SALIENT POINTS OF SPEECH OF BJP NATIONAL PRESIDENT SHRI AMIT SHAH SAMARPAN DIWAS KARYAKRAM, NEW DELHI

Press, Share | Feb 11, 2019

11 February 2019

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्क, नई दिल्ली में आयोजित ‘समर्पण दिवस' में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु

राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने 'समर्पण दिवस’ के अवसर पर “NaMo App” के माध्यम से पार्टी संगठन को अपना डोनेशन देते हुए भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं से “NaMo App” के माध्यम से संगठन को 5 रूपये से लेकर 1,000 रुपये तक डोनेट करने की अपील की
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स्वयंसेवक से लेकर जनसंघ के अध्यक्ष तक और जीवन के अंतिम क्षणों तक पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के जीवन में 'स्व' का कोई स्थान नहीं था, उनका पूरा जीवन देश की संस्कृति और राष्ट्र हित के लिए समर्पित रहा। ऐसे महान देशभक्त व उत्कृष्ट संगठनकर्ता की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन!
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी राजनीति में शुचिता के दीनदयाल जी के संकल्प के प्रति कटिबद्ध है। पार्टी और विचारधारा के विस्तार के प्रति समर्पित पंडित दीनदयाल जी का बलिदान पार्टी के लिए सदैव प्रेरणा का अदम्य स्रोत रहा है
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पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने सबसे पहले देश, उसके बाद पार्टी और अंत में मैं के सिद्धांतो की राजनीति से कार्यकर्ताओं को संस्कारित करने का काम किया। उनका एकात्म मानववाद का दर्शन न केवल भारत अपितु सम्पूर्ण विश्व की समस्याओं का समाधान करने में सक्षम है
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हमारा ध्येय है सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और गरीब कल्याण के लिए अंत्योदय के सिद्दांतों को लेकर आगे बढ़ना और इसे प्राप्त करने का साधन है भारतीय जनता पार्टी का संगठन
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देश में कोई भूखा न हो, कोई बीमार न हो, कोई अनपढ़ न हो- इस आधार पर देश की रचना अंत्योदय के आधार से ही संभव है। देश का गौरव पताका पूरी दुनिया में चहुँ ओर फहरे और हम विश्वगुरु के रूप में पुनः प्रतिष्ठित हों, यह सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के आधार पर ही हो सकता है
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सार्वजनिक बहस के जरिये यह तय होना चाहिए कि चुनावी खर्चे कैसे कम हो और चुनाव के माध्यम में शुद्धता कैसे आए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इसकी शुरुआत कर दी है, उन्होंने सभी राजनीतिक दलों द्वारा काले धन के इस्तेमाल पर नकेल कसकर दो हजार रुपये से ज्यादा नगद में चंदा लेने की सीमा को सीमित कर दिया
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हमने लक्ष्य रखा है कि प्रत्येक बूथ से कम से कम दो पार्टी कार्यकर्ता “NaMo App” के माध्यम से एक हजार रुपये भारतीय जनता पार्टी को डोनेट करें। पार्टी कार्यकर्ता अपने अर्जित धन का एक हिस्सा पार्टी को डोनेट करें
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हर कार्यकर्ता यह गर्व से कहे कि हमारी पार्टी कार्यकर्ताओं के पैसे से चलती है न कि किसी धनकुबेर के पैसों से। देश के तमाम राजनीतिक पार्टियों को इस दिशा में ले जाने की जिम्मेवारी भारतीय जनता पार्टी और पार्टी के कार्यकर्ताओं की है
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भारतीय जनता पार्टी अपने कर्तव्यों और जनमानस के माध्यम से ऐसा दबाव देश भर में उत्पन्न करे जिससे प्रत्येक राजनीतिक पार्टी इस शुचिता के रास्ते पर जाने के लिए बाध्य हो। आज देश भर में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई चल रही है
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आज भ्रष्टाचारियों और गरीब जनता के पैसों के लुटेरों को देश से भागना इसलिए पड़ा है क्योंकि “चौकीदार” ने इन्हें कानून के तहत जेल में डालना शुरु किया है जबकि पहले की कांग्रेस सरकार में ये भ्रष्टाचार के भागीदार थे
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एक ओर प्रधानमंत्री जी ने इस देश के सार्वजनिक जीवन से भ्रष्टाचार को निर्मूल करने के लिए एक अभियान छेड़ा हुआ है, वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी संगठन समर्पण भाव से माँ भारती की सेवा में लगी हुई है
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हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि लोकतांत्रिक मूल्यों का संवर्धन और संरक्षण यदि किसी एक संस्कृति ने किया है तो वो भारतीय संस्कृति है
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पंडित दीनदयाल जी ने एक ऐसी पार्टी की कल्पना की जिसका आधार नेताओं का आभामंडल नहीं बल्कि कार्यकर्ता और संगठन हों। उन्होंने एक ऐसी पार्टी की कल्पना की जो चुनाव में ओछे हथकंडे अपनाकर चुनाव न जीते बल्कि विचारधारा की स्वीकृति और संगठन की शक्ति के आधार पर चुनाव जीते
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्क में ‘एकात्म मानववाद’ के प्रणेता एवं ‘अंत्योदय' के सिद्धांत के प्रतिपादक पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के बलिदान दिवस पर आयोजित 'समर्पण दिवस' कार्यक्रम को संबोधित किया। इससे पूर्व, राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने 'समर्पण दिवस’ के अवसर पर “NaMo App” के माध्यम से पार्टी संगठन को अपना डोनेशन देते हुए भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं से “NaMo App” के माध्यम से संगठन को 5 रूपये से लेकर 1,000 रुपये तक डोनेट करने की अपील भी की। ज्ञात हो कि आज ही के दिन युगद्रष्टा एवं भारतीय जनता पार्टी के वैचारिक अधिष्ठाता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की नृशंस हत्या मुगलसराय स्टेशन, जो वर्तमान में पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता है, पर कर दी गई थी। पार्टी और विचारधारा के विस्तार के प्रति समर्पित पंडित दीनदयाल जी का बलिदान पार्टी के लिए सदैव प्रेरणा का अदम्य स्रोत रहा है।

