Press, Share | Jul 21, 2018
21 July 2018
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह द्वारा इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में “Reforming Agrarian Economy - Role of Insurance” विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में किसानों के लिए पहली बार केंद्र में चल रही भारतीय जनता पार्टी सरकार के दौरान ही सर्वस्पर्शीय चिंतन की शुरुआत हुई
*********
हमारे किसान विश्व के सर्वाधिक मेहनती किसान हैं। उन्हें बेहतर जीवन जीने का अधिकार और देश के अर्थतंत्र में वर्षों से योगदान देने का पुरस्कार भी मिलना चाहिए, ये हमारी जिम्मेदारी है
*********
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2022 तक किसानों की आय को दुगुना करने का लक्ष्य महज एक राजनीतिक बयान नहीं है बल्कि एक मिशन है। इसकी शुरुआत हो चुकी है, निस्संदेह प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हम 2022 तक किसानों की आय को दुगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होंगे
*********
जिस दिन किसानों की आय दुगुनी हो जायेगी, देश की जीडीपी में कृषि का योगदान खुद-ब-खुद 30% हो जाएगा। इससे देश के अर्थतंत्र को बहुत बड़ा लाभ होगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना इस दिशा में उठाया गया सबसे महत्वपूर्ण और सर्वस्पर्शीय कदम है
*********
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने फसल बीमा योजना का कवरेज बुआई से लेकर खलिहान तक बढ़ाया और उसके सभी मानकों में बदलाव लाकर तर्कसंगत बनाया। अगले वित्तीय वर्ष तक इस योजना का कवरेज 40% से अधिक हो जाएगा जो भारत जैसे विशाल देश के लिए एक सुखद उपलब्धि है
*********
2014 से पहले जो फसल बीमा योजनायें चलती थी वह वास्तव में बैंकों के लोन का इंश्योरेंस होता था, वह व्यवहारिक रूप से किसानों और उनके फसल के लिए तो थी ही नहीं। फसलों की बीमा की शुरुआत तो श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से हुई
*********
मोदी सरकार ने कृषि फसलों की एमएसपी को लागत मूल्य का डेढ़ गुना करने का साहसिक निर्णय लिया, कई-कई फसलों की एमएसपी तो लागत मूल्य का तीन-तीन, चार-चार गुना तक बढ़ाई गई है
*********
मोदी सरकार ने पहली बार जैविक खादों पर भी सब्सिडी देने का निर्णय लिया है जो भूमि सुधार, किसानों की आय को दुगुना करने और पशुपालन के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा
*********
मोदी सरकार सदैव सुधारों व सुझावों का स्वागत करती है ताकि योजनाओं को और बेहतर बनाया जा सके। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को और अधिक प्रभावी और लाभकारी बनाने के लिए निरंतर सुझावों और सलाहों पर ईमानदारी से अमल हो रहा है, हमारे लिए किसान हित सर्वोपरि है
*********
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में “Reforming Agrarian Economy - Role of Insurance” विषय पर आहूत राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया और देश की अर्थव्यवस्था के संवाहक देश के किसानों के जीवन-स्तर को उठाने एवं उनके कल्याण के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा उठाये गए इनिशिएटिव्स पर विस्तार से चर्चा की।
श्री शाह ने कहा कि किसान देश के अर्थतंत्र की रीढ़ हैं लेकिन आजादी के बाद से कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में जितना काम किया जाना चाहिए था, उतना हो नहीं पाया। उन्होंने कहा कि देश की जीडीपी में कृषि का योगदान लगभग 15% है जबकि कुल कृषि भूमि का एक तिहाई भाग ही सिंचित भूमि की श्रेणी में आ पाया है। उन्होंने कहा कि हम भले ही फसल पैदावार के मामलों में आत्मनिर्भर बन गए हों लेकिन क्रॉपिंग पैटर्न को चेंज कर और विविधताओं को लाकर जो बदलाव किया जाना चाहिए था, वह नहीं हो पाया।
मध्य प्रदेश और गुजरात में पिछले 15 वर्षों में कृषि क्षेत्र में हुए क्रांतिकारी बदलावों की चर्चा करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि गुजरात में हमने छोटे-छोटे चेक डैम बनाकर लगभग 11-12 साल में ही भूगर्भीय जल को 22 फुट ऊपर तक लाने का सफल प्रयास किया गया है जिससे डार्क जोन एरिया में काफी कमी आई है। उन्होंने कहा कि हमने गुजरात में माइक्रो इरिगेशन, सिंचाई के आधार पर क्रॉप पैटर्न में बदलाव, लैब को लैंड तक पहुंचाने की कवायद और स्वायल हेल्थ कार्ड की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि आज गुजरात के 90% किसानों के पास स्वायल हेल्थ कार्ड हैं और राज्य की 46% सिंचित भूमि पर क्रॉपिंग पैट्रन को चेंज करने में सफलता प्राप्त हुई है। अब देश के अलग-अलग राज्यों में इस प्रयोग को नीचे तक पहुँचाने के प्रयास हो रहे हैं और राष्ट्रीय स्तर पर इन योजनाओं का सफल तरीके से क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हर तीन महीने में भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री आपस में मिलते हैं और अपने-अपने राज्यों में चल रहे इनोवेटिव योजनाओं का आदान-प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे कहने में यह कोई संकोच नहीं है कि किसानों के लिए पहली बार सर्वस्पर्शीय चिंतन की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी की सरकार के दौरान ही हुई।
100% नीम कोटेड यूरिया, स्वायल हेल्थ कार्ड, प्रधानमंत्री सिंचाई योजना, एमएसपी को लागत मूल्य का डेढ़ गुना करने, आपदा के वक्त किसानों को दी जाने वाली सहायता को और वैज्ञानिक बनाने और सोलर पंप जैसी मोदी सरकार की किसान-कल्याण योजनाओं का जिक्र करते हुए श्री शाह ने कहा कि इन सभी योजनाओं से भी बड़ा काम मोदी सरकार ने ‘प्रधानमंत्री फसल योजना' के रूप में क्रॉप इंश्योरेंस को सुधारने का भागीरथ प्रयास किया। पहले की फसल बीमा योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 2014 से पहले जो फसल बीमा योजनायें चलती थी वह वास्तव में बैंकों के लोन का इंश्योरेंस होता था, वह किसानों और उनके फसल के लिए तो थी ही नहीं। व्यवहारिक रूप से फसलों के इंश्योरेंस की शुरुआत तो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से हुई।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि ध्यान देने वाली बात है कि देश की एक तिहाई भूमि ही सिंचित कृषि भूमि है जिसके कारण फसल के नुकसान होने का ख़तरा काफी अधिक होता है। जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश में अनियमितता, बाढ़ और सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण भी फसलों का बड़े पैमाने पर नुकसान होता है जिसके कारण किसानों को काफी परेशानी होती है और उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने फसल बीमा योजना का कवरेज बुआई से लेकर खलिहान तक बढ़ाया और कई सारे पैरामीटर्स में बदलाव लाकर उन्हें तर्कसंगत बनाया। इसके जो तत्काल परिणाम मिले, वे काफी उत्साहजनक हैं। उन्होंने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष तक प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का कवरेज 40% से अधिक पहुँच जाने की उम्मीद है जो भारत जैसे विशाल देश के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। साथ ही, बड़ी मात्रा में किसानों को इंश्योरेंस क्लेम का भुगतान भी किया गया है। उन्होंने कहा कि अब भी प्रधानमंत्री फसल बीमा में सुधार की गुंजाइश हो सकती है और हम इसे और तर्कसंगत बनाने की दिशा में अग्रसर हैं। इस विषय पर कैबिनेट की एक इनफॉर्मल कमिटी भी बनाई गई है।
श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किसानों की आय को 2022 तक दुगुना करने का जो महती लक्ष्य रखा है, इसकी प्राप्ति में क्रॉप इंश्योरेंस का योगदान काफी अधिक रहने वाला है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कृषि फसलों की एमएसपी को लागत मूल्य का डेढ़ गुना करने का साहसिक निर्णय लिया, कई-कई फसलों की एमएसपी तो लागत मूल्य का तीन-तीन, चार-चार गुना बढ़ाया गया। ब्ल्यू और व्हाईट रेवोल्यूशन के साथ-साथ मोदी सरकार ने पहली बार जैविक खादों पर भी सब्सिडी देने का निर्णय लिया जो भूमि सुधार, किसानों की आय को दुगुना करने और पशुपालन के विकास की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित होगा। उन्होंने कहा कि कृषि सिंचित भूमि के रकबे को बढ़ाने के लिए नदियों को जोड़ने पर काम किया जा रहा है, वर्षों से लंबित सिंचाई योजनाओं पर काम किया जा रहा है जो कृषि को समृद्ध बनाने के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों के समय कृषि विकास दर का लक्ष्य भी यदि 1 या 2% भी हो जाता था तो काफी बड़ी बात समझी जाती थी जबकि मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र जैसे भाजपा शासित राज्यों में कृषि विकास दर लगातार डबल डिजिट में होती रही है। मध्य प्रदेश का ख़ास तौर पर जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश तो लगातार 8 सालों तक सबसे ज्यादा कृषि विकास दर वाला राज्य रहा, यहाँ कृषि विकास दर तो 15% या उससे भी अधिक रही जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।
श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2022 तक किसानों की आय को दुगुना करने का लक्ष्य महज एक राजनीतिक बयान नहीं है बल्कि एक मिशन है जिसे केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर पूरा करने के लिए एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि निस्संदेह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हम 2022 तक किसानों की आय को दुगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि जिस दिन किसानों की आय दुगुनी हो जायेगी, देश की जीडीपी में कृषि का योगदान खुद-ब-खुद 30% हो जाएगा जिससे देश के अर्थतंत्र को बहुत बड़ा फायदा होगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना इस दिशा में उठाया गया सबसे पहला सर्वस्पर्शीय कदम है।
राष्ट्र्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार सदैव सुधारों व सुझावों का स्वागत करती है ताकि योजनाओं को और बेहतर बनाया जा सके। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को और अधिक प्रभावी और लाभकारी बनाने के लिए निरंतर सुझावों और सलाहों पर ईमानदारी से अमल हो रहा है, हमारे लिए किसान हित सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सुझावों पर उच्चतम स्तर पर चर्चा और विचार करने का मैकेनिज्म भी डेवलप किया है। उन्होंने कहा कि आज के सेमिनार जैसे मंच को जिला और कस्बों तक ले जाने की जरूरत है ताकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को और अधिक सम्पूर्ण बनाने के लिए सुझाव और समाधान निकल कर सामने आये और उसे सिस्टम तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि हमारे किसान विश्व के सर्वाधिक मेहनती किसान हैं, उन्हें अच्छे से जीने का अधिकार और देश के अर्थतंत्र में वर्षों से योगदान करने का पुरस्कार भी मिलना चाहिए, ये हम सभी लोगों की जिम्मेदारी है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हम इस दिशा में कार्य करने के लिए कृतसंकल्पित हैं।