Press, Share | Jul 13, 2016
Wednesday, 13 July 2016
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्री अमित शाह द्वारा गुवाहाटी (असम) में विधायक प्रशिक्षण वर्ग के समापन सत्र में दिए गए संबोधन के मुख्य अंश
प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्त्व में केंद्र की भाजपा सरकार उत्तर-पूर्व के विकास के लिए हमेशा तैयार है: अमित शाह
*******
केवल दो वर्षों में नार्थ-ईस्ट में उत्तर-पूर्व के विकास के लिए लगभग 65,000 करोड़ रुपये का व्यापक निवेश किया गया है: अमित शाह
*******
अपार संभावनाओं के बावजूद उत्तर-पूर्व का विकास नहीं हो पाया है, इस परिस्थिति को बदलने की जिम्मेदारी हमारी है: अमित शाह
*******
सुरक्षित और विकसित नार्थ-ईस्ट हमारा एजेंडा होना चाहिए और हमें इसी के आधार पर काम करना चाहिए: अमित शाह
*******
हमें असम में एक ऐसी व्यवस्था विकसित करने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए कि रोजगार के लिए यहाँ के युवाओं को राज्य के बाहर न जाना पड़े: अमित शाह
*******
पहले जनसंघ और बाद में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के तीन मूल मंत्र थे - देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण रखना, देश को परम वैभव के शिखर पर ले जाना और देश में एक लोक-कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना: अमित शाह
*******
हमारे जन-प्रतिनिधियों को मुख्यतः तीन बिन्दुओं पर काम करने की जरूरत है - पहला यह कि यह क्षेत्र देश की सुरक्षा के लिए एक अभेद्य दीवार बन जाए, दूसरा, देश की एकता और अखण्डता के लिए घुसपैठ पर पूर्ण रोक लगे और तीसरा, उत्तर- पूर्व का सर्वस्पर्शीय और सर्व समावेशिक विकास हो: अमित शाह
*******
कांग्रेस ने उत्तर-पूर्व के साथ काफी अन्याय किया है, उसने उत्तर-पूर्व के किसी भी समस्या का समाधान नहीं किया: अमित शाह
*******
उत्तर-पूर्व में सीमा की सुरक्षा ऐसी होनी चाहिए कि कोई परिंदा भी पर न मार सके: अमित शाह
*******
पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी का देश के अंतिम व्यक्ति को प्रथम पंक्ति के समकक्ष कर उन्हें समाज के मुख्यधारा के साथ जोड़ने के सपने को पूरा करना हमारा ध्येय होना चाहिए: अमित शाह
*******
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्री अमित शाह ने आज गुवाहाटी (असम) में विधायक प्रशिक्षण वर्ग के समापन सत्र को संबोधित किया। असम की विजय को भारतीय जनता पार्टी के लिए बहुत बड़ी जीत बताते हुए कहा उन्होंने कहा कि अध्यक्ष बनते समय ही मैंने यह कहा था कि हमारे लिए विराम का कोई पल नहीं है, यह हमारा सर्वोच्च शिखर नहीं है, हमें भाजपा को इससे और आगे ले जाने के लिए प्रयत्न करना चाहिए।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पहले जनसंघ और बाद में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के तीन मूल मंत्र थे - देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण रखना, देश को परम वैभव के शिखर पर ले जाना और देश में एक लोक-कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना। उन्होंने कहा कि इन तीनों कार्यों को पूरा करने के लिए उत्तर-पूर्व से उपयुक्त कोई और जगह नहीं हो सकता। श्री शाह ने कहा कि अपार संभावनाओं के बावजूद उत्तर-पूर्व का विकास नहीं हो पाया है, इस परिस्थिति को बदलने की जिम्मेदारी हमारी है। उन्होंने कहा कि हमें विकास की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रयत्न करना चाहिए। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उत्तर-पूर्व के साथ काफी अन्याय किया है, उसने उत्तर-पूर्व के किसी भी समस्या का समाधान नहीं किया। उन्होंने कहा कि श्री अटल जी की सरकार ने उत्तर -पूर्व के लिए डोनर मंत्रालय गठित किया और मोदी सरकार ने इसे एक्टिवेट करने का काम किया।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आज जनता भाजपा से जुड़ना चाहती है, आज जनता में भाजपा की स्वीकृति है, यदि आज माहौल हमारे पक्ष में है तो हमारे जन-प्रतिनिधियों को मुख्यतः तीन बिन्दुओं पर काम करने की जरूरत है - पहला यह कि यह क्षेत्र देश की सुरक्षा के लिए एक अभेद्य दीवार बन जाए, दूसरा, देश की एकता और अखण्डता के लिए घुसपैठ पर पूर्ण रोक लगे और तीसरा, उत्तर-पूर्व का सर्वस्पर्शीय और सर्व समावेशिक विकास हो। उन्होंने कहा कि सुरक्षित और विकसित नार्थ-ईस्ट हमारा एजेंडा होना चाहिए और हमें इसी के आधार पर काम करना चाहिए।