श्री शाह ने कार्यक्रम में उपस्थित जनमानस को संबोधित करते हुए कहा कि पंडित दीनदयाल जी के बलिदान दिवस पर भारतीय जनता पार्टी देशभर में हर बूथ पर 'समर्पण दिवस' कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी राजनीति में शुचिता के दीनदयाल जी के संकल्प के प्रति कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक से लेकर जनसंघ के अध्यक्ष तक और जीवन के अंतिम क्षणों तक पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के जीवन में 'स्व' का कोई स्थान नहीं था, उनका पूरा जीवन देश की संस्कृति और देश के हित के लिए समर्पित रहा। ऐसे महान देशभक्त व उत्कृष्ट संगठनकर्ता की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने सबसे पहले देश, उसके बाद पार्टी और अंत में मैं के सिद्धांतो की राजनीति से कार्यकर्ताओं को संस्कारित करने का काम किया। उनका एकात्म मानववाद का दर्शन न केवल भारत अपितु सम्पूर्ण विश्व की समस्याओं का समाधान करने में सक्षम है।

पंडित दीनदयाल जी के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने राजनीति में जिस विचारधारा का आरंभ किया था, उसी विचारधारा को हम सभी कार्यकर्ता आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में आजादी के बाद कई लोगों को लगता था कि यदि लोकतंत्र को सफल बनाना है तो पश्चिम के विचार से अलग, अपनी संस्कृति की लोकतांत्रिक भावनाओं को अभिव्यक्ति प्रदान करने वाली एक पार्टी होनी चाहिए जो इस देश की संस्कृति के आधार पर देश में लोकतंत्र के नए आयामों का सृजन कर सके। इसी आधार पर जन संघ की स्थापना हुई और पंडित जी संगठन महामंत्री और अध्यक्ष के तौर पर जन संघ की विचारधारा की नींव रखने वाले प्रज्ञापुरुष रहे।

श्री शाह ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने एक ऐसी पार्टी की कल्पना की जहाँ पार्टी के चलने के आधार नेताओं का आभामंडल नहीं बल्कि पार्टी के कार्यकर्ता और संगठन हों। उन्होंने एक ऐसी पार्टी की कल्पना की जो चुनाव में ओछे हथकंडे अपनाकर चुनाव न जीते बल्कि विचारधारा की स्वीकृति और संगठन की शक्ति के आधार पर चुनाव जीते। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने जो बीज बोया था, वह आज बटवृक्ष के रूप में दुनिया के सामने खड़ा है। पंडित दीनदयाल जी के समय संगठन का न सिर्फ सुदृढ़ीकरण, विस्तार, सिद्धांतों का प्रतिपादन और विचारधारा की व्याख्या हुई बल्कि अच्छी चुनावी सफलता भी मिली। स्वयं को प्रसिद्धि के मार्ग से दूर रखकर संगठन के माध्यम से चुनाव जिताने का जो मंत्र पंडित दीनदयाल जी ने दिया, वह आज भी हम सभी कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरक है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पंडित दीनदयाल जी के सिद्धांतों को रेखांकित करते हुए कहा कि जब तक ध्येय प्राप्त करने का साधन शुद्ध न हो तब तक ध्येय की प्राप्ति सही तरीके से नहीं हो सकती। श्री शाह ने ध्येय और और साधन को स्पष्ट करते हुए कहा कि हमारा ध्येय है सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और गरीब कल्याण के लिए अंत्योदय के सिद्दांतों को लेकर आगे बढ़ना और इसे प्राप्त करने का साधन है भारतीय जनता पार्टी का संगठन। उन्होंने कहा कि देश में कोई भूखा न हो, कोई बीमार न हो, कोई अनपढ़ न हो- इस आधार पर देश की रचना अंत्योदय के आधार से ही संभव है। देश का गौरव पताका पूरी दुनिया में चहुँ ओर फहरे और हम विश्वगुरु के रूप में पुनः प्रतिष्ठित हों, यह सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के आधार पर ही हो सकता है। उन्होंने कहा कि ये दो ध्येय हम तभी प्राप्त कर सकते हैं जब हमारा साधन अर्थात् पार्टी शुद्ध हो। उन्होंने कहा कि संगठनात्मक काम सुचारू रूप से कार्यकर्ताओं के समर्पण से चले, इसकी व्यवस्था पंडित दीनदयाल जी ने निर्धारित की थी। इसी ध्येय को सामने रखकर आज का दिन ‘समर्पण दिवस’ के रूप में हम मनाते हैं।

