Press, Share | May 26, 2015
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी द्वारा पत्रकार वार्ता में दिए गए वक्तव्य के मुख्य बिंदू
·केंद्र की मोदी नेतृत्व वाली सरकार एक विजिबल सरकारः अमित शाह
·आज हमारे विरोधी भी इस केंद्र सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा सकतेः अमित शाह
·मोदी जी ने प्राकृतिक आपदा से किसानों को हुए नुकसान की मुआवजा राशि में डेढ़ गुना वृद्धि कर एवं फसलों के नुकसान का मापदंड 50 प्रतिशत से घटाकर 33 प्रतिशत करके किसानों को राहत दी है: अमित शाह कृषि पर निर्भरता कम करने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए हमने मुद्रा बैंक की योजना शुरू की: अमित शाह
·संघीय ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने मजबूत कदम उठाये हैंः अमित शाह
·हमारी प्राथमिकता गरीबों को विकास की अग्रिम पंक्ति में लाना हैः अमित शाह
·केंद्र सरकार के प्रति जनता का विश्वास बढ़ा हैः अमित शाह
·आज केंद्र में एक निर्णायक सरकार हैः अमित शाह
·आज 26 मई, 2015 को भारतीय जनता पार्टी की श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में जो सरकार बनी उसका ठीक एक साल आज समाप्त होने जा रहा है। देश के लोकतंत्र के इतिहास के लिए और भाजपा के लिए भी गत साल कई मायनों में नए रिकार्ड स्थापित करने वाला रहा। तीस साल के बाद इस महान देश में किसी पार्टी को बहुमत देने का फैसला 2014 के चुनाव में इस देश की जनता ने किया। एक निर्णायक जनादेश किसी एक पार्टी को 30 वर्षों बाद मिला। इस देश की जनता ने आजादी के बाद पहली बार किसी गैर-कांग्रेसी दल को पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाने का मौका दिया। ये दोनों चीजें देश के लोकतंत्र के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण है।
·भाजपा के लिए यह गौरव की बात है कि देश की जनता ने जो पहली बार किसी गैर-कांग्रेसी दल को सरकार बनाने का मौका दिया वो भाजपा को दिया। और देश के सभी हिस्सों से करीब-करीब भाजपा और एनडीए का प्रतिनिधित्व आज संसद में, इस सरकार में आज साझीदार है। अरूणाचल में भाजपा का सांसद है तो कच्छ में भी भाजपा का सांसद है। लेह लद्दाख में भाजपा का सांसद है तो कन्याकुमारी में भी भाजपा का सांसद है। पूर्व-पश्चिम, उत्तर-दक्षिण चारों ओर भाजपा को इस देश की प्रजा ने सम्मानित किया है और हमें सरकार बनाने का मौका दिया है और आज यह सरकार एक वर्ष समाप्त कर रही है।
·इस देश में सरकार के प्रति अविश्वास का जो संकट पैदा हुआ था उसको इस सरकार ने समाप्त किया है। पहले देश की सरकार पर इस देश की जनता को भरोसा नहीं था कि यह सरकार देश को कहां पर ले जाएगी। देश के प्रधानमंत्री को देश की कैबिनेट पर भरोसा नहीं था और ब्यूरोक्रेसी को प्रधानमंत्री पर भरोसा नहीं था। आज वो विश्वास का संकट टल गया है। दुनिया भी बड़े भरोसे से आनंद और आश्चर्य से भारत की प्रगति को देख रही है। हर क्षेत्र में इस सरकार ने नई-नई पहल की है और परिणाम भी पाए हैं।
