SALIENT POINTS OF SPEECH BY BJP NATIONAL PRESIDENT, SHRI AMIT SHAH ADDRESSING PANDIT DEEN DAYAL UPADHYAY BIRTH CENTENARY PROGRAM AT SWAPNA NAGARI, KOZHIKODE (KERALA)

Press, Share | Sep 25, 2016

Sunday, 25 September 2016

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह द्वारा स्वप्ननगरी, कोझिकोड (केरल) में आयोजित भाजपा की राष्ट्रीय परिषद् में पंडित दीन दयाल उपाध्याय जन्मशती समारोह 'गरीब-कल्याण वर्ष' की शुरुआत पर दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु

एकात्म मानववाद, एकात्म मानव दर्शन एवं अंत्योदय की विचारधारा हमारा आदर्श और गरीब-कल्याण हमारा एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए: अमित शाह
*****
अल्पकाल में ही कई सारे दायित्त्वों का निर्वहन करनेवाले पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी का जीवन सरलता, सादगी, विनम्रता, कर्मठता और आदर्शों का प्रतीक है: अमित शाह
*****
युगद्रष्टा पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी ने राष्ट्र को एक वैकल्पिक विचारधारा देने का काम किया। पंडित जी की विचारधारा सत्ता प्राप्ति के लिए नहीं बल्कि राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए थी: अमित शाह
*****
आज जब हम पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी की जन्मशती मना रहे हैं तब हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम पंडित जी द्वारा दिखाए गए नीतियों पर चलकर देश को आगे ले जाने के लिए कृतसंकल्पित हों: अमित शाह
*****
पंडित दीन दयाल जी ने कहा था, “जब तक हम समाज के अंतिम छोर पर खड़े गरीब-से-गरीब व्यक्ति तक विकास की धारा नहीं पहुंचाते, जब तक हम उनको देश के विकास की मुख्यधारा में शामिल नहीं करते, तब तक देश की स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है: अमित शाह
*****
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्त्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार पंडित जी की ‘अंत्योदय' एवं एकात्म मानव दर्शन की नीतियों औरउनके आदर्शों पर चलकर एक गरीब-कल्याण राज्य की स्थापना की दिशा में सतत प्रयत्नशील है: अमित शाह
*****

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने आज, रविवार को कोझिकोड (केरल) के स्वप्ननगरी में आयोजित भाजपा की राष्ट्रीय परिषद् की बैठक के आख़िरी सत्र में पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्म शताब्दी समारोह 'गरीब-कल्याण वर्ष' की शुरुआत के अवसर पर पंडित दीन दयाल जी के जीवन, उनके कृतित्त्व और सिद्धांतों पर विस्तार से चर्चा की।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मैं अपने आप को बहुत सौभाग्यशाली मानता हूँ कि मेरे जैसे कार्यकर्ताओं को पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी की जन्मशती मनाने का मौक़ा मिला है। उन्होंने कहा कि अल्पकाल में ही कई सारे दायित्त्वों का निर्वहन करनेवाले पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी का जीवन सरलता, सादगी, विनम्रता, कर्मठता और आदर्शों का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस अपने मध्याह्न काल में देश की सत्ता के केंद्र बिंदु में थी, तो उस वक्त देश के कई मनीषियों को लगा कि देश के विकास के लिए जो योजनायें बन रही हैं, उन योजनाओं के केंद्र में देश की माटी का सुगंध तो है ही नहीं और ऐसे वक्त में युगद्रष्टा पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी ने राष्ट्र को एक वैकल्पिक विचारधारा देने का काम किया। उन्होंने कहा कि पंडित जी की विचारधारा सत्ता प्राप्ति के लिए नहीं बल्कि राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए थी। उन्होंने कहा कि इसी विचारधारा के आधार पर जनसंघ की स्थापना हुई और इसी पर आगे बढ़ते हुए जनसंघ आज भारतीय जनता पार्टी के रूप में एक विशाल बटवृक्ष बनकर दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनी है।
श्री शाह ने कहा कि 1967 से 2016 तक जनसंघ से लेकर भाजपा तक की यात्रा में हम एक जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका में थे जबकि आज हम स्वाभाविक रूप से देश की राजनीति के केंद्र बिंदु में हैं। उन्होंने कहा कि आज जब हम पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी की जन्मशती मना रहे हैं तब हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम पंडित जी द्वारा दिखाए गए नीतियों पर चलकर देश को आगे ले जाने के लिए कृतसंकल्पित हों। उन्होंने कहा कि दीन दयाल जी ने कहा था, “जब तक हम समाज के अंतिम छोर पर खड़े गरीब-से-गरीब व्यक्ति तक विकास की धारा नहीं पहुंचाते, जब तक हम उनको देश के विकास की मुख्यधारा में शामिल नहीं करते, तब तक देश की स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें देश में विकास की दौड़ में पीछे छूट गए लोगों को समाज की मुख्यधारा के साथ जोड़ना है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि देश की जनता ने बहुत विश्वास के साथ हमें देश की सत्ता की बागडोर सौंपी है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत में हो रहे विकास के परिवर्तन को बहुत बारीकी और विस्मय के साथ देख रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्त्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार पंडित जी की ‘अंत्योदय' एवं एकात्म मानव दर्शन की नीतियों औरउनके आदर्शों पर चलकर एक गरीब-कल्याण राज्य की स्थापना की दिशा में सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि इसी तरह भाजपा की राज्य सरकारें भी अंत्योदय और गरीब कल्याण की योजनाओं को वास्तविक रूप से चरितार्थ करने का काम कर रही है।
श्री शाह ने कहा कि एकात्म मानववाद, एकात्म मानव दर्शन एवं अंत्योदय की विचारधारा हमारा आदर्श और गरीब-कल्याण हमारा एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गरीब-कल्याण की योजनाओं को सभी राज्य सरकारें पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मशती वर्ष में लागू करेंगी।
1967 के राष्ट्रीय अधिवेशन में पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी के भाषण से कुछ अंशों को उद्धृत करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पंडित जी के जन्म शताब्दी वर्ष में हम उनके दिखाए गए रास्तों और सिद्धांतों के आधार पर पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक हम आगे बढ़ें और उनके आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात कर राष्ट्र के पुनर्निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं, यही हमारा लक्ष्य होना चाहिए।

TTToggle Large Font Size

Share this post:

or Copy link: