Press, Share | Jan 10, 2017
Tuesday, 10 January 2017
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह द्वारा पटना (बिहार) में आयोजित पंडित दीन दयाल उपाध्याय संपूर्ण वाङ्मय के विमोचन के अवसर पर दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का पंडित दीन दयाल उपाध्याय जन्मशती को गरीब-कल्याण वर्ष के रूप में मनाने का फैसला बिलकुल सही फैसला है क्योंकि जब तक हम देश के गरीब-से-गरीब व्यक्ति के जीवन को ऊपर नहीं उठाते, तब तक हम देश को आगे लेकर नहीं जा सकते: अमित शाह
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प्रधानमंत्री जन-धन योजना और प्रधानमंत्री उज्जवला योजना जैसी कई अनगिनत योजनायें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्त्व में चलाई जा रही है जिसके केंद्र में केवल और केवल देश के गरीब हैं: अमित शाह
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मोदी सरकार का एक मात्र उद्देश्य विकास की दौर में अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को सशक्त कर उन्हें अग्रिम पंक्ति में लाना है: अमित शाह
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‘भारत एक जियो पॉलिटिकल नहीं, एक जियो कल्चरल राष्ट्र है' इस कल्पना को पहली बार विश्व के सामने यदि किसी ने रखने का काम किया तो पंडित दीन दयाल जी ने किया: अमित शाह
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जन संघ एवं कांग्रेस के मूल विचारों में जो एक स्पष्ट अंतर है, वह यह है कि कांग्रेस इस देश का नवनिर्माण करना चाहती थी जबकि जन संघ भारत की सभ्यता व संस्कृति की गौरवशाली विरासत के मार्ग पर चलते हुए देश का पुनर्निर्माण करना चाहती थी: अमित शाह
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विचारों का छोटा-सा जो बीज पंडित दीन दयाल जी ने बोया था, आज वह बटवृक्ष के रूप में खड़ा होकर न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व की समस्याओं को सुलझाने की दिशा में अग्रसर है: अमित शाह
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चाहे गोवा मुक्ति आंदोलन हो, हैदराबाद का आंदोलन हो, गौ-हत्या पर प्रतिबद्ध का आंदोलन हो, कच्छ सत्याग्रह हो, कश्मीर की मुक्ति का आंदोलन हो राम जन्मभूमि पर मंदिर बनाने का आंदोलन - हमारे हर आंदोलन के पीछे देश का विचार है, सांस्कृतिक एकता का राग है: अमित शाह
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श्री दीन दयाल उपाध्याय जी के बारे में आज भी लोगों से पूछा जाय तो बहुत कम लोग उनके बारे में जानते हैं जबकि उनके काम को पूरी दुनिया जानती है, ‘स्व’ को अलग करके प्रसिद्धि लिए बिना राष्ट्रहित के इतने व्यापक काम करना, मैं मानता हूँ कि वह पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी के अलावे कोई और नहीं हो सकता: अमित शाह
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संगठन, आतंरिक लोकतंत्र, सबसे पहले देश उसके बाद पार्टी, अंत में मैं और सिद्धांतों की राजनीति - इन सबकी घूंटी दीन दयाल जी ने जनसंघ के कार्यकर्ताओं को जो पिलाई, वह आज भी भाजपा के कार्यकर्ताओं को संस्कारित कर रही है: अमित शाह
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यदि संगठन के 11 करोड़ सदस्यों का संकल्प-बल इकट्ठा होता है भारत को विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता और यही पंडित दीनदयाल जी को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी: अमित शाह
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश की अर्थव्यवस्था से काले-धन के खात्मे के साथ-साथ राजनीतिक शुचिता और चुनाव सुधार के अभियान की भी शुरुआत कर दी है: अमित शाह
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भारतीय जनता पार्टी इस देश में चुनाव सुधारों का भी नेतृत्त्व करेगी, राजनीतिक जीवन में शुचिता के भी बढ़ावा देने का नेतृत्त्व करेगी और राजनीति से काले-धन को समाप्त करने के आंदोलन का भी नेतृत्त्व करेगी: अमित शाह
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राजनीतिक शुचिता में आज भी भारतीय जनता पार्टी बहुत आगे है लेकिन आने वाले दिनों में हम ऐसी योजना लेकर आयेंगें कि राजनीतिक शुचिता के क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी अन्य पार्टियों से कोसों आगे निकल जायेगी: अमित शाह
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पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी का जन्मशती वर्ष भारतीय जनता पार्टी के लिए भी संकल्प का वर्ष है: अमित शाह
