Union Home Minister and Minister of Cooperation, Shri Amit Shah, replies to the discussion on the Immigration and Foreigners Bill, 2025 in the Lok Sabha, After the discussion, the lower house passed the Bill

Press | Mar 27, 2025

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज लोक सभा में आप्रवास और विदेशियों से संबंधित विधेयक, 2025 (Immigration and Foreigners Bill, 2025)  पर चर्चा का जवाब दिया, चर्चा के बाद सदन ने विधेयक को पारित कर दिया


देश की सीमा में कौन, कब, कितनी अवधि और किस उद्देश्य से आता है, यह जानने का अधिकार देश की सुरक्षा के लिए बहुत ज़रूरी है

भारत कोई धर्मशाला नहीं है, जहाँ कोई भी व्यक्ति किसी भी उद्देश्य से आकर बस जाए, जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा होगा, उसे रोकने का अधिकार संसद के पास है

जो भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान देने आते हैं, उनका स्वागत है, लेकिन जो देश में अशांति फैलाने आते हैं, उन पर कठोर कार्रवाई होगी

अब भारत में आने वाले हर विदेशी नागरिक का संपूर्ण, व्यवस्थित, एकीकृत और अप-टू-डेट लेखा-जोखा होगा

नया इमिग्रेशन कानून Transparent, Tech-driven, Time-bound और Trustworthy होगा

आजादी के बाद भारत की सॉफ्ट पावर ने विश्व में डंका बजाया है और यह विधेयक उसमें नई गति और नई ऊर्जा का संचार करेगा

मोदी सरकार ने इमिग्रेशन नीति में करुणा, संवेदनशीलता के साथ-साथ देश के खतरों के प्रति सतर्कता को भी ध्यान में रखा है

DMK के सांसदों ने कभी भी तमिल शरणार्थियों का मुद्दा नहीं उठाया

अवैध प्रवासियों और निर्धारित समय सीमा से अधिक वक्त तक रुकने वालों की निगरानी के लिए "आप्रवास, वीजा और विदेशी पंजीकरण तथा ट्रैकिंग” (IVFRT) को कानूनी आधार दिया गया

तीन वर्षों के गहन विचार-विमर्श के बाद बना यह विधेयक इमिग्रेशन व्यवस्था को Simplified, Streamlined, Secure और Systematic बनाएगा

देश के 700 से अधिक जिलों में District Police Module (DPM) शुरू किया गया, जिसे Foreigners Identification Portal के नाम से जाना जाता है

पहले इमिग्रेशन चौकियों पर प्रति व्यक्ति जांच में औसतन 4-5 मिनट लगते थे, लेकिन अब सिर्फ 1-2 मिनट लगते हैं

हमने किसी विदेशी को भारत में प्रवेश से रोकने से पहले 24 बिंदुओं पर उसकी 360 डिग्री जांच की व्यवस्था शुरू की

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज लोक सभा में आप्रवास और विदेशियों से संबंधित विधेयक, 2025 (Immigration and Foreigners Bill, 2025) पर चर्चा का जवाब दिया। चर्चा के बाद सदन ने विधेयक को पारित कर दिया।

चर्चा का जवाब देते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि देश की सुरक्षा और अर्थतंत्र को मज़बूत करने, हमारी शिक्षा प्रणाली और विश्वविद्यालयों को वैश्विक बनाने, देश में शोध एंव अनुसंधान की मज़बूत नींव डालने और भारत को 2047 तक दुनिया में हर क्षेत्र में सर्वप्रथम बनाने के लिए यह विधेयक बहुत ज़रूरी है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि इमिग्रेशन एक आइसोलेटेड मुद्दा नहीं है बल्कि देश के कई मुद्दे इसके साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं। हमारे देश की सीमा में कौन, कब, कितनी अवधि के लिए और किस उद्देश्य से आता है, देश की सुरक्षा के लिए यह जानने का अधिकार बहुत ज़रूरी है। श्री शाह ने कहा कि इस विधेयक के पारित होने के बाद भारत में आने वाले हर विदेशी नागरिक का संपूर्ण, व्यवस्थित, एकीकृत और अप-टू-डेट लेखाजोखा रखा जा सकेगा और इसके माध्यम से हम देश का विकास भी सुनिश्चित कर सकेंगे। गृह मंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा को खतरे में डालने वालों पर कड़ी नज़र भी रखी जा सकेगी और उनकी निगरानी भी की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि यह बिल हमारे इन सभी उद्देश्यों की पूर्ति करने वाला सिद्ध होगा।

श्री अमित शाह ने कहा कि प्रवासियों के बारे में हज़ारों साल से भारत का ट्रैक रिकॉर्ड स्पॉटलैस रहा है इसीलिए कोई अलग शरणार्थी नीति की ज़रूरत नहीं है। इस नीति की ज़रूरत उन्हें होती है जिन देशों की रचना भौगोलिक सीमा से हुई है जबकि भारत तो एक भूसांस्कृतिक देश है और हमारी सीमाएं हमारी संस्कृति द्वारा बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि शरणार्थियों के प्रति भारत का एक इतिहास रहा है। श्री शाह ने कहा कि विश्व की सबसे माइक्रो माइनॉरिटी अगर किसी देश में सबसे अधिक सम्मान के साथ रहती है तो भारत में रहती है। उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आस-पास के देशों से 6 प्रताड़ित समुदायों के नागरिकों को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत शरण देने का काम किया गया है। गृह मंत्री ने कहा कि भारत ने सदा मानवता के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है और इसके लिए हमें किसी कानून की ज़रूरत नहीं पड़ी। हमारी परंपरा और संस्कृति ने हमें वसुधैव कुटुंबकम का मंत्र सिखाया और इसका संस्कार दिया।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि दुनियाभर के देशों में भारत से लोग गए और भारतीय प्रवासियों का दुनिया को समृद्ध करने में सबसे अधिक यागदोन रहा है। उन्होंने कहा कि विश्व का सबसे बड़ा diaspora भारत का है जो 146 देशों में फैला है। भारतीय प्रवासी पूरे विश्व की संस्कृति, शिक्षा, विज्ञान और अर्थव्यवस्था में अपना योगदान देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आज अनिवासी भारतीयों (NRIs) की संख्या लगभग 1 करोड़ 72 लाख है और इन सबके सुचारू रूप से आने जाने और इनकी सभी चिंताओं के निराकरण के लिए ही यह बिल लाया गया है। श्री शाह ने कहा कि आजादी के बाद भारत की सॉफ्ट पावर ने विश्व में डंका बजाया है और यह विधेयक उसमें नई गति और नई ऊर्जा का संचार करेगा।

श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में हमारा अर्थतंत्र 11वें से 5वें स्थान पर पहुंचा है और दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में भारत एक ब्राइट स्पॉट बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि भारत मैनुफैक्चरिंग का हब बनने जा रहा है और ऐसे में हमारे यहां विश्वभर के लोगों का आना बहुत स्वाभाविक है, जिसके कारण हमारे इमिग्रेशन का स्केल और साइज़ बहुत बढ़ गए हैं। श्री शाह ने कहा कि इसके साथ ही शरण लेने की जगह अपने निहित स्वार्थ और देश को असुरक्षित करने वालों की संख्या भी बढ़ी है। गृह मंत्री ने कहा कि जो सुचारू रुप से कानूनों के हिसाब से भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान देने आते हैं, उन सभी का स्वागत है, लेकिन अवैध घुसपैठिये, अगर यहां अशांति फैलाने आते हैं तो बड़ी कठोरता के साथ उनसे निपटा जाएगा। श्री शाह ने कहा कि इस नीति में उदारता के साथ- साथ कठोरता भी है। उन्होंने कहा कि हृदय में करुणा, संवेदना और देश के खतरों के प्रति सजगता को एक साथ रखकर यह नीति बनाई गई है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने देश के 130 करोड़ लोगों के सामने भारत को 2027 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 2047 तक एक पूर्ण विकसित राष्ट्र बनने के संकल्प रखे हैं। उन्होंने कहा कि इन दोनों ही लक्ष्यों की पूर्ति के लिए सरल, सुदृढ़ और समसामयिक कानूनों की व्यवस्था अनिवार्य है। इसीलिए इस सदन में कई सारे नए और ऐतिहासिक कानून मोदी सरकार के 10 साल में आए हैं। उन्होंने कहा कि तीन नए आपराधिक कानून, CAA, ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस के लिए 39000 कम्प्लायंस को खत्म करना, 2016 में IBC कोड, बैंक मर्जर और उसके माध्यम से NPA को समाप्त करना,  2017 में 32 बिक्री करों को एककर जीएसटी रोलआउट करने जैसे काम 10 साल में हुए हैं। मोदी सरकार ने UAPA कानून और NIA एक्ट में संशोधन किया और धारा 370 को समाप्त किया। उन्होंने कहा कि इन 10 वर्षों में हर क्षेत्र के हर कानून को मज़बूत करने का काम मोदी सरकार ने किया है।