·यह सरकार विजि़बल सरकार रही है। पहले सरकार को ढूंढना पड़ता था। अब शायद मीडिया से भी आगे आकर सरकार प्रोएक्टिव होकर जनता की दिक्कत के समय में जनता के साथ दिखाई पड़ रही है। जम्मू-कश्मीर में बाढ़ आती है तो कुछ ही घंटों में वहां मंत्री और प्रधानमंत्री दिखाई पड़ते हैं। पड़ोसी देश नेपाल में अगर भूकंप आता है तो तुरंत ही सरकार प्रोएक्टिव होकर नेपाल में दिखाई देती है। तमिलनाडु में यदि भारतीय मछुआरों पर संकट आता है, फांसी दी जाती है तो भारत सरकार हस्तक्षेप करती है। किसी क्रिश्चन पादरी को अफगानिस्तान में अगवा किया जाता है तो भारत सरकार दखल करके उसको छुड़ाकर लाती है।
·इस सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय की गरिमा को पुनः स्थापित किया है। एक जमाना था जब हर मंत्री दस साल तक अपने मंत्रालय का प्रधानमंत्री होता था। और प्रधानमंत्री को कोई प्रधानमंत्री ही नहीं मानता था। भाजपा इस स्थिति में परिवर्तन लाई है। आज हरेक मंत्री स्वतंत्रतापूर्वक अपने मंत्रालय का काम कर रहे हैं, फैसले ले रहे हैं। उन पर कोई मंत्री समूह नहीं थौपे गए हैं। मंत्रियों को काम करने की स्वतंत्रता दी गई है। प्रधानमंत्री कार्यालय का गौरव पुनः स्थापित हुआ है। यह सरकार पाॅलिसि पैरालिसिसि से बाहर आई है। जैसे ही समस्या सामने आती है इसके निवारण के लिए यह सरकार तुरंत प्रोएक्टिव होकर अगर जरूरी है तो नीतियों में परिवर्तन करने के लिए तत्पर रहती है और इसके अच्छे परिणाम हमें मिले हैं।
·10 वर्षों तक देश की जनता किसी एक चीज से अगर सबसे ज्यादा त्रस्त थी तो वह भ्रष्टाचार था। 10 वर्षों तक हर महीने कोई न कोई घपला या घोटाला, लाखों करोड़ों रूपयों के भ्रष्टाचार जनता के सामने आते था, जो जनता के आत्मविश्वास को हिलाकर रख देता थे। और दुनिया में भी हिन्दुस्तान की साख इन घोटालों के कारण दिन-प्रतिदिन गिरती जा रही थी। लोकसभा चुनाव के वक्त हमने वचन दिया था कि हम भ्रष्टाचार को इस व्यवस्था से उखाड़कर फेंक देंगे। मुझे बताते हुए बहुत आनंद हो रहा है कि एक वर्ष में हमारे विरोधी भी इस सरकार पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा सकते।ये भाजपा की मोदी सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धि है।
·यूपीए के कुछ मंत्रियों द्वारा जीरो लाॅस की थ्योरी बार-बार प्रतिस्थापित की जाती रही कि कोयला में कोई नुकसान नहीं हुआ, स्पेक्ट्रम में कोई नुकसान नहीं हुआ। आज भाजपा की मोदी सरकार ने 220 खदानें जो कांग्रेस ने आबंटित की थी जिसको सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया उसमें से 29 खादानों की पारदर्शी नीलामी करके दो लाख करोड़ से ज्यादा भारत के खजाने में इज़ाफा किया है। इससे स्पष्ट होता है कि कैग ने नुकसान को कुछ कम ही आंका था। एक-तिहाई क्षमता वाले स्पैक्ट्रम की नीलामी भाजपा की मोदी सरकार ने की और एक लाख नौ हजार करोड़ रूपया देश की तिजोरी में जमा हुआ। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि कैग ने नुकसान को कुछ कम ही आंका था। आज एक वर्ष के बाद मैं भारतीय जनता पार्टी की ओर से मांग करता हूं कि कांगे्रस के नेता फिर से एक बार जरा जीरो लाॅस वाली थ्योरी को देश के सामने रखने का साहस करें।
