Press, Share | Aug 19, 2019
19 August 2019
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने किया कार्बी और डिमासा भवन का शिलान्यास उत्तर-पूर्व का सर्वांगीण विकास श्री नरेंद्र मोदी सरकार का लक्ष्य, बजट 258% तक बढ़ाया – श्री अमित शाह उत्तर-पूर्व में हुए विकास कार्यों के कारण वहां आतंकवाद कम हुआ है तथा शांति स्थापित हुई - केंद्रीय गृह मंत्री केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि विकास के साथ-साथ उत्तर-पूर्व की संस्कृति को भी बचाना है केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार मानती है कि जनजाति को विकास तक ले जाने की बजाय विकास के कार्यों को जनजाति तक ले जाना चाहिए – श्री अमित शाह
श्री शाह ने कहा कि विकास के साथ-साथ उत्तर-पूर्व की संस्कृति को भी बचाना है। पूर्वोत्तर की चिकित्सा विज्ञान की पद्धतियां अत्यंत प्राचीन है, वहाँ वनस्पति के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और इन भवनों में मेडिटेशन गुण वाली औशधियों पर रिसर्च एंड डेवलपमेंट विभाग खोलकर आगे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होँने आगे कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि जो कांग्रेस की सरकार ने वादा किया था उसे श्री नरेंद्र मोदी की सरकार पूरा करने जा रही है। उनका कहना था कि इस भवन निर्माण से उत्तर-पूर्व के बच्चे दुनिया को जानेंगे, विश्व के साथ जुड़ेंगे तथा प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे।
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कार्यक्रम में बोलते हुए डोनर मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि उत्तर-पूर्व का विकास माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मोदी जी कहते हैं कि यदि एक भुजा बलवान हो और दूसरी मजबूत न हो तो देश का समुचित विकास नहीं हो सकता इसलिये उत्तर-पूर्व का विकास भी देश के बाकी हिस्सों की तरह ही होना चाहिये।
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श्री सिंह ने कहा कि इस कथन को ध्यान में रखते हुए श्री नरेंद्र मोदी जी ने उत्तर पूर्व के विकास पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने यह भी बताया कि मोदी सरकार ने नॉर्थ ईस्ट रोड डेवलपमेंट का काम भी शुरू किया है।
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असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भी केंद्र की सरकार, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री श्री अमित शाह का धन्यवाद दिया। कार्बी और डिमासा भवन के शिलान्यास के अवसर पर बोलते हुए आसाम राज्य सरकार के वित्त मंत्री हेमंता विश्वसर्मा का कहना था कि देश में करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं किंतु कार्बी और डिमासा भवन के शिलान्यास लिए माननीय गृह मंत्री अमित शाह का आगमन उनके उत्तर-पूर्व के प्रति विशेष प्रेम को दर्शाता है। इस दौरान उत्तर-पूर्व के कई सांसद और विधायक भी मौजूद थे।
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इन भवनों के निर्माण से भारत के अन्य राज्यों की तरह, दोनों स्वायत्त परिषदों के पास राष्ट्रीय राजधानी में अपनी समृद्ध परंपरा और संस्कृति और विकास कार्यक्रमों का प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली में एक मंच होगा। कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (केएएसी) का दो जिलों पर अधिकार क्षेत्र है: कार्बी आंग्लोंग और पश्चिम कार्बी आंगलोंग। दीमा हसाओ जिला (पूर्व में उत्तरी कछार हिल्स) उत्तरी कछार स्वायत्त परिषद द्वारा शासित है। दोनों क्षेत्र मुख्यतः आदिवासी क्षेत्र हैं जहां हरे-भरे जंगल और जीव हैं। लोगों के पास एक समृद्ध पारंपरिक और संस्कृति है जो सदियों से संरक्षित है।
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मूल रूप से मकीर हिल, कार्बी आंगलोंग या करबियों की भूमि के रूप में जाना जाता है। इसमें रोलिंग हिल्स, घने जंगल, झरने, नदियाँ और नाले हैं। कार्बी आंगलोंग को कोको फॉल्स, खंडुली टूरिस्ट सेंटर, उमवांग टूरिस्ट सेंटर और कोहोरा टूरिस्ट रिज़ॉर्ट जैसे आकर्षण भी मिलते हैं।
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