श्री अमित शाह ने कहा कि इस बिल से हमारे तीसरे नंबर का अर्थतंत्र बनने और नई शिक्षा नीति में हमारी यूनिवर्सिटियों को ग्लोबल बनाने का स्वप्न पूरा होगा। इससे अनुसंधान के क्षेत्र में R&D करने वालों को उदार मन और विश्वसनीयता के साथ काम करने का अच्छा माहौल मिलेगा, देश को विश्वभर में खेलों का उत्कृष्ट केन्द्र बनाने का स्वप्न पूरा होगा, भारत में मीडिएशन और आर्बिट्रेशन का अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र भी बनेगा। उन्होंने कहा कि इन सबके लिए यह बिल बहुत अच्छा माहौल तैयार करेगा। श्री शाह ने कहा कि वर्तमान में यह पूरी व्यवस्था 4 अधिनियमों में बंटी हुई है, लेकिन इनमें ओवरलैपिंग भी है और कई गैप्स हैं। यह विधेयक इन चारों अधिनियमों को निरस्त कर सारे गैप्स को भरने का काम करेगा और रिपिटिशन को समाप्त कर हमारे 2047 तक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य की पूर्ति में मदद करेगा।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 तक पूर्ण विकसित भारत के निर्माण के हमारे लक्ष्य में एक सशक्त अप्रवासन नीति का बहुत बड़ा महत्व होगा। यह विधेयक हमारी प्रणाली को सरल, स्ट्रीमलाइन, सिस्टेमैटिक, और सुरक्षित करेगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ यह बिल ट्रांस्पेरेंट, ट्रैक ड्रिवन, टाइमबाउंड और विश्वसनीय भी होगा। श्री शाह ने कहा कि इन सारे पहलुओं पर तीन साल तक गहन विचार के बाद गृह मंत्रालय ने इस विधेयक को डिज़ाइन किया है। श्री शाह ने कहा कि राजनीतिक कारणों से इस विधेयक का विरोध नहीं करना चाहिए। इस विधेयक के तहत भारत में आने वाले यात्रियों का डेटाबेस तो बनेगा ही, इसके साथ ही यहां हर प्रकार के टूरिज़्म पोटेंशियल का दोहन कर इसमें बहुत वृद्धि होगी, जिससे भारत की ग्लोबल ब्रांडिंग बढ़ाने में बहुत मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे रोजगार और जीडीपी को बढ़ाने में बहुत फायदा होगा। गृह मंत्री ने कहा कि आज़ादी के 75 साल बाद आज भारत की सॉफ्ट पावर ने पूरी दुनिया मे डंका बजाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सॉफ्ट पावर का मतलब है, हमारा योग, आयुर्वेद, उपनिषद, वेद और हमारी ऑर्गेनिक खेती प्रणाली जिसे पूरी दुनिया आज उम्मीद के साथ देख रही है।

श्री अमित शाह ने कहा कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से विदेश से ड्रग कार्टेल, घुसपैठियों की कार्टेल, हथियारों और देश के अर्थतंत्र को खोखला करने वाले हवाला व्यापार को समाप्त करने की भी इस विधेयक में व्यवस्था की गई है। कानूनी प्रावधानों के साथ साथ उनके उल्लघंन पर दंडात्मक कार्रवाई भी इसमें समाहित की गई है। उन्होंने कहा कि तीनों पुराने विधेयक 1920, 1939 और 1946 में देश आज़ाद होने से पहले ब्रिटेन की संसद में बने थे और आज हमारी पूरी आप्रवासन नीति नए भारत की नई संसद में बनने जा रही है, जो एक ऐतिहासिक बात है। श्री शाह ने कहा कि हमारे देश की एक महत्वपूर्ण नीति जो देश की सुरक्षा, व्यापार और विकास को सुनिश्चित करती है, वह विदेशी संसद में बनी थी। उन्होंने कहा कि यह कानून प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध की आपाधापी और अंग्रेज सरकार की रक्षा के लिए बनाए गए थे। उन्होंने कहा कि यह विधेयक विकसित भारत की यात्रा शुरू होने के बाद अमृतकाल के प्रथम चरण और भारत के हितों के लिए बनाया गया है।  