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने आज पटना (बिहार) के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में ‘एकात्म मानव दर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान’ एवं चिति (प्रज्ञा प्रवाह की इकाई) के तत्वावधान में आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय संपूर्ण वाङ्मय का लोकार्पण किया और लोगों से पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी के जीवन से प्रेरणा लेकर देश की एकता, अखंडता एवं विकास के लिए काम करने का आह्वान किया। ज्ञात हो कि पंडित दीन दयाल जी जन्मशती की शुरुआत गत 25 सितम्बर को ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कर-कमलों द्वारा हो चुकी है लेकिन देश के हर राज्य की राजधानी में भी इस कार्यक्रम को आयोजित करना तय किया गया है, इसी सिलसिले में आज पंडित दीन दयाल उपाध्याय सम्पूर्ण वाङ्मय का विमोचन बिहार की राजधानी पटना में संपन्न हुआ।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी का कार्यकाल तो छोटा ही था लेकिन संघ प्रचारक के रूप में काम करते-करते वे देश काल और सामाजिक जीवन के कई समस्याओं का निराकरण इतने अल्प समय में कर के गए हैं कि यदि किसी समस्या का समाधान किसी को पाना है तो वह पंडित दीन दयाल जी के जीवन, उनके आलेखों व भाषणों को पढ़ ले, वहीं से उसकी सारी समस्याओं का समाधान आसानी से मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी एक दूरगामी चिंतक, मूर्धन्य विचारक और एक कुशल संगठनकर्ता थे। उन्होंने कहा कि अंतर्विरोधों से भरे एक काल-खंड के मध्य भी पंडित जी ने समन्वय की राजनीति को बल देकर आगे बढ़ाने का काम किया।
श्री शाह ने कहा कि ‘भारत एक जियो पॉलिटिकल नहीं, एक जियो कल्चरल राष्ट्र है' इस कल्पना को पहली बार विश्व के सामने यदि किसी ने रखने का काम किया तो पंडित दीन दयाल जी ने किया, उन्होंने बड़ी सहजता के साथ लोगों के सामने इस परिकल्पना को रखा। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता एवं अध्यक्ष होने के नाते मेरे लिए यह गौरव की बात है कि मैं उस वर्ष भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष हूँ जिस वर्ष पंडित दीनदयाल जी का जन्मशती वर्ष मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह मेरे जैसे पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं के लिए सौभाग्य का समय है। उन्होंने कहा कि गत सितम्बर में कालीकट (जहां दीनदयाल जी भारतीय जन संघ के अध्यक्ष बने थे, उसी शहर) में पंडित जी की जन्म शताब्दी वर्ष की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने उनके ‘अंत्योदय’ के विचार के आधार पर इस शताब्दी वर्ष को गरीब-कल्याण वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया था। उन्होंने कहा कि आज भी भारतीय जनता पार्टी पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के आदर्शों एवं सिद्धांतों पर ही चल रही है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आजादी के बाद जब पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के नेतृत्त्व में देश की नीतियाँ बनाने के लिए एक सर्वदलीय सरकार का गठन किया हुआ था, तब देश के कई बुद्धिजीवियों एवं मनीषियों को लगा कि देश के लिए जो नीतियाँ बन रही हैं, उसका मूल तो पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित है, इसमें कहीं भी भारत की सभ्यता, संस्कृति व देश की माटी की सुगंध नहीं है, यदि इसी रास्ते पर देश चला तो देश काफी पिछड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों के बीच देश को एक वैकल्पिक विचारधारा देने के लिए श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नेतृत्त्व में भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई थी। उन्होंने कहा कि जन संघ की स्थापना के वक्त किसी ने दूर-दूर तक यह कल्पना भी नहीं की थी कि कभी म्युनिस्पैलिटी में भी जन संघ जीत हासिल कर पायेगी।
