Press, Share | Sep 13, 2015
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह द्वारा माई होम इंडिया के कार्यक्रम ‘कर्मयोगी पुरस्कार समारोह’ में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु
उत्तर-पूर्व से भारत का रिश्ता सिर्फ भू-राजनीतिक नहीं, भू-सांस्कृतिक है: अमित शाह
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श्री मोदी जी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर के विकास के लिए सात सूत्रों के आधार पर विकास कार्यक्रम की शुरुआत की गई है: अमित शाह
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पूर्वोत्तर को जोड़े रखने में राष्ट्रीय सवयंसेवक संघ का योगदान अहम: अमित शाह
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मोदी नेतृत्व की केंद्र सरकार उत्तर-पूर्व के विकास के लिए कटिबद्ध है तथा उत्तर पूर्वी राज्यों को केंद्र सरकार द्वारा आवंटित अभूतपूर्व बजट इसका प्रमाण है: अमित शाह
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने आज दिल्ली के मावलंकर हॉल में 'माय होम इंडिया' संस्था द्वारा आयोजित 'कर्मयोगी पुरस्कार समारोह - 2015' के अवसर पर लोगों को सम्बोधित किया।
उन्होंने पूर्वोत्तर के महत्व को समझाते हुए कहा कि पूर्वोत्तर भारत का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्व से भारत का रिश्ता सिर्फ भू-राजनीतिक नहीं, भू-सांस्कृतिक है। उन्होंने कहा कि शेष भारत से पूर्वोत्तर का जुड़ाव ऐतिहासिक है और हमारे बीच का सांस्कृतिक सौहार्द्र काफी तेजी से आगे बढ़ा है।
श्री शाह ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते हुए मुझे पूर्वोत्तर को करीब से जानने का मौक़ा मिला और भाजपा का अध्यक्ष बनने के बाद मैंने पूर्वोत्तर के सभी राज्यों का दौरा कर वहां की स्थिति और समस्याओं को गंभीरता से समझने का प्रयास किया।
उन्होंने पूर्वोत्तर को जोड़े रखने में राष्ट्रीय सवयंसेवक संघ के योगदान को अहम बताया और 'माय होम इंडिया' संस्था द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए चलाये जा रहे कार्यक्रमों की भी प्रशंसा की। उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास में नागालैंड के गांधी श्री नटवर भाई ठक्कर के योगदान को अतुलनीय बताया और कहा कि वह देश के नौजवानों के लिए प्रेरणा के अनुकरणीय स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि संस्था द्वारा प्रायोजित 'कर्मयोगी पुरस्कार' उत्तरपूर्व के विकास के लिए कार्य करने वाले लोगों के लिए ही नहीं, वरन शेष भारत के लोगों के मन में भी पूर्वोत्तर के विकास और उसके सहयोग के प्रति भावनाओं को भी जागृत करने का काम करेगा।
उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभिन्न संगठनों जैसे वनवासी कल्याण परिषद, विद्या भारती, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, विवेकानंद केंद्र आदि तथा रामकृष्ण मिशन द्वारा पूर्वोत्तर के विकास के लिए चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की भी सराहना की।
उन्होंने कहा कि श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पूर्वोत्तर के राज्यों के विकास के लिए काफी ध्यान दिया था और इसके लिए अलग से मंत्रालय का निर्माण किया। उन्होंने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा की सरकार बनने के बाद फिर से इस पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी जी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर में सड़क और हवाई यातायात, रोजगार का सृजन, जैविक कृषि, संस्कृति का सम्मान और उसकी सुरक्षा तथा सीमा सुरक्षा के सात सूत्रों के आधार पर विकास कार्यक्रम की शुरुआत की गई है जो पूर्वोत्तर के राज्यों को विकास के पथ पर अग्रसर करेगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र की वर्तमान भाजपा-नीत राजग सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए सबसे ज्यादा बजट की अनुशंसा की है और पूर्वोत्तर के क्षेत्रों का सर्वांगीण विकास हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि आज देश की मोदी नेतृत्व की केंद्र सरकार उत्तर-पूर्व के विकास के लिए कटिबद्ध है तथा उत्तर पूर्वी राज्यों को केंद्र सरकार द्वारा आवंटित अभूतपूर्व बजट इसका प्रमाण है। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब उत्तर पूर्व के राज्य देश के अन्य विकसित राज्यों से कदम से कदम मिलकर विकास के पथ पर आगे बढ़ेंगें।
(श्री अरुण कुमार जैन)
कार्यालय सचिव