·काले धन पर बार-बार भाजपा पर कांग्रेस के नेता निशाना लगाते हैं कि कालेधन में ये नहीं हुआ वो नहीं हुआ। मैं पूछना चाहता हूं कि 68 वर्ष की आजादी में 60 वर्षों तक कांग्रेस का राज रहा, कांग्रेस ने कालेधन की रोकथाम के क्या काम किया? सुप्रीम कोर्ट का आदेश के बावजूद डेढ़ साल तक कांग्रेस की सरकार ने एसआईटी बनाने का काम नहीं किया था। भाजपा की मोदी सरकार बनने के बाद पहली ही कैबिनेट का पहला ही फैसला कालेधन की जांच के लिए एसआईटी बनाने का हुआ। यह मोदी सरकार की प्रतिबद्धता दिखाता है कि हम कालेधन की रोकथाम के लिए कितने प्रतिबद्ध हैं। तीन साल से दुनियाभर के देशों से जो सूचनाएं आकर पड़ी थी उन सूचनाओं पर कोई कार्यवाही नहीं होती थी। हमारी सरकार बनने के बाद 45 दिनों में करीब-करीब 700 सूचनाओं को हमने एसआईटी को जांच के लिए दे दिया और आज एसआईटी उस पर जांच कर रही है। भाजपा की सरकार कटिबद्धता से कालेधन पर जो वैश्विक समाधान हुए इस पर कानूनी रूप से कार्यवाही करने के लिए कटिबद्ध है। और इसीलिए देश की संसद में वित्तीय अनियमित्ताओं के लिए पहली बार सजा का प्रावधान वाला कानून लेकर मोदी सरकार आई है। आजादी के बाद पहली बार एक कानून ऐसा बना है जिसमें वित्तीय अनियमित्ताओं के लिए सजा का प्रावधान किया गया है। यह कानून बनने के बाद यह बात गारंटी से कही जा सकती है कि इस देश में से फूटी कोड़ी भी कालेधन के रूप में बाहर जाने का रास्ता भाजपा की सरकार ने बंद कर दिया है।
·संघीय ढांचे को मजबूत करने के लिए मोदी सरकार ने जितना किया उतना शायद आजादी के बाद किसी सरकार ने नहीं किया। योजना आयोग भंग कर नीति आयोग में राज्यों के सीएम को शामिल किया गया जिससे योजनाएं राज्यों की आवश्यकता के अनुरूप बने। इससे विकास और कल्याणकारी जो भी योजनाएं बनेंगी उसे वास्तविक रूवरूप देने से जनता को फायदा होगा। खदानों की पारदर्शी निलामी से आने वाली पूरी रकम राज्यों के विकास के लिए देने का निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम है। संघीय ढांचे के अनुरूप राज्यों को साथ लेकर चलने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत केंद्रीय करों के लाभांश में 10 फीसदी वृद्धि करते हुए राज्यों का हिस्सा 32 फीसदी से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया गया। कोयला खदान की नीलामी से जितनी भी राशि आएगी वह बिना किसी पक्षपात के शत-प्रतिशत राज्यों को जाएगी। यह संघीय ढांचे को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रकार टीम इंडिया की भावना को मोदी सरकार ने देश के समक्ष रखा है।
·जब अटल जी को विरासत में 4.4 प्रतिशत विकास दर वाली अर्थव्यवस्था मिली थी तो 6 साल बाद विकास दर को 8.4 प्रतिशत तक पहुंचा कर यूपीए के हाथ में सत्ता सौंपा था। 10 साल बाद 4.4 प्रतिशत विकास दर वाली अर्थव्यवस्था मोदी जी को मिला। 1 साल में हमने जीडीपी को 5.7 फीसदी तक पहुंचाने में सफलता पाई। यह आंकड़े साबित करती है कि कांग्रेस की सरकार जब आती है तो विकास दर गिरता है और भाजपा की सरकार जब आती है तो विकास दर बढ़ता है। बजट घाटा नियंत्रण, व्यापार घाटा नियंत्रण, एफडीआई में वृद्धि-सभी पैमानों पर भाजपा की सरकार अच्छा प्रदर्शन कर रही है।