श्री शाह ने कहा कि जन संघ एवं कांग्रेस के मूल विचारों में जो एक स्पष्ट अंतर है, वह यह है कि कांग्रेस इस देश का नवनिर्माण करना चाहती थी जबकि जन संघ भारत की सभ्यता व संस्कृति की गौरवशाली विरासत के मार्ग पर चलते हुए देश का पुनर्निर्माण करना चाहती थी। उन्होंने कहा कि जन संघ का मानना था कि देश का जो पुराना था, वह तब भी सर्वोच्च था, आज भी सर्वोच्च है। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने अपने भाषणों एवं आलेखों के माध्यम से राष्ट्र गौरव को जागृत करने का काम किया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि दल के सत्ता में आने पर सरकार चलाने के लिए वैचारिक आधार देने का काम भी पंडित दीन दयाल जी ने किया। उन्होंने कहा कि पंडित दीन दयाल जी ने पार्टी चलाने के लिए जो नियम बनाए थे, पार्टी की जो कार्यपद्धति बनाई थी, सिद्धांतों को सरलता से जिस प्रकार उन्होंने व्याख्यायित किया था, आज उसी का परिणाम है कि 10 सदस्यों के साथ शुरू हुई जन संघ पार्टी आज 11 करोड़ सदस्यों के साथ भारतीय जनता पार्टी के रूप में विश्व की सबसे बड़ी राजनीति पार्टी बन गई है। उन्होंने कहा कि विचारों का छोटा-सा जो बीज पंडित दीन दयाल जी ने बोया था, आज वह बटवृक्ष के रूप में खड़ा होकर न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व की समस्याओं को सुलझाने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि चाहे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद हो या व्यक्ति से समष्टि तक एकात्म भाव से जिस प्रकार का विकास का मॉडल पेश करने की बात हो - इन सारी चीजों को एकात्म मानव दर्शन के रूप में संजो कर उन्होंने देश एवं दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का काम किया। उन्होंने कहा कि पंडित दीन दयाल जी ने उस वक्त जलवायु समस्या को गंभीरता से रखा था, जब बहुत लोग इस समस्या के प्रति गंभीर नहीं थे, उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि प्रकृति का शोषण नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हम उनके सिद्धांतों के अनुरूप चले होते तो आज ग्लोबल वार्मिंग की गंभीर समस्या से हम चिंतित न होते।
श्री शाह ने कहा कि संगठन का दायित्त्व भी पंडित दीन दयाल जी ने बखूबी निभाया, संगठन मंत्री, संगठन महामंत्री फिर जन संघ के अध्यक्ष रहे, जन संघ की कार्यप्रणाली की नींव डालने का काम जो उन्होंने किया, उसी नींव पर आज भारतीय जनता पार्टी खड़ी है। उन्होंने कहा कि आज हम गर्व से कह सकते हैं कि भारतीय जनता पार्टी देश का विचार करने वाली पार्टी है, देश की चिंता करने वाली पार्टी है। उन्होंने कहा कि किसी राजनीतिक दल का परिचय क्या होता है - पार्टी का परिचय उसका सिद्धांत होता है, उसके किये गए आंदोलन होते हैं, उस आंदोलन से निकले हुए पार्टी के नेता होते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे सिद्धांतों को देखिये, हमारे आंदोलनों को देखिये चाहे गोवा मुक्ति आंदोलन हो, हैदराबाद का आंदोलन हो, गौ-हत्या पर प्रतिबद्ध का आंदोलन हो, कच्छ सत्याग्रह हो, कश्मीर की मुक्ति का आंदोलन हो राम जन्मभूमि पर मंदिर बनाने का आंदोलन हो - हर आंदोलन के पीछे देश का विचार है, सांस्कृतिक एकता का राग है। उन्होंने कहा कि हम सभी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता कोई आंदोलन, कोई यात्रा किसी नेता को बड़ा करने के लिए नहीं बल्कि जन-जागृति फैला कर देश की समस्या के निवारण के लिए करते हैं, यह परिचय है भारतीय जनता पार्टी का।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि हमारे नेता भी कैसे निकले - श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीन दयाल जी, श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी, श्री लालकृष्ण आडवाणी जी, राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी, श्री सुंदर सिंह भंडारी जी, श्री कुशाभाऊ ठाकरे, श्री कैलाशपति मिश्र, भाई महावीर - एक से बढ़कर एक नेता निकले जिन्होंने अपने जीवन का क्षण-क्षण और शरीर का कण-कण केवल और केवल माँ भारती की सेवा में समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान के सभी राजनीतिक दलों में एक भी राजनीतिक दल के पास नेतृत्त्व के मामले में ऐसा वैभव नहीं है, जैसा भारतीय जनता पार्टी के पास उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी के बारे में आज भी लोगों से पूछा जाय तो बहुत कम लोग उनके बारे में जानते हैं जबकि उनके काम को पूरा देश, पूरी दुनिया जानती है, ‘स्व’ को अलग करके प्रसिद्धि लिए बिना एक राजनीतिक दल में रहते हुए राष्ट्रहित के इतने व्यापक काम करना, मैं मानता हूँ कि वह पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी के अलावे कोई और नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि देश के सभी राजनीतिक दलों में भारतीय जनता पार्टी एक मात्र ऐसी राजनीतिक पार्टी है जिसका आंतरिक चुनाव आंतरिक लोकतंत्र आज भी अच्छे से चल रहा है, सभी चुनाव समय पर होते हैं। उन्होंने कहा कि इससे बड़ी बात क्या हो सकती है कि मेरे जैसा एक अदना सा बूथ कार्यकर्ता पोस्टर लगाते-लगाते आज भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष बन जाता है। उन्होंने कहा कि संगठन, आतंरिक लोकतंत्र, सबसे पहले देश उसके बाद पार्टी, अंत में मैं और सिद्धांतों की राजनीति - इन सबकी घूंटी दीन दयाल जी ने जनसंघ के कार्यकर्ताओं को जो पिलाई, वह आज भी भाजपा के कार्यकर्ताओं को संस्कारित कर रही है।