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पुराने कानूनों में कई ओवरलैपिंग थी जिन्हें हमने खत्म किया है,। साथ ही ऐजेंसियों के बीच समन्वय की कमी, डेटा प्रबंधन और सत्यापन की जटिलता को भी समाप्त कर दिया है। पुराने कानूनो के विरोधाभासी प्रावधानों को समाप्त कर इस विधेयक में अधिकारक्षेत्र की स्पष्टता लाई गई है। उन्होंने कहा कि यात्रियों और अधिकारियों के लीगल कन्फ्यूज़न को एकसाथ एक ही बिल समाप्त कर देगा और यह व्यापक कानून अनुपालन के बोझ को भी बहुत हल्का कर देगा। श्री शाह ने कहा कि भारत में प्रवेश, ठहरने और बाहर जाने के लिए अनिवार्य दस्तावेज़ों की अनिवार्यता की आवश्यकता हमने पूरी की है। इनका उलंल्घन करने वाले किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने की शक्तियां भी इस कानून में दी गई हैं। श्री शाह ने कहा कि भारत से किसी विदेशी को हटाने की भी शक्तियां दी हैं। गृह मंत्री ने कहा कि एक प्रकार से आज के समय के अनुकूल प्रावधान बनाने  का खुले मन से काम किया गया है। उन्होंने कहा कि पुराने कानूनों में कुल 45 धाराएं थीं, लेकिन इस कानून में 36 धाराएं रहेंगी, 26 पुरानी और 10 नई। श्री शाह ने कहा कि 36 धाराओं में ही हमारे आप्रवासन का लेखाजोखा दिया जाएगा। गृह मंत्री ने कहा कि हमारा देश धर्मशाला नहीं है कि जो चाहे जिस भी उद्देश्य से यहां आकर रह सकता है। उन्होंने कहा कि कानूनी तरीके से अपने और हमारे देश को समृद्ध करने कोई व्यक्ति आता है तो उसका स्वागत है लेकिन अगर वह सुरक्षा के लिए खतरा है तो उसे रोकने का प्रावधान करने का अधिकार हमारी संसद को है। गृह मंत्री ने कहा कि हम अपनी सीमाओं पर संवेदनशील स्थानों और सेना के प्रतिष्ठानों को सबके लिए खुला नहीं छोड़ सकते।

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि ऑनलाइन पर्यटन वीजा देने की शुरुआत वर्ष 2010 में पांच देशों के नागरिकों से हुई थी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के दौरान यह सुविधा केवल 10 देशों तक सीमित थी, लेकिन हम इसे 169 देशों के लिए लागू कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना है, लेकिन यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि विदेशी नागरिक केवल निर्धारित समय तक ही यहां रहें। वे हमेशा के लिए नहीं रह सकते और न ही वे देश के नागरिक बन सकते हैं।

