतिहास को हर युवा को पढ़ना चाहिए और इससे सीख लेकर देश की एकता और अखंडता के लिए काम करना चाहिए।