Union Home Minister and Minister of Cooperation Shri Amit Shah unveils a grand statue of Bhagwan Birsa Munda in New Delhi on the occasion of his 150th birth anniversary

Press | Nov 15, 2024

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने भगवान बिरसा मुंडा के 150वें जयंती वर्ष के अवसर पर आज नई दिल्ली में उनकी भव्य प्रतिमा का अनावरण किया


अल्पायु में ही बिरसा मुंडा जी ने दृढ़ता के साथ धर्मांतरण के खिलाफ आंदोलन चलाया

स्वतंत्रता संग्राम एवं धर्मांतरण विरोधी आंदोलन के लिए देशवासी सदैव भगवान बिरसा मुंडा जी के आभारी रहेंगे

जल, जंगल और जमीन ही आदिवासियों के लिए सब कुछ है, इस संस्कार को बिरसा मुंडा जी ने पुनर्जीवित किया

राँची की जेल से इंग्लैंड की महारानी तक राष्ट्र नायक बिरसा मुंडा जी बने देशवासियों की आवाज

आदिवासियों ने देश भर में अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़ कर भाग लिया, लेकिन दुर्भाग्य से आजादी के बाद इन महानायकों को भुला दिया गया

मोदी जी ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की और आदिवासी नायकों के सम्मान में देश भर में 20 संग्रहालय बनाने का निर्णय लिया

भगवान बिरसा मुंडा ने अपने कार्यों से ऐसी गाथा लिखी कि सदैव देश की जनता उनके सामने नतमस्तक रहेगी

पहले की सरकार में आदिवासियों के विकास का सिर्फ ₹28,000 करोड़ का बजट था, जबकि मोदी सरकार में आदिवासियों के विकास के लिए ₹1,33,000 करोड़ का बजट है

आदिवासियों के लिए अपनी मूल संस्कृति के संरक्षक के साथ-साथ बिरसा मुंडा जी ने अपने कर्मों से यह बताया कि जीवन कैसा हो, किसके लिए हो और किस ध्येय के लिए समर्पित हो

मोदी सरकार ने इस अवसर पर सराय काले खां चौक का नाम बदलकर ‘भगवान बिरसा मुंडा चौक’ करने का निर्णय भी लिया


केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने भगवान बिरसा मुंडा के 150वें जयंती वर्ष के अवसर पर आज नई दिल्ली के बांसेरा उद्यान में उनकी भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर केन्द्रीय शहरी कार्य एवं आवासन मंत्री श्री मनोहर लाल, दिल्ली के उप-राज्यपाल श्री विनय कुमार सक्सेना, केन्द्रीय मंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।


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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा थी। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन झारखंड के एक छोटे से गांव में भगवान बिरसा मुंडा का जन्म हुआ था। श्री शाह ने कहा कि बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में 15 नवंबर 2025 तक आगामी एक वर्ष ‘आदिवासी गौरव वर्ष’ के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा जी की 150वें जयंती वर्ष के अवसर पर मोदी सरकार ने सराय काले खां चौक का नाम बदलकर ‘भगवान बिरसा मुंडा चौक’ करने का निर्णय भी लिया है।


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श्री अमित शाह ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा आदिवासियों के लिए अपनी मूल संस्कृति के उद्धारक तो बने ही, साथ ही उन्होंने 25 वर्ष की अल्पायु में देश के अनेक लोगों के लिए अपने कृत्यों के माध्यम से इस बात की व्याख्या की कि जीवन कैसा व किसके लिए होना चाहिए और जीवन का ध्येय क्या होना चाहिए। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर भगवान बिरसा मुंडा आजादी के महानायकों में से एक हैं। गृह मंत्री ने कहा कि बहुत कम उम्र में भगवान बिरसा मुंडा ने अपनी सेकंडरी शिक्षा के दौरान धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाई थी। जब पूरे भारत और दो-तिहाई दुनिया पर अंग्रेजों का शासन था, उस समय बालक बिरसा मुंडा ने धर्मांतरण के खिलाफ दृढ़ता से खड़ा होने की वीरता दिखाई और आगे चलकर यह दृढ़ता और वीरता इस देश के एक नायक के रूप में परिवर्तित हुई। उन्होंने कहा कि राँची की जेल से इंग्लैंड की महारानी तक राष्ट्र नायक बिरसा मुंडा जी देशवासियों की आवाज बने थे।


केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने जल, जंगल और जमीन के संस्कार को पुनर्जीवित किया और कहा कि आदिवासियों के लिए यही सब कुछ है। बिरसा मुंडा ने समाज में कई प्रकार की जागरूकता लाने का काम किया। उन्होंने मदिरा पान, जमींदारों की शोषण युक्त व्यवस्था और ब्रिटिश राज का विरोध किया। श्री शाह ने कहा कि सामाजिक सुधार और स्वतंत्रता संघर्ष एवं धर्मांतरण विरोधी आंदोलन के लिए पूरा सदैव देश भगवान बिरसा मुंडा का आभारी रहेगा।


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श्री अमित शाह ने कहा कि “धरती आबा” के नाम से प्रसिद्ध भगवान बिरसा मुंडा के जीवन को दो हिस्सों में बांटकर देखा जा सकता है। पहला आदिवासी संस्कृति की रक्षा को लेकर उनकी प्रतिबद्धता है जबकि दूसरा मातृभूमि की आजादी और इसकी रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने का जज्बा। उन्होंने कहा कि सिर्फ 25 वर्ष की आयु में भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों ​के खिलाफ क्रांति की ज्योति जगाई और आदिवासियों की स्थिति की तरफ न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। धरती आबा” बिरसा मुंडा ने अपने कार्यों से ऐसी गाथा लिखी कि 150 साल बाद भी पूरा देश आज उनके सामने नतमस्तक है।


केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आदिवासियों ने देश भर में अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़ कर भाग लिया, लेकिन दुर्भाग्य से आजादी के बाद इन महानायकों को भुला दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2015 में ₹ 200 करोड़ की लागत से देश में 20 आदिवासी महानायकों के संग्रहालय बनाने का निर्णय लिया ताकि बच्चे इन महानायकों के जीवन से परिचित हो सकें। उन्होंने कहा कि अब तक तीन संग्रहालय बन चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने रांची में भगवान बिरसा मुंडा संग्रहालय, जबलपुर में शंकर शाह और रघुनाथ शाह संग्रहालय तथा छिंदवाड़ा में जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन कर चुके हैं। गृह मंत्री ने कहा कि वर्ष 2026 तक शेष सभी संग्रहालय भी बनकर तैयार हो जाएंगे।


श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने जनजातीय गौरव के लिए ढेर सारे काम किए हैं। आजादी के बाद के 75 साल में पहली बार किसी आदिवासी को राष्ट्रपति बनने का मौका मोदी सरकार ने दिया है। श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी गरीब आदिवासी परिवार की बेटी हैं और आज देश के प्रथम नागरिक का स्थान शोभायमान कर रही हैं। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार ने बीते 10 साल में आदिवासी क्षेत्र में विकास को रोकने और बच्चों को गुमराह करने वाले नक्सलवाद को लगभग समाप्त कर दिया है।


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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पहले की सरकार में जनजातियों के विकास के लिए सिर्फ ₹ 28,000 करोड़ का बजट था, जबकि मोदी सरकार ने वर्ष 2024-25 के बजट में आदिवासियों के विकास के लिए ₹ 1,33,000 करोड़ का प्रावधान किया है। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत 26,428 आदिवासी गांवों में सभी बुनियादी सुविधाएं पूर्ण रूप से उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने कहा कि डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन स्कीम के तहत ₹ 97 हजार करोड़ आदिवासी क्षेत्रों में वितरित किए गए। साथ ही 708 एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल बनाए गए, प्रधानमंत्री पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन के तहत ₹ 15,000 करोड़ और प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत 63,000 गांवों को संपूर्ण रूप से विकसित करने के लिए ₹ 24,000 करोड़ आवंटित गए हैं।


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