श्री अमित शाह ने कहा कि सरकार ने 31 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और 6 प्रमुख बंदरगाहों पर ‘Visa on Arrival’ की सुविधा भी शुरू की। वर्ष 2023 में ‘आयुष वीजा’ की नई श्रेणी भी शुरू की गई है। अब ई-वीजा की कुल 9 श्रेणियाँ होंगी, जिनमें ई-पर्यटन वीजा, ई-व्यापार वीजा, ई-चिकित्सा वीजा, चिकित्सा परिचारक वीजा, ई-आयुष वीजा, ई-प्रचारक वीजा, ई-छात्र वीजा और ई-छात्र आश्रित वीजा शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी श्रेणियों में ई-वीजा का प्रावधान कर हमने विदेशियों के लिए भारत आने की प्रक्रिया को सरल बनाया है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हम उन्हीं लोगों को रोकना चाहते हैं, जिनके उद्देश्य सही नहीं हैं, और यह तय करने का अधिकार भारत सरकार को है। उन्होंने कहा कि आयुष वीजा की श्रेणियों की संख्या भी बढ़ाई गई है। अवैध प्रवासियों और निर्धारित समय सीमा से अधिक वक्त तक रुकने वालों की निगरानी के लिए "आप्रवास, वीजा और विदेशी पंजीकरण तथा ट्रैकिंग” (IVFRT) को कानूनी आधार दिया गया है। सभी इमिग्रेशन पोस्ट्स पर भारतीय मिशन, विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) और विदेशी पंजीकरण कार्यालय (FRO) को एंड-टू-एंड एकीकृत प्रणाली से जोड़ने का काम पूरा कर लिया गया है। श्री शाह ने कहा कि देशभर के 700 से अधिक जिलों में District Police Module (DPM) भी शुरू किया गया है, जिसे Foreigners Identification Portal के नाम से जाना जाता है।

श्री अमित शाह ने कहा कि 2014 में इमिग्रेशन पोस्ट्स की संख्या 83 थी, जो अब बढ़कर 114 हो गई है, यानी इसमें 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सरकार ने इमिग्रेशन पोस्ट्स के आधुनिकीकरण के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। पहले इमिग्रेशन चौकियों पर प्रति व्यक्ति जांच में औसतन 4-5 मिनट लगते थे, लेकिन अब सिर्फ 1-2 मिनट लगते हैं। उन्होंने कहा कि Fast Track Immigration - Trusted Traveller Program (FTI-TTP) को आठ प्रमुख हवाई अड्डों पर लागू किया गया है, जिसमें यदि यात्री पहले से सारी जानकारी भरकर आता है, तो केवल 30 सेकंड में जांच प्रक्रिया पूरी हो जाती है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पहले Integrated Check Post (ICP) काउंटर 743 थे, लेकिन अब यह 206 प्रतिशत बढ़ कर 2278 हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय भारत में आने वाले व्यक्तियों की संख्या 2 करोड़ 49 लाख थी, जबकि मोदी सरकार के दौरान 2024 के अंत तक 4 करोड़ लोग भारत आए। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय भारत से बाहर जाने वाले लोगों की संख्या 2 करोड़ 59 लाख थी, जो हमारी सरकार में 4 करोड़ 11 लाख रही है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर, भारत आने और भारत से बाहर जाने वालों कि संख्या पहले 5 करोड़ 8 लाख थी, जो अब बढ़कर 8 करोड़ 12 लाख हो गई है यानि इसमें 69 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि किसी एक दशक में यह सबसे अधिक वृद्धि है और अगर सभी दशकों के हिसाब से देखें तो यह वृद्धि लगभग 50 प्रतिशत से ज्यादा एक ही दशक में हुई है। 

श्री अमित शाह ने कहा कि जिनका उद्देश्य सही नहीं है, उन्हें देश में आने से जरूर रोका जाएगा, क्योंकि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला है। उन्होंने कहा कि पहले से ही हमारे कानूनों में विदेशी नागरिकों को प्रवेश से वंचित रखने का प्रावधान अधिकारियों के पास था। वीजा धारकों को देश के किसी एक बिंदु तक जाने देने का अधिकार भी अधिकारियों के पास ही था। लेकिन अधिकारियों के पास किसी विदेशी को प्रवेश से वंचित करने का अधिकार होने का मतलब यह नहीं कि वे मनमानी करेंगे। गृह मंत्री ने कहा कि किसी को प्रवेश से रोकने का निर्णय कई एजेंसियों के इनपुट के आधार पर ही लिया जा सकता है। श्री शाह ने कहा कि 2014 के बाद हमने तय किया कि किसी को भी रोकने से पहले 24 बिंदुओं पर उसकी 360 डिग्री जांच की जाएगी।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि डैमेज पासपोर्ट की व्याख्या अलग-अलग घटनाओं के कारण समय-समय पर बदलती रहती है। ऐसी घटनाओं के आधार पर नियम बदले जा सकते हैं, लेकिन कानून नहीं बदला जा सकता। इसलिए सरकार ने धारा-30 में नियम बनाने के अधिकार दिए हैं। धारा- 33 उन पर लागू होगी जो भारत की सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी विश्वविद्यालय में कितने विदेशी शिक्षक पढ़ाते हैं और कितने विदेशी छात्र पढ़ते हैं, यह जानकारी प्राप्त करने का भारत सरकार का अधिकार है और यह जानकारी देनी भी चाहिए।