श्री शाह ने बढ़ते चुनावी खर्चे की चर्चा करते हुए कहा कि सार्वजनिक बहस के जरिये यह तय होना चाहिए कि चुनावी खर्चे कैसे कम हो और चुनाव के माध्यम में शुद्धता कैसे आए। उन्होंने उपस्थित कार्यकर्ताओं को विश्वास दिलाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के ही नेतृत्व में यह सुधार शुरू होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इसकी शुरुआत कर दी है, उन्होंने सभी राजनीतिक दलों द्वारा काले धन के इस्तेमाल पर नकेल कसकर दो हजार रुपये से ज्यादा नगद में चंदा लेने की सीमा को सीमित कर दिया।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि विगत चार वर्षों में, समर्पण दिवस और आजीवन सहयोग निधि को एक वैज्ञानिक विधि से आगे बढ़ाने की शुरुआत की गई है। आज के दिन यह संकल्प लिया जाना चाहिए कि हमारी सभी प्रदेश और जिला इकाईयां आने वाले पांच वर्षों में ऐसी स्थिति में आ जाएँ कि सबके पास कॉर्पस फंड जैसी फिक्स्ड डिपाजिट हो ताकि पार्टी का खर्च चलता रहे। इसीलिए आज का दिन ‘समर्पण दिवस’ के रूप में मनाया जा रहा है और आज के दिन देश भर के कार्यकर्ता अपनी गाढ़ी कमाई का एक हिस्सा पार्टी संचालन के लिए दे रहे हैं। हमने लक्ष्य रखा है कि प्रत्येक बूथ से कम से कम दो पार्टी कार्यकर्ता “NaMo App” के माध्यम से एक हजार रुपये भारतीय जनता पार्टी को डोनेट करें। उन्होंने देश भर के पार्टी कार्यकर्ताओं से आग्रह करते हुए कहा कि वे अपने अर्जित धन का एक हिस्सा पार्टी को डोनेट करें।

श्री शाह ने कहा कि हर कार्यकर्ता यह गर्व से कहे कि हमारी पार्टी कार्यकर्ताओं के पैसे से चलती है न कि किसी धनकुबेर के पैसों से। देश के तमाम राजनीतिक पार्टियों को इस दिशा में ले जाने की जिम्मेवारी भारतीय जनता पार्टी और पार्टी के कार्यकर्ताओं की है। भारतीय जनता पार्टी अपने कर्तव्यों और जनमानस के माध्यम से ऐसा दबाव देश भर में उत्पन्न करे जिससे प्रत्येक राजनीतिक पार्टी इस शुचिता के रास्ते पर जाने के लिए बाध्य हो। आज देश भर में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई चल रही है। मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार ने काले धन पर नकेल कसने का काम किया है। क़ानून को इतना सुदृढ़ कर दिया गया है कि यदि कोई कानून के दायरे से बाहर निकला भी तो वह सलामत नहीं रह सकता, वह जरुर पकड़ा जाएगा। श्री शाह ने विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि आज जो लोग विदेश भागे हैं, उन्हें इसलिए भागना पड़ा है क्योंकि हमने इन्हें कानून के तहत जेल में डालना शुरु किया जबकि पहले की कांग्रेस सरकार में ये भ्रष्टाचार के भागीदार थे। “चौकीदार” के आने बाद सभी लुटेरों को भागने पर विवश होना पड़ा लेकिन अब उन्हें विदेश से भी पकड़ कर भारत लाया जा रहा है और सजा दिलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि एक ओर प्रधानमंत्री जी ने इस देश के सार्वजनिक जीवन से भ्रष्टाचार को निर्मूल करने के लिए एक अभियान छेड़ा हुआ है, वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी संगठन समर्पण भाव से माँ भारती की सेवा में लगी हुई है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र की भावना पश्चिम की हो या अपने देश की, मूलतः उसमें कोई अंतर नहीं है, लेकिन हमारी सांस्कृतिक धरोहर इतनी मूल्यवान और अनुकरणीय है जिसके आधार पर हम अपने आप को जीते आए हैं। हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि लोकतांत्रिक मूल्यों का संवर्धन और संरक्षण यदि किसी एक संस्कृति ने किया है तो वो भारतीय संस्कृति है।

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