श्री शाह ने कहा कि प्राचीन काल से ही नार्थ-ईस्ट भारत का अभिन्न अंग है, हमें जनमानस के अंदर यह जागृति लानी चाहिए ताकि यहाँ के लोगों को सहज रूप से भारत अपना लगे। उन्होंने कहा कि आज उत्तर-पूर्व के विकास के लिए ’नेडा' की स्थापना हुई है जो उत्तर-पूर्व को विकास के पथ पर अग्रसर करने के लिए काम करेगी। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि नागालैंड ने राज्य की शिक्षा में आज हिन्दी की पढ़ाई को अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने कहा कि हिन्दी को उत्तर-पूर्व के शिक्षा व्यवस्था में शामिल करने का मतलब है देश के साथ जुड़ जाना और यहाँ के युवाओं के लिए रोजगार का एक बड़ा अवसर उपलब्ध कराना, हमें इस दिशा में काम करना चाहिए।
भाजपा अध्यक्ष ने जन-प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर-पूर्व में सीमा की सुरक्षा ऐसी होनी चाहिए कि कोई परिंदा भी पर न मार सके। उन्होंने कहा कि हमें उत्तर-पूर्व को सुरक्षा की अभेद्य दीवार बनाने के लिए असम से इसकी शुरुआत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गुजरात में हमने यह करके दिखाया है, यदि पश्चिमी सरहद पर हम यह कर सकते हैं तो जनजागृति के जरिये पूर्वी सरहद पर भी हम ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें एनसीआर पर काफी ध्यान देना चाहिए और इसे लागू कराने की कोशिश करनी चाहिए।
श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्त्व में केंद्र की भाजपा सरकार ने उत्तर -पूर्व के विकास के लिए कई सारी योजनायें शुरू की है, केवल दो वर्षों में नार्थ-ईस्ट में उत्तर-पूर्व के विकास के लिए लगभग 65,000 करोड़ रुपये का व्यापक निवेश किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार उत्तर-पूर्व के विकास के लिए हमेशा तैयार है, स्वयं प्रधानमंत्री जी उत्तर-पूर्व के विकास पर खासा ध्यान दे रहे हैं और योजनाओं की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने विधायकों का आह्वान करते हुए कहा कि हमें हमारे द्वारा किये जा रहे विकास कार्यों को नीचे तक पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अंत्योदय की दिशा में हर दिन काम कर रही है, हर 15 दिन में एक नया इनिशिएटिव शुरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी का देश के अंतिम व्यक्ति को प्रथम पंक्ति के समकक्ष कर उन्हें समाज के मुख्यधारा के साथ जोड़ने के सपने को पूरा करना हमारा ध्येय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्त्व में आज विदेशों में भारत और भारतीयों का मान-सम्मान बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि हमें असम में एक ऐसी व्यवस्था विकसित करने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए जिससे कि रोजगार के लिए यहाँ के युवाओं को राज्य के बाहर न जाना पड़े। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हमें भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा को पूरे उत्तर-पूर्व में विस्तारित करने के प्रयत्न करने चाहिए। ‘अपनी सरकार, अच्छी सरकार’ का नारा देते हुए उन्होंने कहा कि हर चुने हुए जन-प्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र के विकास के लिए हर वर्ष पांच नए लक्ष्यों को निर्धारित करना चाहिए और तय सीमा के भीतर इसे पूरा करने का प्रयास करना चाहिए।