श्री अमित शाह ने कहा कि बांग्लादेश से सटी हमारी सीमा 2216 किलोमीटर लंबी है, जिसमें 653 किलोमीटर पर बाड़ बन चुकी है। बाड़ के पास रोड भी बन चुका है और चौकियां भी स्थापित की गई हैं। सेज फेंसिंग की लंबाई 563 किलोमीटर है, लेकिन 563 किलोमीटर में से 112 किलोमीटर ऐसी जगह है जहां बॉर्डर फेंसिंग संभव नहीं है, क्योंकि वहां नाले, नदियां और ऊंची-नीची पहाड़ियां हैं, जहां फेंसिंग नहीं हो सकती। 450 किलोमीटर जगह पर फेंसिंग हो चुकी है और बाकी की 450 किलोमीटर के लिए केन्द्र ने डीओ लेटर लिखकर 10 बार रिमाइंडर दिया है, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार जमीन नहीं देती। श्री शाह ने कहा कि केन्द्रीय गृह सचिव ने बंगाल के सचिव के साथ सात बैठक कीं, लेकिन वे भूमि देने को तैयार नहीं हैं। जहां फेंसिंग लगाने का काम शुरू होता है, वहाँ सत्ताधारी पार्टी के लोग आकर हुड़दंग करते हैं। उन्होंने कहा कि 453 किलोमीटर की फेंसिंग रोकने का मुख्य कारण पश्चिम बंगाल सरकार की घुसपैठियों पर दया दृष्टि है। श्री शाह ने कहा कि 453 किलोमीटर में फेंसिंग के बाद 112 किलोमीटर की सीमा खुली रह जाएगी। इस 112 किलोमीटर में नदियां, नाले और कठिन भौगोलिक परिस्थितियां हैं, जहां से लोग घुसपैठ करते हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के अवैध घुसपैठिये असम से आते थे और अब बंगाल से आते हैं। श्री शाह ने कहा कि बंगाल में उनकी पार्टी की सरकार आने के बाद वहाँ से भी घुसपैठ बंद कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आजादी के वक्त जो शरणार्थी भारत आए, उन्हें हम घुसपैठिये नहीं मानते, वे सच्चे शरणार्थी हैं। जो अपने धर्म और परिवार को बचाने यहां आए, वे सही मायने में शरणार्थी हैं। इसलिए हम नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लेकर आए, जो कोई भेदभाव नहीं करता। श्री शाह ने कहा कि हिन्दू, बौद्ध, सिख, पारसी, ईसाई और जैन, इनमें कोई भी व्यक्ति भारत आए तो उनका स्वागत है। लेकिन जो घुसपैठ के लिए आते हैं, उन्हे जरूर रोका जाएगा। नागरिकता उन्हें ही मिलेगी, जिन पर अत्याचार हुआ, जिन्होंने विभाजन की विभीषिका झेली और जिनके परिवारों पर अत्याचार हुआ। तमिल शरणार्थियों के बारे में एक सदस्य के सवाल का जवाब देते हुए श्री शाह ने कहा कि DMK के सांसदों ने उनके समक्ष कभी भी तमिल शरणार्थियों का मुद्दा नहीं उठाया।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि यह विधेयक चार मौजूदा कानूनों को समाप्त कर उन्हें बदलने के लिए लाया गया है। इन चारों कानूनों में जितनी भी कमियाँ थीं, उन्हें दूर किया गया है, ओवरलैपिंग को भी खत्म किया गया है। उन्होंने कहा कि आज के समय में भारत के अर्थतंत्र, शिक्षा, चिकित्सा पद्धति, अनुसंधान और लीगल व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग चाहिए, साथ ही हमें दुनिया को भी सपोर्ट करना है। गृह मंत्री ने कहा कि इन पहलुओं को ध्यान में रखकर, लेकिन सबसे पहले देश की सुरक्षा की चिंता करके यह विधेयक लाया गया है।


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