·लोकसभा चुनाव के समय हमने कहा था कि हमारी प्राथमिकता गरीबों को विकास की अग्रिम पंक्ति में लाना है। हमने जनधन योजना के तहत 15 करोड़ गरीब परिवारों का अकाउंट खुलवाकर उन्हें अर्थतंत्र से जोड़ा। उन्होंने कहा कि इस बजट के अंदर मोदी सरकार दो नई योजनाएं लेकर आई है, पहला साल के 12 रूप्ये प्रीमियम पर 2 लाख का दुर्घटना बीमा और दूसरा 330 रूप्ए पर 2 लाख का जीवन बीमा योजना।
·यदि बेरोजगारी का समाधान कर लेते हैं तो गरीबी अपने आप दूर हो जाएगी। बेरोजगारी दूर करने के लिए मोदी सरकार ने अनेक प्रयास किए हैं। ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्किल डेवलपमेंट’ जैसी पहल बेरोजगारी दूर करने में बेहद कारगर साबित होंगी। ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को विश्व के अन्य देशों से अच्छा रिस्पापंस मिला है। कृषि पर निर्भरता कम करने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए हमने मुद्रा बैंक की योजना शुरू की। मुद्रा बैंक के जरिए 10 हजार से 10 लाख रूपये का लोन उपलब्ध कराने की योजना है।
·बुनियादी ढांचे के अंतर्गत यूपीए के समय सड़क 5.3 प्रतिशत की रफ्तार से बन रही थी, अब 10.1 प्रतिशत बन रही है। यूपीए के समय बिजली उत्पादन 6 फीसदी थी अब बढ़कर 8.5 फीसदी हो गई है यानी 2.5 फीसदी की वृद्धि। दीनदयाल ग्रामीण ज्योती योजना के तहत 44,000 करोड़ दिए गए ताकि राज्यों को 24 घंटे बिजली मिले।
·‘पहल योजना’ के तहत ़ लोगों को उनकी एलपीजी सब्सिडी की रकम सीधे उनके खाते में पहुंचाने की व्यवस्था शुरू कर दी गई है और प्रधानमंत्री के आग्रह पर 2.5 लाख लोगों ने सब्सिडी वाले एलपीजी कनेक्शन छोड़ दिया है।
·प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के तहत 14 प्रतिशत असिंचित भूमि को सिंचन के दायरे में लाया जाएगा। पहले कुदरती आपदा आती थी तो किसानों को सही मुआवजा नहीं मिलता था। हमने पहले के 50 फीसदी नुकसान के साथ-साथ 33 फीसदी नुकसान पर भी मुआवजा देना तय किया है। मुआवजे का दायरा एक हेक्टेयर से बढ़ाकर दो हेक्टेयर कर दिया गया है। मिट्टी हेल्थ कार्ड के तहत कौन सी खाद कितनी मात्रा में डालनी है, खेत में कितना पानी कितने अंतराल पर डालनी है, कौन सा फसल अधिकतम फायदा देगा इसकी सलाह दी जाती है। राजस्थान में इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत हुई है। यूपीए के समय डब्ल्यूटीओ में एक समझौता हुआ था कि किसानों को एमएसपी नहीं दे पाएंगे। लेकिन हमने दृढ़तापूर्वक अपनी बात रखते हुए कहा कि किसानों के हितों को नजरअंदाज नहीं कर सकते। डब्ल्यूटीओ में हमारी जीत हुई। राजनीतिक इच्छाशक्ति का यह बेहतरीन उदाहरण है।
·सुरक्षा, सम्मान, समृद्धि, संवाद और संस्कृति के आधार पर विदेश नीति तय करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी ने सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण देशों की यात्राएं कीं। केंद्र की मोदी सरकार ने एक ठोस रक्षा नीति बनाई है। हमने तीनों सेनाओं के साधनों के लिए 10 साल का एक रोडमैप तैयार कर उन्हें आश्वस्त किया है कि आप निश्ंिचत होकर सीमा की सुरक्षा करें।