श्री शाह ने कहा कि दीन दयाल जन्मशती में विचार परिवार का हर कार्यकर्ता और खासकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के लिए आत्मचिंतन का विषय है। उन्होंने कहा कि यदि हमें ऐसा संगठन बनाना है कि जिसकी आभा से पूरा विश्व इस प्रकार चकाचौंध हो जाए कि जिसके अंदर से सिद्धांतों की सुगंध बाहर आ सके, यदि हम ऐसे संगठन के माध्यम से देश को ‘विश्वगुरु’ के पद पर प्रतिष्ठित करना चाहते हैं तो हमारे लिए पंडित दीन दयाल जन्मशती एक बहुत बड़ा मौक़ा है। उन्होंने कहा कि संगठन के 11 करोड़ सदस्य यदि पंडित दीन दयाल जन्मशती में एक-एक ही संकल्प लेते हैं चाहे वह ट्रैफिक नियम न तोड़ने का संकल्प हो या फिर माता-पिता के चरण छूकर घर से निकलने का संकल्प, यदि 11 करोड़ सदस्यों का संकल्प-बल इकट्ठा होता है भारत को विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता और यही पंडित दीनदयाल जी को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि यदि हमें एक व्यक्ति के नाते, पार्टी के नाते और देश के नाते ऊपर उठना है तो हमें पंडित दीनदयाल जी के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय जन्मशती को गरीब-कल्याण वर्ष के रूप में मनाने का बिलकुल सही फैसला किया क्योंकि जब तक हम देश के गरीब-से-गरीब व्यक्ति के जीवन को ऊपर नहीं उठाते हैं, तब तक हम देश को आगे लेकर नहीं जा सकते।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना और प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का उदाहरण देते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी के ‘अन्त्योदय' के सिद्धांत पर कैसे चल रही है, ये योजनायें इसका एक उदाहरण भर हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी अनगिनत योजनायें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्त्व में चलाई जा रही है जिसके केंद्र में केवल और केवल देश के गरीब हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का एक मात्र उद्देश्य विकास की दौर में अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को सशक्त कर उन्हें अग्रिम पंक्ति में लाना है।
विमुद्रीकरण की योजना का जिक्र करते हुए श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्त्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने तय किया है कि देश में कालेधन के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़नी है, इससे सबसे ज्यादा फायदा देश के गरीबों को होने वाला है। उन्होंने कहा कि टैक्स की चोरी बचने से बजट में वृद्धि की जा सकती है और फिर उसी राशि से गरीब-कल्याण की और योजनायें लाई जा सकती है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश की अर्थव्यवस्था से काले-धन के खात्मे के साथ-साथ राजनीतिक शुचिता और चुनाव सुधार के अभियान की भी शुरुआत कर दी है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस देश में चुनाव सुधारों का भी नेतृत्त्व करेगी, राजनीतिक जीवन में शुचिता के भी बढ़ावा देने का नेतृत्त्व करेगी और राजनीति से काले-धन को समाप्त करने के आंदोलन का भी नेतृत्त्व करेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्त्व में भारतीय जनता पार्टी इन तीनों विषयों को लेकर आगे बढ़ने वाली है।
श्री शाह ने कहा कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी का जन्मशती वर्ष भारतीय जनता पार्टी के लिए भी संकल्प का वर्ष है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक शुचिता में आज भी भारतीय जनता पार्टी बहुत आगे है लेकिन आने वाले दिनों में हम ऐसी योजना लेकर आयेंगें कि राजनीतिक शुचिता के क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी अन्य पार्टियों से कोसों आगे निकल जायेगी। चुनाव सुधारों को लेकर प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर भारतीय जनता पार्टी ने एक टीम बनाई है जो चुनाव सुधारों पर रिसर्च करके देश के सामने खर्च रहित चुनाव की कल्पना को साकार करने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक चंदे की पारदर्शिता के मामले में भी भारतीय जनता पार्टी अन्य पार्टियों से दो कदम आगे ही होगी।